Marashtra Politics:
महाराष्ट्र की राजनीति में वर्तमान स्थिति दर्शाती है कि कैसे शरद पवार की NCP ने चतुराई से खेल को पलट दिया है। कांग्रेस, जो एक समय मजबूत स्थिति में थी, अब कमजोर नजर आ रही है। शिवसेना उद्धव गुट को भी सीटों में कमी का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उसकी राजनीतिक ताकत कम हुई है। यह स्पष्ट है कि पवार ने अपनी रणनीतियों के माध्यम से न केवल अपनी पार्टी को मजबूत किया, बल्कि अन्य सहयोगियों को भी मात दी है। कांग्रेस को अब अपने सहयोगियों के साथ सामंजस्य बैठाना होगा, अन्यथा वह आगे और अधिक कमजोर हो सकती है। आगामी चुनावों में ये गुटबाज़ियाँ तय करेंगी कि कौन सा दल महाराष्ट्र की राजनीति में अपना स्थान बनाए रखता है। इस सबके बीच, शरद पवार की कूटनीति ने इस खेल को रोमांचक बना दिया है।
Marashtra Politics :महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (MVA) के भीतर सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस, शिवसेना और NCP के बीच तकरार जारी है। आधिकारिक रूप से तीनों दलों के लिए 85-85 सीटों पर चुनाव लड़ने का फॉर्मूला तैयार किया गया है। जबकि कुल 255 सीटों में से 28 पर अभी भी विवाद है। इस सीट बंटवारे में दिलचस्प बात यह है कि सभी दलों को एक समान तौला गया है, लेकिन NCP के शरद गुट ने अपने पक्ष में खेल पलट दिया है। Airr News
कांग्रेस की कठिनाई
कांग्रेस की स्थिति इस खेल में सबसे कमजोर नजर आ रही है। उसके पास पहले से 13 सांसद हैं और 2019 के विधानसभा चुनाव में उसके पास 44 विधायक थे। दूसरी ओर, शिवसेना और NCP दोनों ही दो धड़ों में बंट चुकी हैं। महाविकास अघाड़ी में शिवसेना उद्धव गुट और NCP शरद गुट शामिल हैं, जिनके पास क्रमशः 15 और 14 विधायक हैं। इस हिसाब से कांग्रेस के पास सबसे ज्यादा ताकत होने के बावजूद उसे कम सीटें मिल रही हैं। Airr News
उद्धव ठाकरे का बड़ा खेल
Marashtra Politics :शिवसेना उद्धव गुट को इस सीट बंटवारे में बड़ा झटका लगा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में, इस गुट ने 21 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे। हालांकि, पिछले चुनाव में उनकी पार्टी की स्थिति कमजोर हुई। उद्धव गुट ने अपने सहयोगियों को यह समझाने में कामयाबी पाई थी कि वे ही असली शिवसेना हैं, लेकिन चुनाव में हार ने उनकी स्थिति को और कमजोर कर दिया। Airr News
NCP का चतुर खेल
NCP के शरद पवार ने इस पूरी स्थिति में अपने दल को महत्वपूर्ण लाभ पहुंचाया है। पिछले लोकसभा चुनाव में NCP ने केवल 10 सीटों पर चुनाव लड़कर 8 सीटें जीत ली थीं। यह प्रदर्शन उनकी ताकत को बढ़ाता है और अब वे कांग्रेस और शिवसेना उद्धव गुट के बराबर आ गए हैं। NCP का यह रणनीतिक कदम उन्हें भविष्य के चुनावों में और मजबूत बना सकता है। Airr News
कांग्रेस का आत्मविश्वास
कांग्रेस ने अब तक अपने हिस्से की सीटों पर अडिग रहने का निर्णय लिया है। पार्टी का लक्ष्य 100 से 105 सीटें हासिल करना है। यदि कांग्रेस अपने उम्मीदवारों को सही तरीके से मैदान में उतारती है, तो यह उसके लिए बड़ा अवसर बन सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कांग्रेस अपने सहयोगियों के बीच सामंजस्य बैठा पाती है या नहीं। Airr News
शिवसेना उद्धव गुट की दिक्कतें
उद्धव गुट को उम्मीद थी कि वह लोकसभा चुनाव के फॉर्मूले के आधार पर 126 सीटों पर चुनाव लड़ेगा, लेकिन उसे केवल 85 से 90 सीटें मिल रही हैं। इससे साफ है कि उनकी ताकत में कमी आई है। NCP ने इस स्थिति का लाभ उठाकर खुद को मजबूत किया है। शिवसेना उद्धव गुट की स्थिति में गिरावट कांग्रेस को कोई लाभ नहीं पहुंचा रही है, जिससे यह साबित होता है कि शरद पवार का खेल सफल रहा। Airr News
भविष्य की चुनौतियां
आने वाले चुनावों में इन दलों के बीच की खींचतान और अधिक बढ़ सकती है। शरद पवार की NCP, कांग्रेस और शिवसेना के बीच के इस टकराव में कोई भी दल सुरक्षित नहीं है। सभी को अपनी रणनीतियों को फिर से समझना होगा। यह चुनाव महाराष्ट्र की राजनीतिक तस्वीर को फिर से बदलने की क्षमता रखता है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र की राजनीति में अब स्थिति और भी दिलचस्प हो गई है। शरद पवार की चतुराई ने कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सभी दलों को आगामी चुनाव में अपने-अपने दावों को संभालने की आवश्यकता होगी। यह देखना होगा कि कौन सा दल इस राजनीतिक खेल में जीत हासिल करता है। Airr News
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