Mahua Moitra in Trouble: Cash-for-Query Scandal Rocks Parliament

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    Mahua Moitra in Trouble: Cash-for-Query Scandal Rocks Parliament

    महुआ मोइत्रा मुसीबत में: Cash-for-Query Scandal ने संसद को हिलाकर रख दिया

    क्या महुआ मोइत्रा ने रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछे? क्या उन्होंने अपना लॉगिन पासवर्ड एक व्यापारी को दिया? क्या उन पर सीबीआई जांच का आदेश हुआ है? क्या उनकी सदस्यता खत्म होने की संभावना है? जानने के लिए देखिए हमारा वीडियो, जिसमें हम आपको बताएंगे महुआ मोइत्रा के कैश-फॉर-क्वेरी मामले की पूरी कहानी।

     जहां हम आपको देते हैं राजनीति की ताजा और गरमा-गरम खबरें। आज हम बात करेंगे एक ऐसे मुद्दे पर, जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। हां, हम बात कर रहे हैं महुआ मोइत्रा के Cash-for-Query Scandal मामले की, जिसमें उन्हें आरोप है कि उन्होंने एक व्यापारी से रिश्वत लेकर संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अदानी समूह के खिलाफ सवाल उठाए। तो चलिए जानते हैं इस मामले की पूरी कहानी।

    ये सब शुरू हुआ 15 अक्टूबर को, जब भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने एक पत्र लिखकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से अनुरोध किया कि वे महुआ मोइत्रा के खिलाफ एक जांच समिति गठित करें। दुबे ने दावा किया कि उनके पास एक वकील जय आनंत देहदराई से मिले कुछ दस्तावेज हैं, जिनमें महुआ मोइत्रा और व्यापारी दर्शन हीरानंदानी के बीच रिश्वत के आदान-प्रदान का सबूत है। दुबे ने कहा कि हीरानंदानी ने मोइत्रा को रुपये, उपहार और चुनाव लड़ने के लिए पैसे दिए, ताकि वे संसद में अदानी समूह और प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ सवाल पूछें। दुबे ने कहा कि मोइत्रा के हाल ही में पूछे गए 61 सवालों में से 50 ऐसे हैं, जो हीरानंदानी और उनकी कंपनी के व्यावसायिक हितों की रक्षा या स्थायीकरण के लिए जानकारी मांगते हैं। दुबे ने कहा कि ये सवाल अक्सर अदानी समूह पर भी केंद्रित होते हैं, जिसके खिलाफ हीरानंदानी समूह व्यापार के लिए बोली लगा रहा है।

    दुबे ने कहा कि ये मामला 2005 के कैश-फॉर-क्वेरी घोटाले की तरह है, जिसमें 11 सांसदों की सदस्यता जांच समिति की सिफारिश पर 23 दिनों में रद्द कर दी गई थी। दुबे ने कहा कि मोइत्रा को भी इसी तरह से जांच करने और रिपोर्ट देने तक सदन से निलंबित कर दिया जाना चाहिए।

    लोकसभा अध्यक्ष ने दुबे की शिकायत को संसद की आचार समिति को आगे भेजा, जो इसे आगे जांच रही है। मोइत्रा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वे इस मुद्दे पर किसी भी कार्रवाई का स्वागत करती हैं, लेकिन उन्होंने दुबे पर पलटवार करते हुए कहा कि जब लोकसभा अध्यक्ष उनके खिलाफ लंबित आरोपों का निपटारा कर लेंगे, तब मोइत्रा,  दुबे के खिलाफ उन्हें धमकाने, अपमानित करने और झूठे आरोप लगाने के कई मामले हैं, जिनका निराकरण अभी तक नहीं हुआ है उन पर संसदीय कार्यवाही की मांग करेगी।

    इसके अलावा मोइत्रा ने अपनी बचाव में कहा कि उन्हें हीरानंदानी से कोई रिश्वत नहीं मिली है, और उनके और उसके बीच कोई व्यावसायिक संबंध नहीं है। वे ने कहा कि उन्होंने संसद में वो सवाल पूछे, जो उनके मतदाताओं के हितों के लिए थे ।

    ये थी महुआ मोइत्रा के कैश-फॉर-क्वेरी की पूरी कहानी। अब आप बताइए, कि आपको इस मामले में आपकी क्या राय है? क्या मोइत्रा ने सच में रिश्वत ली है, या ये सब भाजपा की साजिश है? क्या आचार समिति को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए, या ये सब बेकार की बातें हैं? आप अपनी राय हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताइए। और हां, अगर आपको हमारा वीडियो पसंद आया हो तो इसे लाइक, शेयर और सब्सक्राइब करना न भूलें।

    धन्यवाद, जय हिंद, जय भारत।

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