The Battle Against Naxalites: A Month of Intense Operations-Naxalite Elimination news

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Lower 01 – Naxalite Neutralization: A Significant Milestone Achieved-Naxalite Elimination news

Lower 02 – Understanding the Naxalite Insurgency: Recent Developments

Lower 02 – Naxalite Encounters: Evaluating the Effectiveness of Operations

नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR NEWS…..आम चुनावों के दौरान नक्सलियों पर सुरक्षाबलों द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक चल रही है…..हाल ही में छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का ताबड़तोड़ एक्शन जारी है….बीजापुर में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें 12 नक्सलियों के मारे जाने की बात सामने आ रही है….सुरक्षाबलों ने घटनास्थल पर मारे गए नक्सलियों के शव और हथियार बरामद किए हैं….लेकिन इस मुठभेड़ को लेकर स्थानीय लोगों और कार्यकर्त्ताओं ने सवाल खड़े किए हैं….स्थानीय लोगों और कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि ये मुठभेड़ फर्जी थी और मारे गए लोग माओवादी नहीं थे….-Naxalite Elimination news

इन आरोपों के बीच कांग्रेस ने सत्तारूढ़ दल बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि सुरक्षाबलों पर अनपेक्षित राजनीतिक दबाव इतना नहीं होना चाहिए कि उनकी कार्रवाइयों पर सवाल उठने लगे….इस मुठभेड़ के कुछ दिनों बाद ही बीजापुर इलाके में एक बार फिर नक्सलियों ने दहशत फैलाने की कोशिश की है…नक्सली आईडी ब्लास्ट की वारदात को अंजाम दे रहे थे….वो तो भगवान का शुक्र है कि ये ब्लास्ट फेल हो गया….इस बार नक्सलियों ने पुलिस की गाड़ी को  IED ब्लास्ट कर उड़ाने साजिश रची थी, जो फेल हो गई….-Naxalite Elimination news

हालांकि इस ब्लास्ट से गाड़ी बुरी तरही से क्षतिग्रस्त हो गयी है…ट्रैफिक इंस्पेक्टर आकाश मसीह और आरक्षक इस हमले में बाल-बाल बचे…फिलहाल इस मामले की जांच की जा रही है….आपको बदा दें कि तीन जिले बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा से DRG, STF, कोबरा और सीआरपीएफ के करीब 1200 जवान ‘एंटी नक्सल ऑपरेशन’ पर निकले हैं….सुरक्षाबलों की नक्सलियों के खिलाफ ये कोई पहली बड़ी कार्रवाई नहीं है….इससे पहले बीते महीने 16 अप्रैल को कांकेर जिले के छोटेबेटिया क्षेत्र में सुरक्षबलों ने 29 नक्सलियों को मार गिराया था….

इस दौरान तीन जवान भी घायल हुए थे, जिन्हें एयर लिफ्ट कर इलाज के लिए रायपुर भेजा गया था…..वहीं 2 मई को नक्सल प्रभावित नारायणपुर और कांकेर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी….इस मुठभेड़ में सुरक्षबलों ने 25 लाख रुपए के इनामी नक्सल कमांडर समेत 10 नक्सलियों को मार गिराया था…..नक्सली कमांडर का नाम जोगन्ना था….जोगन्ना पर 190 से अधिक मामले दर्ज थे….सर्च ऑपरेशन के दौरान जवानों को नक्सलियों के पास से कंप्यूटर, लैपटॉप और प्रिंटर मिले थे…..इस साल नक्सलियों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ में अब तक 103 नक्सली मारे जा चुके हैं….

आदिवासी इलाकों में माओवादी हिंसा की कई परतें हैं….आदिवासियों को लगता है कि सरकार उनके जंगल और जमीन छीन कर उद्योगपतियों को सौंप देना चाहती है….वे इसका विरोध करते रहे हैं….केंद्र सरकार अपने इन एक्शन्स को आगे भी जारी रखना चाहती है….सरकार का दावा है कि छत्तीसगढ़ में नक्सली अब कुछ इलाकों तक सिमट कर रह गए हैं…वो बात ग्राउंड लेवल पर भी सामने आ रही है….हाल ही में 14 मई को छत्तीसगढ़ के बीजापुर में ही 30 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने सरेंडर कर दिया है….इनमें से 9 नक्सलियों के सिर पर 39 लाख रुपए का इनाम था, जबकि हर एक के सिर लाखों का इनाम था….

नक्सलियों का कहना है कि वे आदिवासियों पर अत्याचार और माओवाद की खोखली विचारधारा से निराश हैं…..इस सरेंडर से ठीक एक दिन पहले महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में दो महिलाओं समेत तीन नक्सली मारे गए थे….इस ऑपरेशन को गढ़चिरौली पुलिस की स्पेशलाइज्ड कॉम्बैट विंग सी-60 के कमांडो ने किया है….घटनास्थल से एके-47, कार्बाइन, इंसास राइफल और नक्सली साहित्य मिले हैं….सरकार का कहना है कि जल्द ही नक्सलियों पर पूरी तरह नकेल कसी जा सकेगी…

केंद्र और राज्य सरकारें ऐसे दावे बहुत समय से करती आ रही हैं, मगर हकीकत ये है कि अनेक उपायों, रणनीतियों और प्रयासों के बावजूद माओवादी हिंसा पर पूरी तरह से काबू पाना कठिन बना हुआ है….थोड़े-थोड़े समय पर नक्सली सक्रिय हो उठते है और घात लगाकर सुरक्षाबलों पर हमला कर देते हैं….अगर सही में नक्सलियों को कुछ इलाकों तक समेट दिया गया होता और उनके संगठन कमजोर हो गए होते, तो उनके पास लेटेस्ट वेपेन्स की पहुंच संभव ना होती, सुरक्षाबलों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए उनके पास कारगर संचार प्रणाली ना होती….छत्तीसगढ़ में करीब चालीस सालों से माओवादी हिंसा का दौर चल रहा है….

इस दौरान अनेक रणनीतियां अपनाई गईं, मगर वो कारगर साबित नहीं हो पाईं हैं….चुनाव के माहौल में सुरक्षाबलों की ताजा कामयाबी से नक्सली उपद्रवियों का मनोबल जरूर कमजोर होगा, पर इस समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए व्यावहारिक कदम की अपेक्षा अब भी बनी हुई है….दरअसल आदिवासियों को ये लगता है कि सरकार उनके जंगल और जमीन छीनकर उद्योगपतियों को सौंप देना चाहती है…वे इसका विरोध करते रहे हैं….शुरू में इस मसले को बातचीत के जरिए सुलझाने की कोशिश की गई, जो विफल रही….-Naxalite Elimination news

फिर बंदूक के जरिए उन पर काबू पाने का प्रयास किया जाने लगा….फिर आदिवासियों और समर्पण करने वाले नक्सलियों को ही बंदूक देकर नक्सली संगठनों के खिलाफ खड़ा करने की रणनीति अपनाई गई….उसमें काफी खून-खराबा हुआ, मगर नक्सली समस्या को समाप्त कर पाना संभव ना हो सका….हेलीकाप्टर, ड्रोन और अत्याधुनिक संचार तकनीकी के जरिए उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जाने लगी, पर उसमें भी खास कामयाबी नहीं मिल सकी….नक्सली बहुत से मौकों पर सुरक्षाबलों को अपने जाल में फंसा कर हमला करते भी देखे जा चुके हैं….दो साल पहले इसी तरह उन्होंने बीजापुर में 22 सुरक्षाबलों को मार गिराया था…..

नक्सली समस्या से पार पाने के लिए दो तरह के विचार काम करते रहे हैं, जिसमें आदिवासियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए उनके इलाकों में विकास कार्यक्रमों पर बल देने की सिफारिश की जाती रही है…सरकारें ऐसी बहुत सी योजनाएं लाती हैं जिसके तहत आदिवासियों को आर्थिक और शैक्षिक सुविधाएं दी जाए….दूसरा विचार बंदूक के बल पर नक्सलियों के सफाए का रहा है….मगर हकीकत ये है कि उनसे निपटने के लिए कोई व्यावहारिक नीति आज तक नहीं बन सकी है….ये बात सच है कि आज भी हजारों निर्पराध आदिवासी जेलों में बंद हैं, उनकी रिहाई के बारे में कोई कदम नहीं उठाया जा सका है….

पांच-छह साल पहले एक नीति बनाने पर जरूर जोर दिया गया था, जिसमें उनसे बातचीत का प्रस्ताव भी था, मगर वह नीति बन नहीं सकी….सबसे जरूरी है, स्थानीय आदिवासियों में ये भरोसा पैदा करना कि सरकार उनके जीवन में बेहतरी के लिए प्रतिबद्ध है….उनके जल, जंगल, जमीन के मसले पर संजीदगी से बात हो, तो शायद वे हिंसा का रास्ता छोड़ने को तैयार हो जाएं….

हालांकि अभी केंद्र और राज्य सरकारें नक्सलियों की सूचना देने पर इनाम और नौकरी देने की पेशकश कर रही है….ग्रामीणों को नक्सलियों से बचाने के लिए गांवों में नागरिक सुरक्षा समूह भी बनाया जा रहा है….ऐसे में ये कयास लगाए जा सकते हैं कि चुनावों के बाद केंद्र सरकार नक्सलियों के उत्थान के लिए उचित व्यवस्था करें…..हमारा ये पूरा वीडियो देखने के लिए  आपका बहुत-बहुत धन्यवाद…आप देखते रहिए AIRR NEWS……..

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