Mahamana Madan Mohan Malaviya: Unseen Works and Their Significance – AIRR News Special
महामना मदन मोहन मालवीय: अदृश्य कार्य और उनका महत्व – ऐरर न्यूज़ स्पेशल
नमस्कार।
मदन मोहन मालवीय, जिन्हें महामना के रूप में भी जाना जाता है, भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता, शिक्षा सुधारक और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक थे। उन्होंने अपने जीवन में अनेक लेख, भाषण, पत्र और पुस्तकें लिखीं, जो अब तक प्रकाशित नहीं हुई थीं। इन्हीं कृतियों को 11 खंडों में विभाजित करके लगभग 4000 पृष्ठों पर संकलित किया गया है, जिसमें उनके अप्रकाशित पत्र, लेख और भाषण, सहित स्मृतिपत्र, 1907 में उनके द्वारा शुरू किए गए हिंदी साप्ताहिक ‘अभ्युदय’ की संपादकीय सामग्री, साथ ही उनके द्वारा लिखी गई पुस्तिकाएं और बुकलेट शामिल हैं।
आपको बता दे कि प्रधानमंत्री मोदी ने इन कृतियों को विमोचित करते हुए उनकी उपलब्धियों और दृष्टिकोण की प्रशंसा की, और कहा कि वे भारत के लिए एक प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि मालवीय जी ने राष्ट्र निर्माण के लिए कई संस्थाओं की स्थापना की, जिनमें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, ऋषिकुल ब्रह्माश्रम, हरिद्वार, भारती भवन पुस्तकालय, प्रयागराज, सनातन धर्म महाविद्यालय, लाहौर आदि शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के कई संस्थाओं का निर्माता बन रहा है, जो 21वीं सदी के भारत को ही नहीं, बल्कि 21वीं सदी के विश्व को भी एक नए दिशा देने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अच्छे प्रशासन को देने के लिए प्रतिबद्ध है, जो शक्ति केंद्रित नहीं, बल्कि सेवा केंद्रित है। उन्होंने कहा कि अच्छा प्रशासन तभी होता है, जब नीतियां स्पष्ट इरादों और संवेदनशीलता के साथ बनाई जाती हैं, और हर हकदार व्यक्ति को भेदभाव के बिना अपना हक मिलता है।
उन्होंने कहा कि नागरिकों को बुनियादी सुविधाओं के लिए दौड़ने की जरूरत नहीं है। उन्होंने ‘मोदी की गारंटी’ के प्रभाव को उजागर करते हुए कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा के 40 दिनों के भीतर करोड़ों नए आयुष्मान कार्ड उन लोगों को दिए गए, जो पहले छूट गए थे। पारदर्शिता की भूमिका पर बल देते हुए, उन्होंने कहा कि अगर करदाता का हर पैसा जनहित में खर्च होता है, तो यह अच्छा प्रशासन है। और इसी अच्छे प्रशासन के कारण 13.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं। और बाकि बचे 80 करोड़ लोगो को मुफ्त अनाज देने का बंदोबस्त अगले पांच साल के लिए कर दिया है।
आगे मोदी ने याद दिलाया कि जब वे 2014 में वाराणसी से चुनाव लड़ने आए थे, तो उनका नाम मालवीय जी के परिवार के सदस्यों ने प्रस्तावित किया था। उन्होंने कहा कि वे मालवीय जी, अटल बिहारी वाजपेयी और हर आजादी सेनानी के सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रयास कर रहे हैं, जिनका जन्मदिन अच्छे प्रशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है।
आपको बता दे कि इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के भाषण को भावपूर्ण तालियों और जयकारों से उद्घाटित किया। इस कार्यक्रम में इंफॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग मंत्री अनुराग ठाकुर, संस्कृति और पर्यटन मंत्री गीता शर्मा, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, बीएचयू के कुलपति राकेश भटनागर, मालवीय जी के परिवार के सदस्य और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
इस तरह, यह एक ऐतिहासिक और स्मरणीय दिन बन गया था, जिसने Madan Mohan Malaviya के जीवन और विचारों को एक नए रूप में प्रस्तुत किया, और प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा भारत के विकास और समृद्धि के लिए उठाए गए कदमों को दर्शाया। यह एक ऐसा दिन था, जिसने भारत को एक नया आत्मविश्वास और गर्व दिया।
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