कंगाली की कगार पर pakistan के किसान, देशव्यापी आंदोलन की तैयारी

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pakistan की अवाम भूखमरी की शिकार है…वहां का अन्नदाता गरीबी, गुरबत और अनदेखी का शिकार है…प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने जो वादा अपने किसानों से किया था…किसानों के लिए जो पैकेज का ऐलान किया था…वो था 1.8 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये के पैकेज का वादा…लेकिन वो पैकेज सरकार ने अभी तक नहीं दिया है…जिसके बाद pakistan किसान एकता संगठन ने सरकार से देश में कृषि आपातकाल घोषित करने का आग्रह किया है…-pakistan kisan ni Trouble

pakistan में किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार शिकायतों का समाधान करने में विफल रहती है तो ईद-उल-फितर के बाद संभावित विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी जाएगी…अगर सरकार किसानों  के मुद्दों को संबोधित करने में विफल रहती है तो किसान ईदुल फितर के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे…जरूरत पड़ने पर इस्लामाबाद में धरना दिया जाएगा…इसके अलावा किसानों ने खाद और उर्वरकों की कीमत में बढ़ोतरी पर भी अपनी नाराजगी जाहिर की है…इस वक्त pakistan के किसान 6,000 रुपए प्रति बैग यूरिया खरीद रहे हैं…जो अपने आप में एक समस्या है… -pakistan kisan ni Trouble

दरअसल हिंदुस्तान की तरह ही कृषि को pakistan में भी अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है…जो इसकी प्रमुख फसलों पर बहुत अधिक निर्भर करती है...pakistan के प्रमुख प्राकृतिक संसाधन कृषि योग्य भूमि और पानी हैं…pakistan की जीडीपी में कृषि का हिस्सा लगभग 18.9% है और यह लगभग 42.3% श्रम शक्ति को रोजगार देता है…

दरअसल एक साल पहले भी pakistan में किसानों ने सब्सिडी की मांग को लेकर बड़ा उग्र प्रदर्शन किया था और अब एक बार फिर pakistan में केंद्र और प्रांतीय सरकार को किसानों के गुस्से का कोपभाजन बनना पड़ रहा है…किसान इत्तेहाद के अध्यक्ष मियां उमर ने पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री मरियम नवाज पर आरोप लगाते हुए कहा कि मरियम नवाज ने अभी तक कृषि क्षेत्र पर एक भी बैठक नहीं की है…जबकि शपथ लेते वक्त मरियम ने बड़े बड़े दावे किए थे…

इतना ही नहीं मरियाम नवाज ने जब सदन मे किसानों के हित की बात की थी तब लगा था कि अब pakistan के किसानों के दिन फिरने वाले हैं लेकिन आज सच्चाई कुछ और है…किसान सड़क पर संग्राम को मजबूर है…क्योंकि महंगाई इतनी बढ़ गई है कि किसानों के बस की बात नहीं कि इतनी महंगी खाद खरीद कर खेती में लगाए…और जबकि किसान अपने पैकेज की मांग, खाद की कीमतों में सब्सिडी की डिमांड को लेकर सड़क पर हैं तो किसानों को सरकार की तरफ से चेतावनी दी जाती है कि जब आंदोलन वाले रास्ते से पंजाब की सीएम मरियम नवाज गुजरेंगी तो उनके रास्ते को ब्लॉक नहीं किया जाय…

दरअसल pakistan में इस वक्त किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है…एक तो महंगा खाद और दूसरी तरफ बिजली की बढ़ी कीमतें…दोनों ही किसानों की कमर तोड़ रहा है…pakistan में किसानों को प्रति यूनिट 54 रुपये का भुगतान करना पड़ता है…लेकिन pakistan में इसकी चिंता ना सरकार को है…ना ही पंजाब और सिंध के मुख्यमंत्रियों को…उन्हें तो बस अपना खजाना भरना है…बाकी किसान सड़क पर संग्राम करे या अल्लाह का नाम ले…उन्हें फर्क नहीं पड़ता…

 एक तो महंगा खाद और दूसरी तरफ बिजली की बढ़ी कीमतें…दोनों ही किसानों की कमर तोड़ रहा है…

 क्या pakistan के किसान देशव्यापी हड़ताल करेंगे?

pakistan की इस समस्या का हल क्या है?

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