Pakistan Elections 2024: Lashkar-e-Taiba’s Political Wing PMML’s Entry | AIRR News
Pakistan Elections 2024: लश्कर-ए-तैयबा की राजनीतिक शाखा पीएमएमएल की एंट्री | एआईआरआर समाचार
पाकिस्तान में 8 फरवरी 2024 को होने वाले आम Pakistan Elections में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की राजनीतिक शाखा पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग PMML ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है।
इस घोषणा से पाकिस्तान की राजनीति में एक नया मोड़ आया है, जिसमें आतंकवाद के समर्थकों को भी एक राजनीतिक आवाज मिली है। लेकिन क्या यह आवाज पाकिस्तान की जनता को भी भाएगी? क्या PMML को चुनाव में कोई भी सफलता मिलेगी? और क्या इससे पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर कोई असर पड़ेगा? मिलेंगे सभी सवालों के जवाब।
PMML जिसका पूरा नाम पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग है, जो लश्कर-ए-तैयबा की राजनीतिक शाखा है। लश्कर-ए-तैयबा एक आतंकवादी संगठन है, जिसने पिछले कई दशकों में भारत और अन्य देशों में कई खूनी हमले किए हैं, जिनमें 2008 के मुंबई हमला भी शामिल है।
आपको बता दे कि PMML का नेतृत्व लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक और 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज मोहम्मद सईद का बेटा तल्हा सईद और पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष खालिद मसूद सिंधू कर रहे हैं। तल्हा सईद लाहौर की सीट NA-127 से लड़ेंगे, जबकि सिंधू NA-130 से हिस्सा लेंगे, वर्तमान में जहां पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ हैं।
यहां PMML का दावा है कि वह पाकिस्तान की जनता के लिए न्याय, शांति और विकास का एजेंडा लेकर आ रही है, और वह इस्लाम के खिलाफ होने वाली साजिशों का मुकाबला करेगी।कुर्सी चुनाव चिन्ह वाली PMML सत्ता के लिए किसी भी पार्टी के साथ समझौतेबके लिए तैयार है।
PMML के लिए ये चुनाव लडना इतना आसान नहीं होगा । उसे चुनाव लड़ने के लिए कई बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि लश्कर-ए-तैयबा को पाकिस्तान, भारत, अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ द्वारा एक आतंकवादी संगठन के रूप में माना गया है। जिसने पिछले कई दशकों में भारत और अन्य देशों में कई आतंकवादी हमले किए हैं, जिनमें 2008 के मुंबई हमले का जिम्मेदार भी है।
आपको बता दे कि PMML के नेता हाफिज सईद अभी पाकिस्तानी जेल में बंद हैं, और उन्हें आतंकवाद को फेलाने और उसका पोषण करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उन्हें भारत और अन्य देशों द्वारा आतंकवादी हमलों के लिए भी जिम्मेदार माना जाता है, और उन पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इनाम भी घोषित किया गया है।
इसी सब के चलते PMML के उम्मीदवारों को चुनाव आयोग द्वारा उम्मीदवारी देने से इनकार कर दिया गया है, क्योंकि वे आतंकवादी संगठनों के सदस्य हैं। इसके अलावा, अमेरिका और भारत ने PMML को इस चुनाव में चुनाव लड़ने के लिए एक नकली नाम का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है, और इसे एक आतंकवादी संगठन के रूप में घोषित करने की मांग की है।
दूसरी तरफ इसके जवाब में PMML के समर्थकों ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया है, और कहा है कि वे पाकिस्तान की जनता की भलाई के लिए काम करना चाहते हैं। वे अपने नेताओं को रिहा करवाने और चुनाव में भाग लेने के लिए अदालतों में याचिका दायर करने की घोषणा भी कर चुके हैं।
ऐसे में PMML का चुनाव में प्रवेश पाकिस्तान की राजनीति में एक नया तड़का लाने वाला है, जिसमें आतंकवाद के समर्थन और विरोध के बीच एक नया मोर्चा खुलेगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि PMML को चुनाव में कितना समर्थन मिलता है, और इसका पाकिस्तान के आंतरिक और बाहरी मामलों पर क्या प्रभाव पड़ता है।
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