ओडिशा में पहली बार बीजेपी सरकार-odisha political update
कौन बनेगा ओडिशा का मुख्यमंत्री?
क्या धर्मेंद्र प्रधान को बनाया जाएगा सीएम?
मोदी और शाह के भरोसेमंद हैं प्रधान
24 साल से सीएम हैं नवीन पटनायक
भरोसेमंद चेहरे पर दांव या कोई सरप्राइज ?
लोकसभा चुनाव के साथ ही ओडिशा के विधानसभा चुनाव के परिणाम आ गए.. इस बार ओडिशा में नवीन पटनायक का किला बीजेपी ने ढहा दिया.. आखिर नवीन पटनायक के हार की वजह क्या रही.. और बीजेपी ने किन मुद्दों को उठाकर जीत की राह आसान की.. अब बीजेपी किसने ओडिशा का सीएम बनाएगी.. आज के इस वीडियो में आपको बताएंगे.. नमस्कार आप देख रहे हैं AIRR NEWS… ओडिशा विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेपी ने इतिहास रचा है.. पहली बार है जब बीजेपी यहां सरकार बनाने जा रही है..-odisha political update
राज्य में प्रचंड जीत के बाद अब यहां मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर चर्चा शुरू हो गई है.. पहला नाम धर्मेंद्र प्रधान का है.. ओडिशा में चुनावी रैली के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहले भी धर्मेंद्र प्रधान की तारीफ कर चुके हैं.. इस बार ओडिशा विधानसभा चुनाव के लिए घोषणापत्र भी धर्मेंद्र प्रधान ने तैयार किया था.. कुछ दिनों बाद, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधान के लिए एक बड़ी भूमिका का संकेत दिए थे… आपको बता दें कि धर्मेंद प्रधान उन चुनिंदा नेताओं में से हैं जो मोदी और शाह के खास है…-odisha political update
ओडिशा में अपनी पहली सरकार बनाने के लिए बीजेपी तैयार है.. बहुमत हासिल करने के साथ, केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रधान सीएम पद के टॉप दावेदार हैं.. उत्कल विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर 54 वर्षीय प्रधान पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शाह के प्रमुख सहयोगी रहे हैं और पूर्वी तटीय राज्य में बीजेपी का सबसे प्रमुख चेहरा हैं.. अब आपको बताते हैं कि बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में क्या कुछ वादे किए थे जिसकी वजह से उसे प्रचंड जीत हासिल हुई…तो अमित शाह ने प्रधान को जिस घोषणापत्र का श्रेय दिया, वो उन प्रमुख कारकों में से एक है, जिसने बीजेपी के पक्ष में परिणाम को बदल दिया.. घोषणा पत्र में 3100 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीदने, सुभद्रा योजना के तहत महिलाओं को 50,000 रुपये का नकद वाउचर और ओडिया अस्मिता के लिए लड़ाई का वादा शामिल है…
आपको बता दें कि ये सिर्फ घोषणापत्र नहीं है.. धर्मेंद्र प्रधान ने मोदी और शाह के साथ मिलकर दो अन्य मुद्दों को उठाया.. आईएएस से राजनेता बने वीके पांडियन पर बाहरी होने का आरोप लगाया.. पुरी जगन्नाथ मंदिर में पवित्र रत्न भंडार की लापता चाबियों का भावनात्मक मुद्दा उठाया.. साल 2019 की तरह, उन्होंने इस बार भी बीजेपी की चुनावी रणनीति के प्रबंधन में मुख्य भूमिका निभाई.. उन्होंने रोज लोगों की समस्याएं सुनीं और उन्हें ठीक करने का आश्वासन दिया.. वहीं धर्मेंद्र प्रधान ने संबलपुर लोकसभा सीट पर 1,19,836 मतों से जीत दर्ज की. अगर उन्हें सीएम बनाया जाता है तो उन्हें अपने सांसद पद से इस्तीफा देना पड़ेगा.. ओडिशा की 147-सदस्यीय विधानसभा में से बीजेपी ने 78 सीटें जीती हैं.. BJD को 51 सीटें मिली हैं.. वहीं कांग्रेस 14 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई है..
अब एक सवाल ये है कि 24 सालों से सत्ता में रहे नवीन पटनायक को हार का सामना क्यों करना पड़ा… बीजद अध्यक्ष और सीएम नवीन पटनायक दो सीटों- हिंजली और कांटाबांजी से चुनाव लड़े थे.. हालांकि, कांटाबांजी सीट से उन्हें हार का सामना करना पड़ा.. ये पहली बार है जब नवीन पटनायक ने खुद हार का स्वाद चखा है.. बीजेपी उम्मीदवार लक्ष्मण बाग ने उन्हें 16,321 मतों के अंतर से हराया..
अब ओडिशा का सीएम कौन होगा ये वक्त बताएगा लेकिन धर्मेंद्र प्रधान का दावा सबसे अधिक मजबूत है.. ऐसी ही सियासी खबरों के लिए आप जुड़े रहिए AIRR NEWS के साथ….साथ ही चैनल को सब्सक्राइब करना मत भूलिएगा.. नमस्कार..
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