New Criminal Laws in India: Revolutionary Changes in Crime and Justice Process :AIRR News

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क्या आप जानते हैं कि India में नया फौजदारी कानून लागू होने वाला है, जो अपराध और न्याय की प्रक्रिया में क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगा? क्या आप जानते हैं कि इन कानूनों के तहत, महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाना ‘क्रूरता’ के रूप में परिभाषित किया गया है? क्या आप जानते हैं कि महाराष्ट्र सरकार ने इन कानूनों के तुरंत और प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक राज्य स्तरीय समिति का गठन करने की मंजूरी दे दी है?-New Criminal Laws in India

अगर आपका जवाब नहीं है, तो चिंता न करें। हम आपको इस वीडियो में इन सभी सवालों के जवाब बताएंगे। नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज़।

महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के कार्यान्वयन के लिए एक राज्य स्तरीय स्टीयरिंग समिति का गठन करने की मंजूरी दी है। इन कानूनों को पार्लियामेंट ने 2023 के शीतकालीन सत्र में पारित किया था, और India के राष्ट्रपति की सहमति के बाद, इन्हें पिछले साल दिसंबर में India सरकार के राजपत्र में प्रकाशित किया गया था। इन कानूनों को भारतीय दण्ड संहिता 1860, फौजदारी प्रक्रिया संहिता 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की जगह लागू किया जाएगा।-New Criminal Laws in India

इन कानूनों का प्रभावी कार्यान्वयन, अपराध जांच और दोषसिद्धि दर में सुधार लाएगा, और नागरिकों को शीघ्र और तत्काल न्याय प्राप्त करने में मदद करेगा। इन कानूनों के तुरंत और प्रभावी कार्यान्वयन के लिए, एक समय-बद्ध ढांचा तैयार करना आवश्यक है, और इस हेतु, India सरकार के गृह मंत्रालय के गृह सचिव के निर्देशों के अनुसार एक राज्य स्तरीय स्टीयरिंग समिति का गठन करने की आवश्यकता थी, जो इस साल के जनवरी में प्राप्त हुए थे।-New Criminal Laws in India

इस समिति का नेतृत्व गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के अलावा इस समिति के अन्य सदस्य हैं: कानून और न्याय विभाग के मुख्य सचिव सुवर्णा केवले, गृह विभाग (विशेष) के मुख्य सचिव अनुप कुमार सिंह, कानूनी और तकनीकी विभाग के महानिदेशक संजय कुमार वर्मा, अपराध जांच विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक प्रशांत बुरडे, राज्य कानून और व्यवस्था विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक संजय सक्सेना, कारागार और सुधार सेवा विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक अमिताभ गुप्ता, पुलिस संचार, सूचना प्रौद्योगिकी और परिवहन विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक और निदेशक सुनील रमणंद, प्रशिक्षण विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक राजकुमार वाटकर और अभियोजन निदेशालय के निदेशक सूर्यकांत शिंदे।-New Criminal Laws in India

इस समिति का उद्देश्य है कि इन नए कानूनों के अनुसार, पुलिस, अभियोजन और न्यायिक अधिकारियों को प्रशिक्षण, मार्गदर्शन और संसाधन प्रदान करना है, ताकि वे अपराधियों को दोषी ठहराने और निरपराधियों को बरी करने में सक्षम हों। इसके अलावा, इस समिति को नए कानूनों के प्रचार, जनचेतना और सामाजिक स्वीकृति को बढ़ावा देने के लिए भी कार्य करना है।

इन नए कानूनों में कई ऐसे प्रावधान हैं, जो भारतीय दण्ड संहिता 1860 के मुकाबले अधिक आधुनिक, व्यापक और उचित हैं। उदाहरण के लिए, भारतीय न्याय संहिता 2023 के अनुसार, महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाना ‘क्रूरता’ के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसके लिए दोषी को तीन साल तक कारावास या पांच लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है। इससे पहले, भारतीय दण्ड संहिता 1860 के अनुसार, केवल शारीरिक अत्याचार को ही क्रूरता माना जाता था, जिसके लिए दोषी को एक साल तक की कारावासी या तीन हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती थी।

इसी तरह, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के अनुसार, आतंकवाद, युद्धापराध, जनसंहार, अंतर्राष्ट्रीय अपराध, जातिगत अपराध, लैंगिक अपराध, बाल अपराध, मानव तस्करी, नार्कोटिक्स और अन्य गंभीर अपराधों को विशेष धाराओं में शामिल किया गया है, जिनके लिए दोषी को कड़ी से कड़ी सजा हो सकती है। इसके अलावा, इस संहिता में नागरिकों के अधिकारों, कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का भी उल्लेख किया गया है, जिससे वे अपने सुरक्षा और न्याय के लिए आवेदन कर सकें।

भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के अनुसार, साक्ष्य के प्रकार, प्राप्ति, स्वीकार, मूल्यांकन और विधियों को भी नए तकनीकी और वैज्ञानिक विकासों के अनुरूप बनाया गया है। उदाहरण के लिए, इस अधिनियम में डिजिटल साक्ष्य, फोरेंसिक साक्ष्य, बायोमेट्रिक साक्ष्य, जीएनएसएस साक्ष्य, साइबर साक्ष्य, वीडियो साक्ष्य, ऑडियो साक्ष्य, ई-मेल साक्ष्य, एसएमएस साक्ष्य, व्हाट्सएप साक्ष्य, फेसबुक साक्ष्य, ट्विटर साक्ष्य, इंस्टाग्राम साक्ष्य, आदि जैसे विभिन्न प्रकार के साक्ष्य को मान्यता दी गई है, जो पहले भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 के अंतर्गत नहीं थे।

इसके साथ ही, इस अधिनियम में साक्ष्य की विश्वसनीयता, प्रामाणिकता, संबंधितता, अधिकार, अपवाद, अनुमान, अनुमति, अधिकारपूर्वक उठाया गया साक्ष्य, आदि जैसे विषयों पर भी विस्तृत निर्देश दिए गए हैं, जो न्यायिक प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, व्यवस्थित और निष्पक्ष बनाने में मदद करेंगे।

इन नए कानूनों का इतिहास, वर्तमान और भविष्य का प्रभाव जानने के लिए, हमें उनकी पृष्ठभूमि और उद्देश्य को समझना होगा। इन कानूनों का निर्माण India सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन एक विशेष आयोग द्वारा किया गया था, जिसे भारतीय फौजदारी कानून संशोधन आयोग के नाम से जाना जाता है। इस आयोग का गठन 2020 में किया गया था, और इसका नेतृत्व उच्चतम न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने किया था। इस आयोग का कार्य था कि वह भारतीय दण्ड संहिता 1860, फौजदारी प्रक्रिया संहिता 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 को समीक्षा करे, और उनमें आवश्यक सुधार और संशोधन करे, ताकि वे आधुनिक युग की चुनौतियों, आवश्यकताओं और मानवाधिकारों के अनुरूप हों।

इस आयोग ने अपनी रिपोर्ट 2022 में प्रस्तुत की, जिसमें वह भारतीय दण्ड संहिता 1860, फौजदारी प्रक्रिया संहिता 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 को पूरी तरह से बदलने की सिफारिश करता है, और उनकी जगह भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 को लागू करने की सलाह देता है। इस रिपोर्ट को India सरकार ने स्वीकार किया, और इन कानूनों को पार्लियामेंट में पेश किया, जहां उन्हें विपक्ष की आलोचना के बावजूद अधिकांश मतों से पारित कर दिया गया।

इन कानूनों से India में अपराध और न्याय के क्षेत्र में एक नया युग शुरू होगा, जिसमें अपराधियों को शीघ्र और तत्काल दण्ड मिलेगा, और निरपराधियों को न्याय मिलेगा। इससे India की सुरक्षा, सामाजिक शांति, विकास और लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी, और India को विश्व में एक आदरणीय और आकर्षक देश बनाएगा।

इस वीडियो में हमने आपको महाराष्ट्र सरकार द्वारा भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक, सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के बारे में जानकारी दी है, जो India में नए फौजदारी कानून के रूप में लागू होंगे। हमें उम्मीद है कि आपको यह वीडियो पसंद आया होगा, और आपको इन कानूनों का महत्व और लाभ समझने में मदद मिली होगी। अगर आपके पास इन कानूनों से संबंधित कोई सवाल या सुझाव है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं। हम आपके सवालों का जवाब देने की कोशिश करेंगे।

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नमस्कार आप देख रहे थे AIRR न्यूज़। जय हिंद, जय India।

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