क्या आप जानते हैं कि Maharashtra में मराठा समुदाय को आरक्षण मिलने का लंबा इंतजार खत्म हो गया है? क्या आप जानते हैं कि मराठा आरक्षण का बिल किस आधार पर तैयार किया गया है? क्या आप जानते हैं कि मराठा आरक्षण का बिल किस प्रकार के विरोध और समर्थन का सामना कर रहा है? अगर आप इन सवालों के जवाब जानना चाहते हैं, तो इस वीडियो को अंत तक देखिए। नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज़। -क्या आप जानते हैं कि Maharashtra में मराठा समुदाय को आरक्षण मिलने का लंबा इंतजार खत्म हो गया है? क्या आप जानते हैं-Maratha Reservation in Maharashtra
Maharashtra विधानसभा ने मंगलवार को सर्वसम्मति से मराठा आरक्षण का बिल पास किया है, जिसमें समुदाय को 50 प्रतिशत सीमा के ऊपर आरक्षण देने का प्रस्ताव है। इस बिल के तहत, सरकार मराठों को नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10-12 प्रतिशत आरक्षण देगी।
Maharashtra राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (MSBCC) की रिपोर्ट और ड्राफ्ट बिल को Maharashtra विधानमंडल के एक-दिवसीय विशेष सत्र में इस दोपहर पेश किया गया था, जिसका मुख्य एजेंडा मराठा कोटा था।
MSBCC के निर्वाचित अध्यक्ष न्यायाधीश सुनील शुक्रे ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को मराठा समुदाय की पिछड़ी हुई स्थिति का जायजा लेने वाली अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपी थी।
आयोग ने हाल ही में पूरे राज्य में 2.25 करोड़ लोगों के बीच हुए सर्वेक्षण में पाया गया है कि मराठा समुदाय राज्य की 28 प्रतिशत आबादी का हिस्सा है और वह पिछड़ा हुआ है।
आयोग ने कहा है कि कई जातियों और समूहों को पहले से ही लगभग 52 प्रतिशत कोटा में शामिल किया गया है, इसलिए ऐसा करना असामान्य होगा कि एक इतने बड़े मराठा समुदाय को, जिसकी 28 प्रतिशत उपस्थिति है, ओबीसी श्रेणी में रखा जाए।
मराठा आरक्षण का बिल पास होने के बाद, महाराष्ट्र में आरक्षण का कुल प्रतिशत 62-64 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा, जो कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक है। इसका मतलब है कि इस बिल को संवैधानिक वैधता प्राप्त करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय की मंजूरी चाहिए।
इस बिल का विरोध करने वाले लोग यह कहते हैं कि मराठा समुदाय राज्य में अर्थव्यवस्था, राजनीति और सामाजिक जीवन में प्रभावशाली है, और उन्हें आरक्षण की जरूरत नहीं है। वे यह भी कहते हैं कि मराठा आरक्षण का बिल एक राजनीतिक चाल है, जिसका उद्देश्य अपने वोट बैंक को बढ़ाना और अन्य समुदायों को अलग करना है। वे यह भी दावा करते हैं कि MSBCC की रिपोर्ट में मराठा समुदाय की पिछड़ी हुई स्थिति को दर्शाने के लिए गलत तरीके से आंकड़े का इस्तेमाल किया गया है।
वही इस बिल का समर्थन करने वाले लोग यह कहते हैं कि मराठा समुदाय को आरक्षण की जरूरत है, क्योंकि वे शिक्षा, रोजगार और सामाजिक न्याय के मामले में पिछड़े हुए हैं। वे यह भी कहते हैं कि मराठा आरक्षण का बिल MSBCC की रिपोर्ट के आधार पर बनाया गया है, जिसमें मराठा समुदाय की आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक दशा का विश्लेषण किया गया है। वे यह भी कहते हैं कि मराठा आरक्षण का बिल एक सामाजिक न्याय का प्रयास है, जो मराठा समुदाय को उनके हक का हिस्सा देगा।
ऐसे में हम कह सकते है कि मराठा आरक्षण का बिल एक विवादास्पद और महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिसके परिणामस्वरूप महाराष्ट्र की राजनीति, सामाजिक संरचना और अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। इस बिल को संवैधानिक चुनौतियों, न्यायिक याचिकाओं और सामाजिक आंदोलनों का सामना करना पड़ सकता है, जिससे इसका कानूनी और वास्तविक रूप से लागू होना मुश्किल हो सकता है। इस बिल के पक्ष और विपक्ष के बीच एक संतुलित और समझौतापूर्ण हल निकालना जरूरी है, जो मराठा समुदाय के हितों का ध्यान रखते हुए, अन्य समुदायों के अधिकारों का भी सम्मान करे।
तो,ये थी मराठा आरक्षण बिल पर हमारी खास वीडियो। आशा करते हैं कि आपको यह वीडियो पसंद आया होगा। अगर आपको इस वीडियो से जुड़ी कोई भी बात पूछनी हो, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं। हम आपके सवालों का जवाब देने की कोशिश करेंगे।
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