केंद्र सरकार के गठन में पहले भी रही है किंगमेकर्स के अहम भूमिका-MULAYAM latest news

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PM मोदी के तीसरे कार्यकाल में नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू किंग मेकर की भूमिका में नज़र आ रहे हैं…वैसे ही जैसे पहले कभी लालू और मुलायम बखूबी किंगमेकर की भूमिका निभाते थे…75 दिन तक चले सियासी संग्राम के बाद 18वीं लोकसभा के नतीजे हम सबके सामने है…जहां एक ओर इंडिया गठबंधन को जबरदस्त फायदा हुआ वहीं BJP 272 के जादुई आकड़े से चूक गई…इंडिया गठबंधन को 234 सीटें मिलीं तो वहीं BJP को 240 सीटों से ही संतोष करना पड़ा…इससे BJP के वोट परसेंटेज पर भी फर्क पड़ा-MULAYAM latest news

लोकसभा चुनाव 2019 में BJP को कुल 37.71% वोट मिले थे…वहीं इस चुनाव में उसे कुल 36.56% ही वोट मिले हैं जो 2019 के आंकड़े  से करीब 1 फीसदी कम है…2019 की तुलना में 2024 में कई राज्यों में कांग्रेस को वोट प्रतिशत का फायदा हुआ है…2019 में कांग्रेस को कुल 19.67% वोट मिले थे जबकि इस चुनाव में कांग्रेस को 21.19% वोट मिले हैं…-MULAYAM latest news

यानि आंकड़ों की बाजीगरी में इस बार BJP पीछे रह गई…देश की सबसे बड़ी पार्टी की सीटों के साथ-साथ वोट प्रतिशत भी कम हुआ है…लेकिन अच्छी बात ये है कि BJP इस चुनाव में भी सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई है इसलिए उसे ही सरकार बनाने का न्योता मिला…जिसके लिए 272 का जादुई आंकड़ा चाहिए…जो वो हर हाल में पूरा कर लेगी क्योंकि घटक दलों को मिलाकर NDA के पास कुल 292 सीटें हैं…-MULAYAM latest news

ऐसे में सरकार बनाने के लिए JDU और TDP जैसी पार्टियों का सहारा है…हालत ऐसी की नीतीश कुमार और चंद्रबाबू सरीखे नेता प्रधानमंत्री के तीसरे कार्यकाल के लिए किंगमेकर की भूमिका में सामने आएंगे…नीतीश अपनी 12  और नायडू अपनी 16 सीटों के साथ PM मोदी के तीसरे कार्यकाल में अहम भूमिका निभाएंगे…सियासी भाषा में कहें तो इनके समर्थन से ही केंद्र में NDA की सरकार बनेगी…

इससे पहले मुलायम सिंह यादव भी 2008 में किंगमेकर साबित हुए थे…साल 2008 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार संकट में आ गई थी…कारण था अमरीका के साथ परमाणु करार…जिसके चलते वामपंथी दलों ने समर्थन वापस ले लिया था और सरकार अल्पमत में आ गई थी…

UPA की सरकार गिरने की कगार पर आ गई थी…सोनिया गांधी समेत कांग्रेस के दिग्गजों को समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें…ऐसे वक़्त पर मुलायम सिंह ने मनमोहन सरकार को बाहर से समर्थन देकर सरकार बचाई थी…जानकारों का कहना था कि उनका ये क़दम समाजवादी सोच से अलग था और व्यावहारिक उद्देश्यों से ज़्यादा प्रेरित था…

चूंकि मुलायम सिंह यादव 2009 के लोकसभा चुनाव से 1 साल पहले साल 2008 में ही UPA का हिस्सा बन गए थे ऐसे में 2009 के लोकसभा चुनाव में वो किंग मेकर की भूमिका में नज़र आए

चुनावी नतीजों से पहले उन्होंने ऐलान कर दिया था कि वो भले ही किंग ना बनें लेकिन किंग मेकर जरूर बनेंगे…और हुआ भी ऐसे ही…उन्होंने पहले ही कह दिया था कि प्रधानमंत्री कौन होगा यह तो SP, RJD और LJP का गठबंधन ही तय करेगा…

2009 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी को 206 सीटों पर जीत मिली थी वहीं मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी को 23 सीटें मिली थी ऐसे में कांग्रेस की मजबूरी बन चुके थे मुलायम सिंह यादव जिसके चलते वो एक बार फिर हिन्दुस्तान की सत्ता को मजबूत करने के लिए किंग मेकर बने…

  राजनीति में तस्वीरों की बेहद अहमियत होती है जो कभी भी सामने आ सकती है

क्या नीतीश और नायडू कभी भी पाला बदल सकते हैं?

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