क्या आप जानते हैं कि कुछ टीवी चैनलों ने अपने शो में नफरत और सांप्रदायिक असहिष्णुता फैलाने के लिए न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग और डिजिटल स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (NBDSA) के नियमों का उल्लंघन किया है? क्या आपको पता है कि इन चैनलों को अपने वीडियो हटाने और जुर्माना भुगतने का आदेश दिया गया है? क्या आपको पता है कि इन चैनलों ने कौन सी घटनाओं और मुद्दों पर झूठ और भ्रामक रिपोर्टिंग की है? अगर नहीं, तो आज के इस एपिसोड में हम आपको इन सबके बारे में बताएंगे, और ये भी बताएंगे कि ऐसे विवादों पर झूठ फैलाने वाले कार्यक्रमों का आप पर क्या प्रभाव पड़ता है। तो बने रहिए हमारे साथ, क्योंकि आप देख रहे हैं AIRR न्यूज़।-nbda action on news channel
आपने शायद ही सुना होगा कि NBDSA ने कुछ टीवी चैनलों के खिलाफ कार्रवाई की है। NBDSA यानी न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग और डिजिटल स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी, जो कि टीवी न्यूज़ ब्रॉडकास्टरों द्वारा स्थापित एक नियामक निकाय है, जिसके अध्यक्ष वर्तमान में रिटायर्ड जस्टिस ए के सिकरी हैं। इस निकाय का काम है कि वह टीवी न्यूज़ चैनलों की गुणवत्ता, नैतिकता और मानकों की निगरानी करे, और यदि कोई चैनल इन मानकों का उल्लंघन करता है, तो उसे चेतावनी, जुर्माना या वीडियो हटाने का आदेश दे।-nbda action on news channel
NBDSA ने 28 फरवरी को एक बैठक में आखिरी दो सालों में प्रसारित किए गए कुछ कार्यक्रमों के बारे में शिकायतों पर निर्णय लिए, और उन पर कार्रवाई की। इनमें से सबसे ज्यादा विवादित कार्यक्रम वे थे, जिनमें न्यूज़18 इंडिया, टाइम्स नाउ नवभारत और आज तक के एंकरों ने नफरत और सांप्रदायिक असहिष्णुता फैलाने के आरोप में आए। इन चैनलों को अपने वीडियो हटाने और जुर्माना भुगतने का आदेश दिया गया है।
इनमें से पहला कार्यक्रम न्यूज़18 इंडिया का था, जिसमें अमन चोपड़ा और अमीश देवगन ने 2022 में प्रसारित किए गए चार शो में लव जिहाद के नाम पर झूठ और भय फैलाया था। इन शो में, इन एंकरों ने कहा था कि 2022 में श्रद्धा वॉकर की अपने लाइव-इन पार्टनर आफताब पूनावाला द्वारा हत्या लव जिहाद से जुड़ी थी।
NBDSA ने कहा कि लव जिहाद जैसे शब्दों का इस्तेमाल बेहद सावधानी से किया जाना चाहिए, क्योंकि धार्मिक स्टीरियोटाइपिंग देश के सेक्युलर फैब्रिक को नुकसान पहुंचा सकती है, एक समुदाय को अपरिहार्य नुकसान पहुंचा सकती है, और धार्मिक असहिष्णुता या असामंजस्य पैदा कर सकती है। इसलिए, NBDSA ने न्यूज़18 इंडिया को इन चार शो के वीडियो हटाने और 50,000 रुपये का जुर्माना भुगतने का आदेश दिया।
दूसरा कार्यक्रम टाइम्स नाउ नवभारत का था, जिसमें हिमांशु दीक्षित ने 31 मई 2023 को प्रसारित किए गए एक शो में लव जिहाद पर बात की थी। इस शो में, एंकर ने शुरुआत में ही यह निष्कर्ष निकाल लिया था कि एक समुदाय के पुरुषों ने अपनी धार्मिक पहचान छुपाकर दूसरे समुदाय की महिलाओं को फुसलाया, और फिर उन पर हिंसा या हत्या की। और हर ऐसी हिंसा या हत्या, जो किसी एक समुदाय की महिलाओं के साथ हुई, वह लव जिहाद से संबंधित थी।
NBDSA ने कहा कि इस तरह की रिपोर्टिंग से एक समुदाय को बदनाम किया जा रहा है, और इसमें तथ्यों की कमी है। इसलिए, NBDSA ने टाइम्स नाउ नवभारत को इस शो का वीडियो हटाने और 1 लाख रुपये का जुर्माना भुगतने का आदेश दिया।
तीसरा कार्यक्रम आज तक का था, जिसमें सुधीर चौधरी ने 2023 में राम नवमी के दौरान हुई हिंसा पर एक शो में बात की थी। इस शो में, एंकर ने पूरे मुस्लिम समुदाय को कुछ बदमाशों के कारण निशाने पर लिया था।
NBDSA ने कहा कि अगर ब्रॉडकास्टर ने अपना विश्लेषण सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं तक ही सीमित रखा होता, तो इसमें कोई समस्या नहीं होती। लेकिन, इस तरह के कार्यकर्मो का प्रसारण करके ‘आज मुस्लिम इलाके, कल मुस्लिम देश’, इस कार्यक्रम को एक बिल्कुल अलग रंग दिया गया है।
इसलिए, NBDSA ने आज तक को इस शो का वीडियो हटाने का आदेश दिया।
इन तीनों कार्यक्रमों के अलावा, NBDSA ने आज तक के एक और कार्यक्रम के बारे में भी शिकायत सुनी थी, जिसमें सुधीर चौधरी ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के बारे की टिप्पणी पर एक शो में बात की थी, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका में राजनयिक दौरे पर थे।
NBDSA ने पाया कि इस ब्रॉडकास्ट में न केवल तथ्यता, बल्कि विनम्रता की कमी थी। एंकर ने ओबामा की टिप्पणी को अपने देश के खिलाफ साजिश का हिस्सा बताया, और उन्हें अपशब्दों से निशाना बनाया। इसके अलावा, एंकर ने भारत के अल्पसंख्यकों के बारे में भी अपमानजनक और असत्य बातें कहीं, जिससे उनके अधिकारों और सम्मान को चोट पहुंची।
NBDSA ने कहा कि इस तरह का ब्रॉडकास्ट एक राष्ट्रपति के साथ नहीं, बल्कि किसी दुश्मन के साथ भी नहीं किया जाना चाहिए। इससे भारत की विदेश नीति और अंतरराष्ट्रीय सम्बन्धों पर बुरा प्रभाव पड़ता है, और देश की छवि को धूमिल करता है। इसलिए, NBDSA ने आज तक को इस शो का वीडियो हटाने और 2 लाख रुपये का जुर्माना भुगतने का आदेश दिया।
तो, ये थे कुछ उदाहरण, जिनमें आपने देखा कि कैसे कुछ टीवी चैनलों ने अपने शो में नफरत और सांप्रदायिक असहिष्णुता फैलाने के लिए NBDSA के नियमों का उल्लंघन किया है, और कैसे NBDSA ने उन पर कार्रवाई की है। हमें उम्मीद है कि आपको ये जानकारी पसंद आई होगी, और आप इन चैनलों के झूठ और भ्रामक रिपोर्टिंग से बचेंगे। अगर आपको हमारा ये एपिसोड अच्छा लगा, तो हमें अपने विचार और सुझाव जरूर बताएं। हमारे साथ जुड़े रहें, क्योंकि आप देख रहे हैं AIRR न्यूज़। धन्यवाद।-nbda action on news channel
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