लिम्फेटिक फिलेरियासिस क्या है, इस विषय पर मोदी सरकार ने एक महत्वपूर्ण अभियान की शुरुआत की है।

HomeBlogलिम्फेटिक फिलेरियासिस क्या है, इस विषय पर मोदी सरकार ने एक महत्वपूर्ण...

Become a member

Get the best offers and updates relating to Liberty Case News.

― Advertisement ―

spot_img

लिम्फैटिक फाइलेरियासिस के उन्मूलन के लिए एक राष्ट्रव्यापी द्वि-वार्षिक सामूहिक औषधि प्रशासन अभियान संचालित किया जा रहा है। वर्ष 2024 के दूसरे चरण की शुरुआत की गई है। -Lymphatic filariasis government launched

भारत सरकार ने लिम्फेटिक फिलेरियासिस रोग को समाप्त करने के लिए एक विशेष अभियान की शुरुआत की है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव गणपतराव जाधव ने इस रोग के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी द्वि-वार्षिक सामूहिक औषधि प्रशासन अभियान का संचालन किया है। इस अभियान का दूसरा चरण 2024 में आरंभ किया गया है। बिहार, झारखंड, कर्नाटक, ओडिशा, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के 63 स्थानिक जिलों को इस अभियान के तहत लक्षित किया गया है, जहां घर-घर जाकर निवारक दवाएं वितरित की जाएंगी।

क्या है लिम्फेटिक फिलेरियासिस?

लिम्फेटिक फिलेरियासिस (एलएफ), जिसे आमतौर पर हाथीपांव के नाम से जाना जाता है, एक गंभीर और विकलांगता उत्पन्न करने वाली बीमारी है। यह बीमारी कुलेक्स मच्छर के काटने से फैलती है, जो गंदे या प्रदूषित जल में पाई जाती है। संक्रमण प्रायः बचपन में होता है, जिससे लिम्फेटिक प्रणाली को छिपी हुई क्षति होती है। इसके परिणामस्वरूप, जीवन के बाद के चरणों में दिखाई देने वाले लक्षण जैसे कि लिम्फोएडेमा, हाथीपांव, और स्क्रोटल सूजन/हाइड्रोसील उत्पन्न हो सकते हैं, जो स्थायी विकलांगता का कारण बन सकते हैं। -Lymphatic filariasis government launched

लिम्फेटिक फिलेरियासिस (हाथीपांव) एक प्राथमिकता वाली स्वास्थ्य समस्या है, जिसे 2027 तक समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वर्तमान में, यह बीमारी 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 345 जिलों में पाई गई है, जिनमें से 8 राज्यों – बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में 90% मामलों का बोझ है। भारत में लिम्फेटिक फिलेरियासिस (एलएफ) को समाप्त करने के लिए एक समग्र पांच-तरफा रणनीति लागू की गई है:

मिशन मोड एमडीए (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन)

2. मोर्बिडिटी मैनेजमेंट एंड डिसेबिलिटी प्रिवेंशन (एमएमडीपी)

3. वेक्टर कंट्रोल (सर्विलांस और मैनेजमेंट)

4. हाई-लेवल एडवोकेसी

5. एलएफ के उन्मूलन के लिए नवाचारी दृष्टिकोण

इस योजना के अंतर्गत, 138 जिलों ने एमडीए को समाप्त कर दिया है और ट्रांसमिशन असेसमेंट सर्वे (टीएएस 1) को सफलतापूर्वक पूरा किया है, जबकि 159 जिलों में एमएफ 1 की दर पर वार्षिक एमडीए का कार्य जारी है। 41 जिले प्री-टीएएस/टीएएस के विभिन्न चरणों में हैं, जबकि 5 जिलों में प्री-टीएएस में असफलता का सामना करना पड़ा है और 2 जिलों में एमडीए को 2025 तक स्थगित कर दिया गया है। 2023 तक, सभी प्रभावित जिलों से 6.19 लाख लिम्फोएडेमा के मामले और 1.27 लाख हाइड्रोसील के मामले दर्ज किए गए हैं। भारत के प्रयासों में एमडीए अभियान ने महत्वपूर्ण प्रगति की है, जिसमें 2027 तक एलएफ के उन्मूलन के लिए एक उन्नत रणनीति लागू की गई है।

इस बीमारी को खत्म करने के लिए सरकार ने बनाई रणनीति

सरकार ने इस रोग को समाप्त करने के लिए एक समग्र योजना तैयार की है, जिसमें औषधियों का वितरण, मच्छरों पर नियंत्रण और जन जागरूकता शामिल है। सरकार का कहना है कि इस अभियान में 90% जनसंख्या को औषधियाँ लेना अनिवार्य है, ताकि इस रोग का eradication संभव हो सके। इस योजना के अंतर्गत, 63 जिलों में घर-घर जाकर औषधियाँ वितरित की जाएंगी और लोगों को इस रोग से बचाव के लिए जागरूक किया जाएगा। -Lymphatic filariasis government launched

सरकार ने एक नया दिशानिर्देश और सूचना सामग्री जारी की है, जिसमें लिम्फेटिक फिलेरियासिस के उन्मूलन के लिए एक स्पष्ट योजना प्रस्तुत की गई है। सरकार ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे इस अभियान में सक्रिय भागीदारी करें और अपने परिवार को इस रोग से सुरक्षित रखें। यह अभियान 10 अगस्त 2024 से प्रारंभ होगा और 6 राज्यों के 63 जिलों में संचालित किया जाएगा। सरकार का कहना है कि यह अभियान लिम्फेटिक फिलेरियासिस के उन्मूलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे लाखों लोग इस बीमारी से सुरक्षित रह सकेंगे।

लिम्फेटिक फिलेरियासिस के कारण और लक्षण

लिम्फेटिक फिलेरियासिस एक मच्छर द्वारा फैलने वाली बीमारी है, जो मच्छरों के काटने से होती है। यह रोग व्यक्तियों को अंगों में विकृति और अपंगता का शिकार बना सकता है। इस बीमारी के कारण, प्रभावित व्यक्तियों के अंगों में सूजन उत्पन्न होती है, जिससे वे अपंग हो जाते हैं। इसके लक्षणों में अंगों में सूजन, दर्द और अपंगता शामिल हैं। राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को पुनः व्यक्त किया और कहा कि मच्छर के काटने से बचने तथा एंटी-फिलेरियल दवाओं के सेवन जैसे निवारक उपाय लिम्फेटिक फिलेरियासिस के प्रसार को रोकने में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

यह समस्या भारत के 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जनसंख्या पर प्रभाव डालती है। यह बीमारी न केवल स्वास्थ्य और सुखद जीवन को प्रभावित करती है, बल्कि लिम्फेडेमा के कारण जीवनभर की विकलांगता का कारण भी बनती है, जिससे परिवारों पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। आगामी एमडीए अभियानों में सफलता सुनिश्चित करने के लिए यह आवश्यक है कि 90% योग्य जनसंख्या इन दवाओं का उपयोग करें।

भारत में लिम्फेटिक फिलेरियासिस को रोकने और समाप्त करने के लिए समर्पित प्रयासों की आवश्यकता पर जोर देने की अपील की गई। इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (झारखंड), मंगल पांडे (बिहार), दामोदर राजनरसिम्हा (तेलंगाना), डॉ. मुकेश महालिंग (ओडिशा), जय प्रताप सिंह (उत्तर प्रदेश) और दिनेश गुंडू राव (कर्नाटक) उपस्थित रहे।

#filaria #veterinario #leishmania #veterinaria #mosquito #vet #o #profilassi #prevenzione #pet #vermedocora #proheart #clinicaveterinaria #vacunas #filariosis #torviscas #perros #veterinarymedicine #veterinary #dirofilaria #medeasyinmins #meimhelp #zoetis #anaplasma #ehrlichia #meim #vetboapracachorro #mosquitobite #mascotas #dog#airrnews

RATE NOW
wpChatIcon