साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पीएम मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए को शिकस्त देने के लिए 26 विपक्षी दलों ने मिलकर एक महागठबंधन तैयार किया है और उसका नाम INDIA दिया गया है। हाल में ही किए गए सर्वे में यह जानने की कोशिश की गई कि क्या महागठबंधन का नाम INDIA होने से बीजेपी को उस पर हमला करने में दिक्कत होगी। इस संबंध में सर्वे में बेहद ही चौंकाने वाले आकंड़े सामने आए हैं।-opposition grandalliance – Congress news update
साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पीएम मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए को शिकस्त देने के लिए 26 विपक्षी दलों ने मिलकर एक महागठबंधन तैयार किया है और उसका नाम INDIA दिया गया है। हाल में ही किए गए सर्वे में यह जानने की कोशिश की गई कि क्या महागठबंधन का नाम INDIA होने से बीजेपी को उस पर हमला करने में दिक्कत होगी। इस संबंध में सर्वे में बेहद ही चौंकाने वाले आकंड़े सामने आए हैं।-opposition grandalliance – Congress news update
बता दें कि विगत 18 जुलाई को कर्नाटक के बेंगलुरू में विपक्षी महागठबंधन की बैठक आहूत की गई थी जहां महागठबंधन के लिए INDIA नाम की घोषणा की गई थी। सर्वे में शामिल आंकड़ों के मुताबिक ज्यादातर लोगों का ऐसा मानना है कि ‘INDIA’ नाम होने से बीजेपी को महागठबंधन पर हमला करने में काफी दिक्कत होगी। न्यूज चैनल एबीपी के लिए सी वोटर द्वारा किए गए सर्वे में 48 फीसदी लोगों ने बताया कि INDIA नाम होने से बीजेपी को विपक्षी महागठबंधन पर हमला करने में काफी दिक्कत होगी। जबकि 34 फीसदी लोगों को ऐसा नहीं लगता है। वहीं 18 फीसदी लोग इस मुद्दे पर भ्रमित नजर आए, इसलिए उन्होंने पता नहीं में जवाब दिया।
विपक्षी महागठबंधन में जो सबसे बड़ी बात उभरकर सामने आ रही है, वह यह कि कांग्रेस ने विपक्षी गठबंधन INDIA को हाईजैक कर लिया है। जब इस मुद्दे को लेकर सर्वे किया गया तो भी चौंकाने वाले नतीजे सामने आए। सर्वे में 37 फीसदी लोगों ने माना कि विपक्षी एकता में कांग्रेस हावी है, जबकि 35 फीसदी लोग ऐसा नहीं मानते हैं। वहीं 28 फीसदी लोग इस प्रश्न पर कंफ्यूज नजर आए।
विपक्षी महागठबंधन के कांग्रेस द्वारा हाईजैक किए जाने के सवाल पर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बेंगलुरु में आयोजित विपक्षी महागठबंधन की बैठक को कांग्रेस ने पूरी तरह हाईजैक कर लिया। इसके लिए कांग्रेस की तरफ से नीतीश कुमार और शरद पवार को किनारे कर बैठक में ममता बनर्जी और अरविन्द केजरीवाल को महत्व दिया गया। यहां तक कि कर्नाटक में लगे सियासी पोस्टरों से भी नीतीश कुमार को गायब कर दिया गया। इसके ठीक विपरीत सुल्तानगंज-पुल ढहने की फोटो के साथ नीतीश विरोधी पोस्टर लगाए गए थे।
सुशील मोदी ने कहा कि बेंगलुरू की बैठक में संयोजक नहीं बनाए जाने तथा विपक्षी गठबंधन का नाम INDIA रखने से खफा नीतीश कुमार अपनी असहमति छिपाने के लिए इधर-उधर की बातें कर रहे हैं। नीतीश कुमार के लिए बीजेपी के दरवाजे बंद हो चुके हैं ऐसे में बेंगलुरू में मिले दर्द को छुपाने के लिए उन्हें कुछ ज्यादा मुस्कुराना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि बेंगलुरु में आयोजित विपक्षी बैठक के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले ही नीतीश कुमार बिहार के लिए रवाना हो गए थे, इसके बाद नीतीश कुमार की नाराजगी की बात सामने आई थी। इस मुद्दे को लेकर सी वोटर ने एबीवी न्यूज के लिए एक सर्वे किया जिसमें यह जानने की कोशिश की गई कि विपक्षी महागठबंधन अब नीतीश कुमार को कितना तवज्जो दे रही हैं। सर्वे रिपोर्ट नीतीश कुमार के अनुकूल नहीं दिख रहा है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, 36 फीसदी लोगों का ऐसा मानना है कि विपक्षी पार्टियां अब नीतीश कुमार को भाव नहीं दे रही हैं। वहीं 35 फीसदी लोगों का कहना है कि नीतीश कुमार को भाव मिल रहा है। जबकि 29 प्रतिशत लोग इस सवाल पर कोई स्पष्ट राय नहीं दे सके।
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