जैसे ही फल का रंग पकने और लाल होने लगा, लीची की तुड़ाई शुरू कर दी गई। व्यापारियों ने इसकी बेहतर गुणवत्ता और बढ़िया आकार को देखते हुए राजधानी दिल्ली के बाद अब मुंबई के बाजारों का रुख किया है। मुजफ्फरपुर की शाही लीची न केवल अपने स्वाद बल्कि विशिष्ट खुशबू और रंग के लिए भी जानी जाती है, जो देश-विदेश के बाजारों में इसकी खास पहचान बनाती है।
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मुजफ्फरपुर की शाही लीची पहुंची मुंबई
– फोटो : अमर उजाला
मुंबई से मिली मांग, व्यापारियों को बेहतर भाव की उम्मीद
शहर के प्रमुख लीची व्यापारी मो. इकबाल ने बताया कि इस बार पहली बार लीची की बड़ी खेप मुंबई भेजी जा रही है। उन्होंने कहा कि शुरू में तेज गर्मी के कारण लीची के फटने की समस्या आई, लेकिन समय पर हुई बारिश ने फसल को बचा लिया। अब फल का रंग, मिठास और आकार तीनों ही शानदार हैं। इसी भरोसे के साथ हम आज लगभग 100 पेटी मुंबई भेज रहे हैं और आने वाले दिनों में और भी खेप भेजने की योजना है।
उन्होंने आगे बताया कि मुंबई से लीची की मांग आनी शुरू हो गई है और पवन एक्सप्रेस से प्रतिदिन बुकिंग कर खेप भेजी जाएगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि वहां इसके अच्छे दाम मिलेंगे, जिससे किसानों और व्यापारियों दोनों को आर्थिक संबल मिलेगा।

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मुजफ्फरपुर की शाही लीची पहुंची मुंबई
– फोटो : अमर उजाला
इस वर्ष मौसम की शुरुआती गर्मी ने किसानों को चिंता में डाल दिया था। तेज धूप और गर्म हवा की वजह से लीची के फटने की समस्या शुरू हो गई थी। मगर अप्रैल के अंत में आई बारिश ने राहत पहुंचाई, जिससे बची हुई फसल बेहतर स्थिति में तैयार हुई। अब जैसे-जैसे तुड़ाई का काम तेजी पकड़ रहा है, वैसे-वैसे लीची की खेप अलग-अलग शहरों की ओर रवाना हो रही है। किसान और व्यापारी इस बात से उत्साहित हैं कि देश के प्रमुख महानगरों में भेजे जाने से उन्हें इस बार बेहतर बाजार और मुनाफा मिलेगा।
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मुजफ्फरपुर की शाही लीची पहुंची मुंबई
– फोटो : अमर उजाला
लीची की मिठास से जुड़े हैं कई परिवारों के सपने
मुजफ्फरपुर की शाही लीची केवल एक फल नहीं बल्कि यहां के किसानों की मेहनत, परंपरा और जीविका का प्रतीक है। सैकड़ों किसान परिवार सालभर इस एक फसल पर निर्भर रहते हैं। इसीलिए जब पहली खेप ट्रेन में लदी, तो न केवल कार्टून में मिठास थी, बल्कि उम्मीदों का भी बोझ था कि मुंबई की गलियों तक जब यह मिठास पहुंचेगी, तो दाम भी मन मुताबिक मिलेंगे। मुंबई में लीची की पहली खेप के पहुंचते ही व्यापारियों द्वारा मिल रहे भाव पर नजर रखी जा रही है। अगर प्रतिक्रिया सकारात्मक रही, तो आने वाले हफ्तों में भेजी जाने वाली खेपों की संख्या कई गुना बढ़ जाएगी।
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