Mamata Banerjee के लिए संदेशखाली बनेगा मुसीबत,  बीजेपी को मिली सियासी संजीवनी 

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लोकसभा चुनाव के लिए बंगाल में सियासी खेला-Mamata Banerjee latest update

Mamata Banerjee के लिए संदेशखाली खड़ी करेगा मुसीबत

संदेशखाली को मुद्दा बना रही है बीजेपी

सिंगूर बना था ममता के लिए संजीवनी

लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान से ठीक पहले पश्चिम बंगाल में संदेशखाली को लेकर इन दिनों भाजपा बेहद अक्रामक है.. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  और गृहमंत्री अमित शाह संदेशखाली को लेकर लगातार ममता सरकार पर हमला बोल रहे है..  संदेशखाली का मामला ऐसे समय सामने आया है, जब लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है.. ऐसे में अब सवाल यह  है कि क्या संदेशखाली भाजपा के लिए सिंगूर आंदोलन साबित हो सकता है..-Mamata Banerjee latest update

एक सवाल है कि आखिर ममता को संदेशखाली पर डर क्यो है.. तो आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल की राजनीति में Mamata Banerjee सिंगूर और नंदीग्राम की घटना के बाद सियासी फलक पर चमकी थी और उन्होंने एक झटके में 34 साल के लेफ्ट के शासन को उखाड़ फेंका था.. लेकिन संदेशखाली को लेकर इन दिनों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री Mamata Banerjee बेहद बैकफुट पर नजर आ रही हैं..

बंगाल की राजनीति के जानकार बताते हैं कि Mamata Banerjee को राज्य की महिलाएं एक  आइकॉन के तौर पर देखती है, लेकिन संदेशखाली में जिस तरह से महिलाओं पर कथित अत्याचार के मामले सामने आए है उसे अब महिलाओं के बीच मुख्यमंत्री Mamata Banerjee की छवि को बड़ा धक्का लगा है...

वहीं संदेशखाली का मामला सामने आते ही बीजेपी इसे भुनाने में लगी हुई है.. वहीं सवाल ये उठ रहा है कि क्या संदेशखाली से Mamata Banerjee की सिंगूर और नंदीग्राम वाली ज़मीन खिसकने लगी है.. संदेशखाली में महिलाओं के उत्पीड़न और ज़मीन पर अवैध कब्ज़ों का आरोपी टीएमसी नेता शाहजहां शेख को संरक्षण देने का आरोप लगातार भाजपा लगा  रही है.. पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल में अपनी रैली में संदेशखाली को लेकर ममता सरकार पर हमला बोलते हुए जनता से पूछा कि क्या शाहजहां शेख की हरकत और उसे बचाने की कोशिश पर लोग ममता सरकार को माफ़ करेंगे? क्या मां-बहनों पर चोट का जवाब वोट से नहीं देंगे?.. 

वहीं संदेशखाली की घटना के बाद पिछले दिनों केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने एक इंटरव्यू मे संदेशखाली की घटना  का जिक्र करते हुए लोकसभा चुनाव में 25 से अधिक सीटें जीतने का दावा किया है.. गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पश्चिम बंगाल की 42 सीटों में से 18 पर जीत हासिल की थी.. दरअसल 2014 के बाद बंगाल में भाजपा का ग्राफ तेजी से बढ़ा है..

2014 में 2 सीटों से 2019 में भाजपा सीधे 18 सीटों पर पहुंच गई थी.. ऐसे में सवाल यह भी है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले संदेशखाली की घटना भाजपा के लिए चुनाव में बूस्टर डोज का काम करेगी.. वहीं मुख्यमंत्री Mamata Banerjee कह चुकी हैं कि संदेशखाली को सिंगूर और नंदीग्राम से तुलना नहीं की जा सकती है.. उन्होंने आरोप लगायाय कि भाजपा संदेशखाली के सहारे तुष्टिकरण की राजनीति कर अपना वोट तलाश रही है.. दरअसल पश्चिम बंगाल की राजनीति और जनआंदोलन का एक मजबूत कनेक्शन रहा है..

Mamata Banerjee की राजनीति की असली ताकत सिंगूर और नंद्रीग्राम जैसे जनआंदोलन रहे है.. यहीं वजह है कि भाजपा पूरी ताकत से संदेशखाली के जरिए महिला सुरक्षा और हिंदूओं पर अत्याचार को एक आंदोलन की शक्ल देने की पुरजोर कोशिश में जुटी है.. वहीं Mamata Banerjee भी भाजपा  की रणनीति से पूरी तरह वाकिफ है और वह किसी मायने में संदेशखाली को भाजपा के लिए सिंगूर नहीं बनने देना चाहती है।

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