पटनायक को चुभ गई मोदी की बात!-naveen patnaik latest news
पुराने दोस्त चुनाव के बीच क्यों दुश्मन दिखाई दे रहे?
मोदी और पटनायक की दोस्ती की मिसाल दी जाती थी
पीएम मोदी ने नवीन पटनायक पर किया हमला
मोदी ने कहा- अगला सीएम बीजेपी का होगा
पात्रा के बयान को लेकर पटनायक ने बीजेपी को घेरा-naveen patnaik latest news
ओडिशा में आखिर क्या कुछ सियासी समीकरण बन रहे हैं.. पीएम मोदी और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक के बीच आखिर तल्खी की वजह क्या है.. कभी पटनायक की तारीफ करने वाले मोदी आखिर क्यों उन पर सियासी हमले कर रहे हैं.. इस वीडियो में आपको हम बताएंगे कि इन सियासी लड़ाई की वजह क्या है… नमस्कार आप देख रहे हैं AIRR NEWS.. ओडिशा में 20 मई को दूसरे चरण की वोटिंग पूरी हो गई। एक ओर देश में 5 वें चरण की वोटिंग थी तो वहीं ओडिशा में दूसरे फेज की.. दो चरणों का चुनाव बाकी है.. लोकसभा के साथ ही राज्य में विधानसभा के भी चुनाव हो रहे हैं.. चुनाव से पहले राज्य में बीजेपी और बीजेडी के बीच गठबंधन की बात चल रही थी और अब कुछ ही दिनों के भीतर कड़वाहट काफी बढ़ गई है.. पहले पीएम मोदी की ओर से दिया गया 10 जून वाला बयान और उसके बाद संबित पात्रा की हालिया टिप्पणी के बाद बीजेपी और बीजेडी के बीच राजनीतिक बयानबाजी और भी तेज हो गई है.. पुरी लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार संबित पात्रा की राज्य के प्रतिष्ठित देवता को मोदी का भक्त बताने वाली टिप्पणी के बाद ओडिशा के सीएम को हमला करने का मौका मिल गया.. जैसे-जैसे राज्य में चुनाव आगे बढ़ रहा है दोनों ओर से अब व्यक्तिगत हमले किए जा रहे हैं। साथ ही दोनों ओर से उड़िया अस्मिता वाली भी बात शुरू हो गई है… पहले नवीन पटनायक और पीएम मोदी की मित्रता की मिसाल दी जाती थी लेकिन अब दोनों नेता एक दूसरे पर हमलावर हैं.. मोदी ने कहा कि 10 जून को ओडिशा में बीजेपी का मुख्यमंत्री होगा.. इसी दौरान नवीन पटनायक पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि इतने सालों से ओडिशा के सीएम पद पर काबिज नवीन पटनायक बिना कागज देखे राज्य के सभी जिलों का नाम नहीं बता सकते.. हाल ही में पीएम मोदी से एक इंटरव्यू में गठबंधन और फिर अलग-अलग चुनाव लड़ने को लेकर सवाल पूछा गया.. पीएम मोदी ने कहा कि बीजेपी ने 2014 और 2019 के चुनावों में बीजद के खिलाफ चुनाव लड़ा था.. राज्य में पार्टी का जनाधार काफी बढ़ा। उन्होंने कहा कि यह हमारी प्रतिबद्धता है कि बीजेपी का जो भी नेता ओडिशा का अगला मुख्यमंत्री बनेगा वो राज्य की माटी का बेटा होगा.. –naveen patnaik latest news
राज्य के लोगों ने बीजद को दो दशक से अधिक का समय दिया है और अब वे एक बेहतर विकल्प के हकदार हैं.. पीएम मोदी की ओर से उड़िया अस्मिता की ओर भी इशारा किया गया.. उधर संबित पात्रा की टिप्पणी के बाद नवीन पटनायाक ने पूरे मामले को उड़िया अस्मिता से जोड़ दिया। राज्य के प्रतिष्ठित देवता को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भक्त बताने वाली टिप्पणी के बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बीजेपी से भगवान जगन्नाथ को राजनीति में न घसीटने की अपील की। पटनायक ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में उड़िया अस्मिता को ठेस पहुंचाने के लिए पात्रा की आलोचना की। उन्होंने कहा कि महाप्रभु श्रीजगन्नाथ ब्रह्मांड के स्वामी हैं। महाप्रभु को दूसरे इंसान का भक्त कहना भगवान का अपमान है…यह पूरी तरह निंदनीय है। इससे भावनाएं आहत हुई हैं और दुनियाभर में करोड़ों जगन्नाथ भक्तों और उड़िया लोगों की आस्था को ठेस पहुंची है। पटनायक ने कहा ऐसा करके आपने उड़िया अस्मिता को गहरी चोट पहुंचाई है और इसे ओडिशा के लोग लंबे समय तक याद रखेंगे। पात्रा के बयान के बहाने नवीन पटनायक ने भी बीजेपी पर तीखा हमला बोला.. -naveen patnaik latest news
अब आपको बताते हैं कि आखिर क्या है दोनों दलों के बीच कड़वाहट की वजह.. चुनाव के बीच इस कड़वाहट को कई राजनीति के जानकार सिर्फ चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं। केंद्र में सभी छोटे-बड़े मौकों पर नवीन पटनायक की पार्टी ने बीजेपी का साथ दिया। पूर्व में पीएम मोदी ओडिशा के सीएम को अपना मित्र बता चुके हैं तो वहीं नवीन पटनायक मोदी सरकार के दस में आठ नंबर दे चुके हैं। कुछ लोग इसके पीछे पूर्व नौकरशाह और नवीन पटनायक के करीबी पांडियन को भी वजह मानते हैं। नौकरी छोड़ पांडियन अब राजनीति में आ चुके हैं और उनकी गिनती पार्टी में नंबर 2 के नेता के तौर पर हो रही है। पांडियन मूलत:तमिलनाडु के रहने वाले हैं और उनकी सक्रियता को देख बीजेपी ने इसे उड़िया अस्मिता से जोड़ दिया है। राज्य में जो गठबंधन नहीं हुआ उसके पीछे एक वजह इसे भी माना गया। वहीं दूसरी ओर यह भी कुछ जानकारों का मानना है कि यह कड़वाहट सिर्फ चुनाव भर के लिए है। वहीं इसके पीछे कुछ लोग कांग्रेस वाला एंगल भी देख रहे हैं। बीजेपी और बीजेडी दोनों साथ आते तो कांग्रेस पार्टी विपक्ष के तौर पर साफ दिखती और राज्य में उसे अपना जनाधार बढ़ाने का मौका मिल जाता। ऐसे में इससे बीजेपी और बीजेडी दोनों को नुकसान पहुंच सकता था इसलिए दोनों दल साथ नहीं आए.. वहीं ओडिशा में बीजेपी अपनी ताकत लगातार बढ़ाती जा रही है. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 21 में से आठ सीटें जीती थीं. वहीं, विधानसभा चुनाव में बीजेपी को राज्य की 147 में से 23 सीटें मिलीं थीं. राज्य बीजेपी नेताओं को लगता है कि जब भी ओडिशा की जनता परिवर्तन का मूड बनाएगी, बीजेपी स्वाभाविक तौर पर जनता की पसंद बनेगी. उनका मानना है कि पटनायक इतने लंबे समय तक मुख्यमंत्री रह लिए इसलिए जनता अब उनका विकल्प तलाश रही है. बीजेडी के कई ताकतवर नेताओं को बीजेपी अपने पाले में लाई है और यह भी दोनों पार्टियों के बीच तकरार का कारण है… वहीं
ओडिशा में कांग्रेस पूरी तरह से हाशिए पर जा चुकी है. ऐसे में मोटे तौर पर मुकाबला बीजेपी और बीजेडी के बीच ही है. दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन न होने का एक बड़ा कारण यह भी था कि इससे कांग्रेस को विपक्ष का पूरा स्पेस लेने का मौका मिल जाता. हालांकि, जानकार मानते हैं कि पीएम मोदी और नवीन पटनायक के बीच इस तीखी नोकझोंक के बावजूद दोनों पार्टियों के बीच एक अजीब किस्म की गर्माहट है, जो चुनाव के बाद दोनों को एक बार फिर करीब ला सकती है. दबी जुबान में चर्चा यह भी होती है कि दोनों पार्टियों में एक तरह की सहमति है, जिसके तहत विधानसभा चुनाव में बीजेडी और लोकसभा चुनाव में बीजेपी आगे रहे. इस तर्क के समर्थन में कहा जाता है कि इसी सहमति के तहत बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में बीजेडी के खिलाफ और बीजेडी ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ कई कमजोर उम्मीदवार उतारे हैं…. यानि मोदी और पटनायक की बयानबाजी पूरी तरह से सियासी समझौते के तहत है.. वैसे भी राजनीति में ना कोई स्थायी दोस्त होता है और ना ही दुश्मन.. वक्त और हालात के हिसाब से रिश्ते निभाए जाते हैं.. इसी तरह की सियासी खबरों के लिए आप जुड़े रहिए AIRR NEWS के साथ..
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