Why new viruses are found only in Asia and Africa, another mystery of China
एशिया और अफ्रीका में ही क्यों मिलते हैं नए viruses , चीन का एक और रहस्य
चालबाज चीन एक बार फिर सवालों के घेरे में है…बीजिंग से वुहान तक एक रहस्यमयी निमोनिया लगातार अपने पैर पसार रहा है…जिसके बारे में चीन खुलकर बात नहीं कर रहा है और पूरी दुनिया शक की नज़रों से एक बार फिर चीन की ओर देख रही है…अस्पलातों में मरीजों की भीड़ है…ICU भरे पड़े हैं…खासतौर से उत्तर पूर्वी प्रांत लियाओनिंग इससे सबसे ज्यादा प्रभावित है…बीजिंग में भी अस्पतालों में निमोनिया से पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है…तस्वीरें पूरी दुनिया में वायरल हो रही है…पूरी दुनिया चीन की ओर टकटकी लगाए देख रही है लेकिन कोरोना काल की तरह इस बार भी चीन के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है…चालबाज चीन ने WHO को भी यही बताया है कि यह कोई नई बीमारी नहीं है….सामान्य जीवाणु संक्रमण है जिस पर काबू पा लिया जाएगा…लेकिन चीन कितना सच बोलता है हम सबने कोरोना काल में देखा था…
चीन में फैल रहा निमोनिया घातक होता जा रहा है, प्रतिदिन 7 हजार से ज्यादा बच्चे अस्पतालों में पहुंच रहे हैं लेकिन चीन इसे गंभीरता नहीं मान रहा…चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक यह असामान्य या नई बीमारी नहीं है…इसको लेकर दावा किया जा रहा है कि कोविड प्रतिबंध हटाने की वजह से फ्लू के मामले बढ़े हैं…चीन के अधिकारियों का तो दावा यहां तक है कि ये मामले मई महीने से ही सामने आ रहे हैं…
चीन की इस बात पर यकीन कर भी लिया जाए तब भी चिंता की बात इसलिए है क्योंकि ज्यादातर संक्रमण चीन और अफ्रीकन देशों में ही सामने आते हैं…साल 2019 में चीन के वुहान में ही पहली बार कोरोना viruses का मामला सामने आया जिसने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था…जिसका असर सिर्फ और सिर्फ मौत बांट रहा था…अब चीन में ही रहस्यमयी निमोनिया के केस मिलने के बाद वही डर सता रहा है…
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक वायरस जनित सबसे ज्यादा मामले अफ्रीका और एशिया में सामने आते हैं…कोरोना के बाद ही की बात करें तो 2021 से लेकर अब तक की वायरस जनित बीमारियों में पिछले 10 साल के मुकाबले 63 प्रतिशत का इजाफा हुआ है….2016 में द अमेरिकन नेचुरलिस्ट में भी इस बावत एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी…इसके मुताबिक चमगादड़ से फैलने वाले वायरस के लिहाज से पश्चिमी अफ्रीका उच्चतम जोखिम वाला क्षेत्र बताया था… दरअसल इसका सबसे बड़ा कारण महाद्वीपों का जनसंख्या घनत्व माना जाता है…यहां कोई भी संक्रमण मिलता है तो वह जनसंख्या ज्यादा होने की वजह से तेजी से लोगों को अपना शिकार बनाता है…
विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से भी अभी तक इस निमोनिया को महामारी घोषित नहीं किया गया है…सर्विलांस प्लेटफॉर्म प्रो-मेड ने भी कहा कि इसे महामारी कहना गलत होगा, फिलहाल चीन से इस तरह के सभी वायरस की लिस्ट मांगी है…जिससे ये पता लगाने में मदद मिल सके कि कहीं चालबाज चीन एक बार फिर से तो नहीं कुछ छिपा रहा है?
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