Operation Sindoor: पाकिस्तान के साथ देने वाले तुर्की पर फूटा गुस्सा, जेएनयू के बाद अब जामिया ने उठाया बड़ा कदम | Türkiye for supporting Pakistan in Operation Sindoor after JNU jamia millia islamia university cancelled agreement in Delhi

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    जामिया मिलिया इस्लामिया का बड़ा कदम

    जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के बाद अब राजधानी दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने भी तुर्की के साथ अपने सभी प्रकार के शैक्षणिक समझौतों को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है। विश्वविद्यालय ने इस संबंध में अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर जानकारी साझा करते हुए लिखा “राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से नई दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया ने तुर्की गणराज्य की सरकार से संबद्ध किसी भी संस्थान के साथ हुए समझौता ज्ञापनों (MoU) को तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक निलंबित कर दिया है। विश्वविद्यालय राष्ट्र के साथ पूरी मजबूती से खड़ा है।”

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    जामिया के जनसंपर्क अधिकारी की पुष्टि

    इस विषय में विस्तार से जानकारी देते हुए जामिया मिलिया इस्लामिया की जनसंपर्क अधिकारी, प्रोफेसर साइमा सईद ने समाचार एजेंसी ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया “हमने तुर्की के किसी भी शैक्षणिक संस्थान या उससे जुड़े प्रतिष्ठानों के साथ वर्तमान में चल रहे सभी सहयोगात्मक प्रयासों को निलंबित कर दिया है। यह निर्णय राष्ट्रीय हित और सुरक्षा के दृष्टिकोण से लिया गया है। विश्वविद्यालय सरकार के रुख के साथ पूर्ण समर्थन में खड़ा है।”

    जेएनयू ने पहले ही उठाया था कदम

    गौरतलब है कि जामिया से एक दिन पहले ही जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने भी तुर्की के इनोनू विश्वविद्यालय के साथ तीन फरवरी को किए गए समझौता ज्ञापन को निलंबित कर दिया था। यह एमओयू तीन वर्षों की अवधि के लिए था, जिसमें दोनों विश्वविद्यालयों के बीच संकाय और छात्रों के आदान-प्रदान कार्यक्रम सहित अन्य शैक्षणिक सहयोग शामिल थे।

    भारत के ऑपरेशन सिंदूर पर पाकिस्तान का दिया साथ

    भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के कारण इन निर्णयों की पृष्ठभूमि तैयार हुई है। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत कड़ा जवाब दिया था। इस दौरान पाकिस्तान और भारत के बीच चार दिनों तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमले होते रहे। अंततः दोनों देशों ने 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति जताई थी। इसी संघर्ष के दौरान तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन करते हुए उसे सैन्य सहायता मुहैया कराई थी, जिससे भारत में गहरी नाराज़गी फैली। इसी के चलते भारत के शैक्षणिक और कूटनीतिक हलकों में तुर्की के साथ तमाम तरह के संबंधों की समीक्षा शुरू हो गई है।



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