Lower 01 — From Doctor to Criminal: Mumbai’s Child Trafficking Arrests Unveiled
Lower 02 — Breaking News: Doctor Arrested in Mumbai’s Child Trafficking Ring
Lower 03 — Mumbai’s Battle Against Child Trafficking: Recent Arrests Highlight the Issue
Lower 04 —Mumbai’s Child Trafficking Scandal: Arrests Made, Justice Sought
नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR NEWS…भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार, हर साल 40 हजार बच्चों का अपहरण किया जाता है, जिनमें से 11 हजार बच्चों का कोई पता नहीं चल पाता है….एक प्रतिष्ठित एनजीओ का ये अनुमान है कि यौन व्यापार के हिस्से के रूप में पड़ोसी देशों से सालाना 12,000 से 50,000 महिलाओं और बच्चों की तस्करी की जाती है….ये आंकड़ा हम आपको इसीलिए बता रहे हैं क्योंकि मुंबई में चाइल्ड ट्रैफिकिंग के एक बड़े नेटवर्क का क्राइम ब्रांच ने खुलासा किया है….
गिरोह के 7 सदस्यों को गिरफ्तार करने के साथ ही दो मासूम को भी रेस्क्यू किया गया है….क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने बताया कि ये गैंग 80 हजार से लेकर 5 लाख रुपये तक में एक बच्चे की डील करता था….गैंग को बच्चा उपलब्ध कराने वाले दलाल कई राज्यों में फैले थे….
दरअसल पुलिस को सूचना मिली थी कि विक्रोली के रहने वाली शीतल गणेश वारे ने कथित तौर पर पांच महीने के बच्चे को दो लाख रुपये में बेच दिया है…अधिकारी ने बताया कि वारे को गोवंडी से पकड़ा गया, जिसके बाद पुलिस ने डॉक्टर सोपानराव खंडारे को गिरफ्तार कर लिया…खंडारे ने शिशु को बेचने में शीतल की मदद की थी….जांच से पता चला कि आरोपी ने दो साल की एक बच्ची को भी बेचा था और उसे भी बाद में बचा लिया गया है….मुंबई क्राइम ब्रांच ने बताया कि गिरोह तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भी बच्चों की तस्करी में शामिल रहा है….पुलिस अधिकारी ने कहा कि जुवेनाइल जस्टिस एक्ट और इंडियन पिनल कोड के तहत केस दर्ज कर लिया गया है….
चाइल्ड ट्रैफिकिंग जैसा घिनौना अपराध कोई नया नहीं है….हालांकि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और डिजिटल प्लटफॉर्म की वजह से अब इसकी खबर हर किसी को लग जाती है….आपको बता दें कि….साल 1998 में 5 हजार से 7 हजार नेपाली लड़कियों को भारतीय शहरों के रेड लाइट एरिया में धकेला जा रहा था….आपको जानकर हैरानी होगी कि इनमें से कुछ लड़कियों की उम्र बमुश्किल 9-10 साल की थीं….उस दौरान 2 लाख 50 हजार से ज्यादा नेपाली महिलाएं और लड़कियां पहले से ही भारतीय वेश्यालयों में थीं…
वहीं 2009 की सीबीआई रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अनुमानित 1.2 मिलियन बच्चे वेश्यावृत्ति में शामिल हैं…भारत में मानव तस्करी का केवल 10% अंतरराष्ट्रीय है, जबकि 90% अंतरराज्यीय है….भारत में अनुमानित हर साल 44,000 बच्चे इन तस्कर गिरोह के चंगुल में फंस जाते हैं….2015 में, भारत में केवल 4,203 मानव तस्करी के मामलों की जांच की गई….
भारत में बाल तस्करी के खिलाफ कई स्तरों पर कार्रवाई की जा रही है…केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया को नीतिगत स्तर पर उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली योजनाओं के संदर्भ में और कानूनी स्तर पर उनके द्वारा पारित अधिनियमों और संशोधनों के रूप में देखा जा सकता है…राज्य सरकारों को भी राज्य स्तर पर योजनाओं और कानूनों को लागू करने का प्रयास करके बाल तस्करी को संबोधित करने के लिए कार्रवाई करने के लिए कहा गया है…लेकिन चाइल्ड ट्रैफिकिंग का रूकना बेहद जरूरी है वरना आपके ये मासूम बच्चे जो कि देश का भविष्य है, खतरे में आ जाएंगे….क्राइम से जुड़ी ऐसी ही खास खबरों के लिए देखते रहिए AIRR NEWS….