क्या आपने कभी सोचा है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने चरमपंथ के खिलाफ ऑपरेशन ‘अज़्म-ए-इस्तेहकाम’ यानी ‘स्थिरता के संकल्प’ की मंजूरी देकर यह संदेश दिया है कि सुरक्षा केवल सेना की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि राज्य सरकारों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। इस घोषणा के बाद कई सवाल उठते हैं: क्या China पाकिस्तान में पूंजी निवेश करने के लिए अब भी रुचि रखता है? और क्यों China ने पाकिस्तान में निवेश के लिए आंतरिक स्थिरता की मांग की है? नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज़। –Pakistan Security update
पाकिस्तान में हाल ही में हुई घटनाओं ने देश की सुरक्षा स्थिति और राजनीतिक स्थिरता पर गहन प्रभाव डाला है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई नेशनल एक्शन प्लान पर केंद्रीय एपेक्स कमेटी की बैठक में चरमपंथ के खिलाफ ऑपरेशन ‘अज़्म-ए-इस्तेहकाम’ की मंजूरी दी गई। इस ऑपरेशन का उद्देश्य देश में चरमपंथ को जड़ से खत्म करना और आंतरिक स्थिरता सुनिश्चित करना है। –Pakistan Security update
इससे पहले, इस्लामाबाद में China के मंत्री लियो जियान चाओ ने पाकिस्तान में China के पूंजी निवेश को आंतरिक स्थिरता और बेहतर सुरक्षा व्यवस्था से जोड़ते हुए कहा था कि बिना सुरक्षा के व्यापारिक निवेश संभव नहीं है।-Pakistan Security update
शरीफ ने स्पष्ट किया कि देश की सुरक्षा केवल सेना की जिम्मेदारी नहीं हो सकती। राज्य सरकारों को भी अपनी भूमिका निभानी होगी। बैठक के बाद घोषणा में न केवल देश में China नागरिकों की सुरक्षा के लिए ‘एसओपी’ बनाने की बात की गई, बल्कि चरमपंथ के खात्मे के लिए नए सैन्य ऑपरेशन का भी ऐलान किया गया।
आपको बता दे कि पाकिस्तान में चरमपंथ की समस्या लंबे समय से चली आ रही है। 1980 के दशक में अफगान युद्ध के दौरान चरमपंथियों का उदय हुआ, और इसके बाद से यह समस्या बढ़ती गई। कई सरकारों ने इसे नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन कोई भी ठोस सफलता प्राप्त नहीं हो सकी। –Pakistan Security update
वही वर्तमान में, पाकिस्तान में चरमपंथ एक गंभीर समस्या है जो न केवल देश की आंतरिक सुरक्षा को खतरे में डालती है, बल्कि आर्थिक विकास China-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे में किए गए भारी निवेश के बावजूद, China अब और पूंजी निवेश से पहले सुरक्षा की गारंटी चाहता है।
यदि ऑपरेशन ‘अज़्म-ए-इस्तेहकाम’ सफल होता है, तो यह न केवल पाकिस्तान की आंतरिक स्थिरता को मजबूत करेगा, बल्कि विदेशी निवेशकों के विश्वास को भी बढ़ाएगा। इससे आर्थिक विकास में तेजी आएगी और नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। हालांकि, इस ऑपरेशन की सफलता इस पर निर्भर करेगी कि सरकार और सेना किस हद तक समन्वय और कड़ी कार्रवाई कर पाते हैं।
वैसे China -पाकिस्तान आर्थिक गलियारा पाकिस्तान और China के बीच एक महत्वपूर्ण परियोजना है, जो दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। हालांकि, इस परियोजना को शुरू से ही सुरक्षा संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। बलूचिस्तान में सक्रिय चरमपंथी समूहों ने कई बार सीपेक के निर्माण कार्य को निशाना बनाया है।
पाकिस्तान के राजनीतिक परिदृश्य में भी अस्थिरता ने देश की आंतरिक सुरक्षा को प्रभावित किया है। विभिन्न राजनीतिक दलों और संस्थानों के बीच टकराव और असहमति ने स्थिति को और जटिल बना दिया है। Chinaने इस बात पर जोर दिया है कि सभी राजनीतिक दलों और संस्थानों को मिलकर काम करना होगा ताकि देश में सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित की जा सके।
ऐसे में चरमपंथ के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन का पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव पड़ सकता है। विदेशी निवेशकों के लिए सुरक्षा एक महत्वपूर्ण कारक है। यदि ऑपरेशन सफल होता है और देश में स्थिरता आती है, तो यह विदेशी निवेश को आकर्षित करेगा और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।
तो इस तरह ऑपरेशन ‘अज़्म-ए-इस्तेहकाम’ पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा और स्थिरता को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यदि यह ऑपरेशन सफल होता है, तो यह न केवल चरमपंथ को नियंत्रित करेगा, बल्कि देश में विदेशी निवेश को भी आकर्षित करेगा। हालांकि, इसकी सफलता इस पर निर्भर करेगी कि सरकार और सेना किस हद तक समन्वय और कड़ी कार्रवाई कर पाते हैं।
नमस्कार, आप देख रहे थे AIRR न्यूज़।
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