New Year 2025: हैप्पी न्यू ईयर का स्वागत करने के लिए लोग तैयार हैं. साल 2025 खास है. ग्रहों की चाल देश-दुनिया के साथ-साथ मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन राशि वालों को भी प्रभावित करने जा रही है. धन, करियर, बिजनेस, जॉब, लव लाइफ, सेहत सभी पर असर ग्रहों के गोचर का प्रभाव देखने को मिल रहा है.
साल 2025 में आने वाले संकटों से कौन बचा सकता है. जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. लाभ-हानि लगी रहती है. लेकिन इसबार नये साल में सभी की लाइफ में कुछ विशेष घटित होने के संकेत मिल रहे हैं. ऐसी में स्थिति में विशेष पूजा और उपाय से ही हानि को कम और लाभ को बढ़ाया जा सकता है. वैदिक ज्योतिष संकट और समाधान दोनों पर प्रकाश डालता है. वर्ष 2025 में किस देवता की पूजा करने से जीवन आनंदमय व्यतीत हो सकता है, इसे जानना अत्यंत जरूरी है.
साल 2025 में मंगल का चलेगा हंटर!
मंगल ग्रह को ज्योतिष में ग्रहों का सेनापति बताया गया है. इसका स्वभाव उग्र है. यही कारण है कि मंगल प्रधान व्यक्ति को गुस्सा जल्दी आता है. कुंडली में मंगल ग्रह यदि पाप ग्रह या शत्रु ग्रहों से पीड़ित हो तो ये आग में घी का काम करता है. यानि इसके जीवन में भयंकर नतीजे देखने को मिलते हैं. अंक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 2+0+2+5 का योग 9 बन रहा है. 9 अंक ज्योतिष में मंगल ग्रह का है. यानि नववर्ष में मंगल का प्रभाव देखने को मिलेगा.
जिन लोगों का जन्म 9,18 और 27 की डेट में हुआ है उन्हे इस साल विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है. कुंडली में यदि मंगल शुभ और बलवान है तो ये मंगल जीवन में अपार सफलताएं लेकर आने वाला है. अंक ज्योतिष में 9 नंबर को पूर्णता को दर्शाता है.
हनुमान जी की करें पूजा
मंगल के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए सभी को हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए. हिंदू धर्म में हनुमान जी को संकट मोचक बताया गया है. संकट से उभारने में हनुमान जी कलियुग में सबसे उपयुक्त देवता माने जाते हैं. सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना’ हनुमान चालीसा की ये चौपाई इसी बात को बताती है. नववर्ष में जो लोग नित्य हनुमान जी की पूजा करेंगे. मंगलवार को व्रत रखकर उपासना करेंगे, उन्हें मंगल की अशुभता छू भी नहीं पाएगी. वहीं इसके साथ इन बातों का भी ध्यान रखें-
- गुस्से पर काबू करें
- किसी का बुरा न करें
- दूसरों की निंदा करने से बचें
- आग और मशीनों के प्रयोग में अत्यंत सावधानी बरतें
- कठोर न बोलें
- बड़े भाई-बहनों की आदर करें, उन्हें नाराज न करें
- रक्तदान करें
- गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्तियों की मदद करें
- जीव-जंतुओं की रक्षा करें
- निर्धन कन्याओं के कल्याण के लिए दान आदि का कार्य करें
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