लोकसभा चुनावों से पहले, pm Narendra Modi ने उत्तर प्रदेश के मेरठ में ‘रामायण’ से प्रसिद्धि पाने वाले अरुण गोविंद के लिए अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत की। उत्तर प्रदेश लोकसभा सीट से एनडीए उम्मीदवारों ने ‘गौरव रैली’ में भाग लिया। यह पहली बार था जब पीएम मोदी ने ‘गौरव रैली’ में राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के नेता जयंत सिंह चौधरी के साथ मंच साझा किया।-Modi-Jayant’s Coalition Rally in Meerut
नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज़।
मेरठ में रैली को संबोधित करते हुए, जयंत ने अपने दादा और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न प्रदान करने के लिए पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया। जयंत ने कहा, “सम्मान के बाद, मैं प्रधानमंत्री मोदी से मिला, उन्होंने कहा कि कैसे वह एक राजनीतिज्ञ के रूप में चौधरी चरण के काम का सम्मान करते हैं, और कैसे उन्होंने मेरठ में भारत रत्न कार्यक्रम के बाद पहली रैली की, जो चौधरी चरण सिंह की ‘कर्म भूमि’ भी है।”-Modi-Jayant’s Coalition Rally in Meerut
आगे जयंत ने कहा, “प्रधान मंत्री के साथ मेरी थोड़ी बातचीत हुई और उन्होंने किसानों के लिए अपनी चिंता व्यक्त की।”
इससे पहले, राष्ट्रीय जनता दल (रालोद) ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए दो उम्मीदवारों की सूची की घोषणा की थी। जयंत चौधरी के नेतृत्व वाली पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बिजनौर से चंदन चौहान और बागपत से राजकुमार सांगवान को मैदान में उतारा है।
आपको बता दे कि 2014 में, बीजेपी ने पश्चिम उत्तर प्रदेश की सभी 16 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। हालाँकि, सपा, बसपा और रालोद के गठबंधन के बाद 2019 के चुनावों में उसकी सीटों की संख्या घटकर नौ रह गई। वर्तमान में, रालोद का बीजेपी के साथ गठबंधन है, जिससे जाट वोटों के एकीकरण की संभावना है।
हालांकि भारत रत्न प्राप्त करने वाले चौधरी चरण सिंह पश्चिम उत्तर प्रदेश के एक प्रमुख राजनीतिक व्यक्ति थे। उन्होंने 1979 से 1980 तक भारत के प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया। वह किसानों के मजबूत समर्थक थे और उन्होंने कई कृषि सुधारों की शुरुआत की थी।
वही जयंत सिंह चौधरी चौधरी चरण सिंह के पोते हैं। वह 2018 से रालोद के अध्यक्ष हैं। वह एक लोकप्रिय युवा नेता हैं जिनकी पश्चिम उत्तर प्रदेश में अच्छी खासी पैठ है।
ये रालोद और बीजेपी का गठबंधन, पश्चिम उत्तर प्रदेश में जाट वोटों को एकजुट करने की रणनीति का हिस्सा है। जाट इस क्षेत्र में एक प्रमुख जाति समूह हैं और चुनावों में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है।
वही pm Narendra Modi और जयंत सिंह चौधरी के बीच गठबंधन एक महत्वपूर्ण राजनीतिक विकास है। यह बीजेपी और रालोद दोनों के लिए एक फायदेमंद व्यवस्था है। बीजेपी पश्चिम उत्तर प्रदेश में रालोद के मजबूत जनाधार का लाभ उठाना चाहती है, जबकि रालोद बीजेपी की राष्ट्रीय पहुंच का लाभ उठाना चाहती है।
हालांकि, यह गठबंधन कठिनाइयों के बिना नहीं है। पहले से ही इंडिया गठबंधन मिलकर चुनाव लड़ रहा हैं, और यह संभव है कि वे भी जाट वोटों के लिए अपील करें। इसके अतिरिक्त, रालोद का बीजेपी के साथ गठबंधन किसानों के बीच अच्छी तरह से पेठ नही बना सकता है, जिन्होंने हाल के कृषि कानूनों का विरोध किया है।
कुल मिलाकर, pm Narendra Modi और जयंत सिंह चौधरी के बीच गठबंधन एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना है जिसका आगामी लोकसभा चुनावों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की संभावना है।
तो इस तरह आपने जाना की pm Narendra Modi ने उत्तर प्रदेश के मेरठ में लोकसभा चुनावों के लिए अपना प्रचार अभियान शुरू किया। उन्होंने पहली बार राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत सिंह चौधरी के साथ मंच साझा किया। बीजेपी और रालोद का गठबंधन जाट वोटों को एकजुट करने की रणनीति का हिस्सा है। हालांकि, यह गठबंधन इंडिया गठबंधन और किसानों के बीच रालोद के साथ बीजेपी के गठबंधन का विरोध करने की संभावना जैसी चुनौतियों का सामना करता है।
आज की वीडियो में हमने pm Narendra Modi और जयंत सिंह चौधरी के बीच गठबंधन की चर्चा की। अगली वीडियो में, हम उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों के लिए अन्य महत्वपूर्ण गठबंधनों और उम्मीदवारों पर चर्चा करेंगे।
नमस्कार आप देख रहे थे AIRR न्यूज ।