मिलिंद देवरा का कांग्रेस से इस्तीफा देकर एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल होना कई सवालो को जन्म देता है। आज हम आपको सभी सवालो के जवाब देंगे जैसे मिलिंद देवरा कौन हैं, उनके परिवार का कांग्रेस से क्या रिश्ता था, उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया और इससे राजनीतिक परिदृश्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इस पर हम आपको विस्तार से आपको बताएंगे।
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47 वर्षीय पूर्व केंद्रीय मंत्री और मुंबई दक्षिण से पूर्व सांसद मिलिंद देवरा के पिता मुरली देवरा कांग्रेस के दिग्गज नेता थे, जो चार बार लोकसभा सांसद और तीन बार राज्यसभा सांसद रहे। मुरली देवरा, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में लगातार दो सरकारों में पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले एकमात्र पेट्रोलियम मंत्री थे। उनका गांधी परिवार के साथ अटूट निष्ठा थी और उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा मुंबई में मेयर के रूप में शुरू की थी।
ऐसे ही मिलिंद देवरा ने 2004 में कांग्रेस में शामिल होकर अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की और उन्होंने तीन बार मुंबई दक्षिण से लोकसभा चुनाव जीता। उन्होंने 2009 में अपनी सीट बचाई और 2014 में अरविंद सावंत को हराया। लेकिन 2019 में उन्हें शिवसेना के उमेश रावले से हारना पड़ा था।
आपको बता दे कि, मिलिंद देवरा ने रविवार को कांग्रेस से इस्तीफा देकर एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल करना का फैसला लिया। उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया है कि वह उसे नजरअंदाज कर रही है और राज्य के विकास के लिए कोई रणनीति नहीं बना रही है। उन्होंने कहा कि वे शिवसेना में आकर राज्य के लोगों की सेवा करना चाहते हैं और उनके विकास के लिए काम करना चाहते हैं।
वैसे ये बात सच है कि, मिलिंद देवरा के इस्तीफे से कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है, क्योंकि वह पार्टी के युवा नेताओं में से एक थे और राहुल गांधी के करीबी माने जाते थे। उन्होंने राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के विभिन्न समितियों में काम किया और उनके विचारों को आगे बढ़ाने का प्रयास किया। उन्होंने अपने इस्तीफे के पत्र में भी राहुल गांधी को धन्यवाद दिया और उनके साथ काम करने का अवसर मिलने पर अभिभूति व्यक्त की।
मिलिंद देवरा के शिवसेना में शामिल होने से राजनीतिक परिदृश्य में कई बदलाव आ सकते हैं। शिवसेना को एक युवा और विश्वसनीय नेता मिला है, जो उनके विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाने में मदद कर सकता है। मिलिंद देवरा का मुंबई दक्षिण से लोकसभा सीट भी शिवसेना के लिए एक अहम फायदा हो सकता है, क्योंकि वह वहां के लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। वह अपने पिता की तरह कॉर्पोरेट वर्ग के साथ अच्छे संबंध रखते हैं और उनके साथ विभिन्न परियोजनाओं में भाग लेते हैं।
कांग्रेस के लिए यह एक बड़ी हानि है, क्योंकि वह अपने एक युवा और वफादार नेता और एक वफादार परिवार को खो चुकी है। कांग्रेस को अपनी पार्टी को एकजुट रखने के लिए और अपने नेताओं को संतुष्ट रखने के लिए ज्यादा मेहनत करनी होगी। कांग्रेस को अपने विचारों को लोगों तक पहुंचाने के लिए एक नई रणनीति बनानी होगी, जिससे वह अपनी वापसी कर सके।
ऐसे में मिलिंद देवरा का कांग्रेस से इस्तीफा देकर शिवसेना में शामिल होना एक ऐतिहासिक घटना है, जिससे महाराष्ट्र की राजनीति में कई बदलाव आ सकते हैं। शिवसेना को एक नया नेता मिला है, जो उनके विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाने में मदद कर सकता है। कांग्रेस को अपने एक युवा और वफादार नेता को खोने का दुख झेलना पड़ रहा है, जिससे उनकी पार्टी को कमजोरी का सामना करना पड़ रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे चलकर इन दोनों पार्टियों का राजनीतिक रुख कैसा रहेगा और लोगों का उनके प्रति रुझान कैसा रहेगा।यह था AIRR न्यूज का खास वीडियो, आशा है कि आपको यह पसंद आया होगा।
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