Moving towards the future: exploring space travel with nuclear rockets

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भविष्य की ओर बढ़ते: Nuclear Rockets के साथ अंतरिक्ष यात्रा का अन्वेषण

United States Defense Advanced Research Projects Agency के सहयोग से NASA एक nuclear propulsion system की खोज कर रहा है जो संभावित रूप से मंगल ग्रह की यात्रा के समय को आधा कर सकती है।

§  इस ambitious initiative को Demonstration Rocket for Agile Cislunar Operations के रूप में जाना जाता है तथा इसको वर्ष 2025 के अंत या वर्ष 2026 की शुरुआत में लॉन्च करना निर्धारित है। 

Demonstration Rocket for Agile Cislunar Operations:

§  DRACO project celestial bodies के बीच कम travel timesऔर improved fuel efficiency की संभावना प्रदान करती है। DRACO की vision का केंद्र एक Nuclear reactor है जो uranium atoms के fission से प्राप्त ऊर्जा का उपयोग करता है।

§  Significance: DRACO कई तरीकों से space travel में क्रांति लाने की क्षमता रखता है:

o Acceleration and Speed: traditional rocket engines के विपरीत, जो chemical reactions पर निर्भर होते हैं, nuclear reactions कहीं अधिक ऊर्जा उत्पन्न करती हैं, जिससे spacecraft अपनी पूरी यात्रा में लगातार तेज़ी लाने में सक्षम होता है।

·         यह acceleration मंगल जैसे distant destinations तक यात्रा के समय को काफी कम कर सकता है।

o Enhanced Fuel Efficiency: Nuclear propulsion systems अधिक fuel efficiency उत्पन्न करती है, जिससे excessive propellant ले जाने की आवश्यकता कम हो जाती है।

·         यह लाभ अंतरग्रहीय यात्राओं की अवधि को काफी कम कर सकता है।

o Minimized Exposure: Expedited travel times astronauts के लिये deep space की harsh conditions में जोखिम को कम करता है।

§  Concern: 

o Safety Concerns: अंतरिक्ष में nuclear fuel के उपयोग के साथ primary concerns में से एक दुर्घटनाओं या खराबी की संभावना है जो radioactive material को अंतरिक्ष में या पृथ्वी पर वापस छोड़ सकती है।

·         ऐसी घटनाओं के severe environmental and health consequences हो सकते हैं।

o Launch Risks: nuclear fuel के साथ spacecraft लॉन्च करना risks पैदा करता है, क्योंकि launch failure or explosion की संभावना हमेशा बनी रहती है, जिससे radioactive material एक wide area में फैल जाती है।

मगल ग्रह:

§  मंगल हमारे solar system में सूर्य की ओर से fourth planet है। इसकी सतह पर iron oxide (rust) के कारण लाल रंग के दिखने की वजह से इसे अक्सर “रेड प्लेनेट” कहा जाता है।

§  Atmosphere: मंगल ग्रह का वातावरण मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड (95.3%) से बना है, जिसमें नाइट्रोजन और आर्गन के अंश भी हैं।

§  सतह की प्रमुख विशेषताएँ:

o Olympus Mons: सौरमंडल का सबसे बड़ा ज्ञात ज्वालामुखी।

o वैलेस मैरिनेरिस: एक विशाल घाटी प्रणाली।

o ध्रुवीय बर्फ आवरण: ध्रुवों पर पानी और जमी हुई कार्बन डाइऑक्साइड (सूखी बर्फ) से बना बर्फ का आवरण।

o धूल भरी सतह: सतह महीन धूल और चट्टानों से ढकी हुई है।

o तरल जल: तरल जल दुर्लभ है, but evidence suggests past liquid flows.

प्रमुख मंगल मिशन:

§  Perseverance Rover – NASA

§  India’s Mars Orbiter Mission (MOM) or Mangalyaan (2013)

§  ExoMars rover (2021) (European Space Agency)

§  Tianwen-1: China’s Mars Mission (2021)

§  UAE’s Hope Mars Mission (UAE’s first-ever interplanetary mission) (2021)

§  Mars 2 and Mars 3 (1971) (Soviet Union)

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