MP Mauganj News: मध्य प्रदेश के मऊगंज के गदरा गांव में अपहृत शख्स को बचाने पहुंची पुलिस पर भीड़ ने हमला कर दिया. इस घटना में एक एएसआई (सहायक उपनिरीक्षक) समेत दो लोगों की मौत हो गई. फिलहाल यहां स्थिति नियंत्रण में है.
मऊगंज की एसपी रसना ठाकुर ने बताया कि तनाव के बाद यहां भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 (सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने और गड़बड़ी को रोकने) को लागू कर दिया गया है. स्थिति अभी नियंत्रण में है. हम लोगों से शांतिपूर्ण स्थिति बनाए रखने की अपील करते हैं.
हिरासत में पांच लोग
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि मऊगंज जिले में शनिवार को आदिवासियों के एक समूह ने अपह्रत व्यक्ति को बचाने पहुंची पुलिस टीम पर हमला कर दिया. अधिकारी ने बताया कि समूह ने अपह्रत व्यक्ति की भी हत्या कर दी थी. इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को हिरासत में लिया है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, रीवा रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक साकेत पांडे ने कहा, “एक एएसआई (सहायक उपनिरीक्षक) समेत दो लोगों की मौत हुई है और अन्य पुलिसकर्मियों को मामूली चोटें आई हैं.” सूत्रों ने बताया कि भीड़ द्वारा घेरे जाने के बाद पुलिस को आत्मरक्षा में हवा में गोलियां चलानी पड़ीं.
क्या है पूरा विवाद?
स्थानीय सूत्रों ने बताया कि कोल जनजाति के लोगों के एक समूह ने शनिवार को सनी द्विवेदी नामक व्यक्ति का अपहरण कर लिया था. सूत्रों के मुताबिक, उन लोगों को संदेह था कि द्विवेदी ने कुछ महीने पहले अशोक कुमार नाम के एक आदिवासी की हत्या की थी. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, कुमार की मौत एक सड़क दुर्घटना में हुई थी.
सनी द्विवेदी के अपहरण की सूचना मिलने के बाद शाहपुर थाने के प्रभारी संदीप भारतीय के नेतृत्व में एक टीम उसे बचाने के लिए गदरा गांव पहुंची. पुलिस ने बताया कि लेकिन उस समय तक द्विवेदी की एक कमरे में कथित तौर पर पिटाई के बाद मौत हो चुकी थी.
पुलिस के मुताबिक, जब पुलिसकर्मियों ने कमरा खोला, तो आदिवासियों के एक समूह ने उन पर लाठी और पत्थरों से हमला कर दिया, जिससे उनमें से कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए. एक अधिकारी ने बताया कि घायल पुलिसकर्मियों को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन विशेष सशस्त्र बल के एएसआई चरण गौतम ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
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