Harsha Richhariya Shahi Rath Controversy: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित हो रहा महाकुंभ इन दिनों पूरे भारत में चर्चा का विषय बना हुआ है. महाकुंभ में लाखों की संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं. और पवित्र स्नान कर रहे हैं. यह महाकुंभ अपने आप में कुछ खास है. इसमें कुछ ऐसे संत और बाबा भी नजर आए हैं. जो सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर चुके हैं. और सोशल मीडिया पर उनके बारे में ही बात हो रही है.
इन्हीं में एक सबसे सुंदर साध्वी की उपाधि से मशहूर हर्षा रिछारिया भी काफी फेमस हो रही हैं. कुछ दिनों पहले उन्हें लेकर खबर आई थी कि वह संतो के व्यवहार से परेशान होकर दुखी होकर महाकुंभ छोड़ रही हैं. लेकिन अब उन्होंने फैसला बदल लिया है वह महाकुंभ में ही रहेंगी. और 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर शाही रथ पर बैठकर शाही स्नान के लिए भी जाएंगे. हर्षा रिछारिया की तरह क्या कोई भी शाही रथ पर बैठकर कर सकता है शाही स्नान? चलिए आपको बताते हैं इसका जवाब.
क्या सब लोग बैठ सकते हैं शाही रथ में?
4 जनवरी को हर्षा रिछारिया निरंजनी अखाड़े के साथ शाही रथ पर बैठकर सवारी करती हुईं नजर आई थी. इसके बाद महाकुंभ मौजूद कुछ साधुओं ने इस पर आपत्ति जताई. इसके बाद हर्षा रिछारिया ने कुंभ छोड़ने का फैसला किया. और अब खबर आ रही है कि वह कुंभ में ही रहेंगी और दोबारा से शाही रथ की सवारी करेंगी. दरअसल महाकुंभ में शाही स्नान का बेहद महत्व होता है और इसमें साधु संतों को पहले शाही स्नान करने का मौका मिलता है.
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साधु संत अपने भव्य जुलूस के साथ रथों पर सवार होकर शाही स्नान के लिए निकलते हैं. जैसे कोई राजा नगर में सैर के लिए निकलता है और इसी भव्यता के कारण इसे शाही स्नान कहा जाता है. बता दें किसी आम श्रद्धालुओं को शाही रथ पर बैठने की अनुमति नहीं दी जाती. यहां सिर्फ साधु और संत ही बैठ सकते हैं. वह भी जिस अखाड़े का शाही रथ होता है, उसे अखाड़े के अध्यक्ष उसे वहां बैठने की अनुमति देते हैं.
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मौनी अमावस्या पर फिर शाही रथ पर बैठेंगी हर्षा रिछारिया
29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर शाही स्नान होना है. और हर्षा रिछारिया एक बार फिर से शाही रथ पर बैठ कर शाही स्नान के लिए जाएंगी. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा है कि हर्षा रिछारिया का शाही रथ पर बैठने में कुछ गलत नहीं है. इसके अलावा उन्होंने यह भी ‘कई लोग 6 महीने के लिए भी संत बनते हैं, फिर चले जाते हैं. क्यों रथ पर बिठाकर ले जाया जा रहा है? महाकुंभ सबका है सबको अनुमति है.’
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