Lucknow के पीजीआई की एक महिला चिकित्सक से दो करोड़ 81 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई है। साइबर अपराधियों ने चिकित्सक को 7 दिनों तक डिजिटल गिरफ्त में रखा और जब उन्हें इस बात का एहसास हुआ, तब तक वे लगभग तीन करोड़ रुपये की ठगी का शिकार बन चुकी थीं। – Lucknow crime case
साइबर ठग भोले-भाले व्यक्तियों को ठगने के लिए विभिन्न तरीकों का विकास करते हैं। हाल ही में, इन ठगों ने डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से लोगों को ठगने का एक नया तरीका खोज निकाला है। हालिया घटना Lucknow से संबंधित है, जहां ठगों ने पीजीआई की एक महिला डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट के जरिए लगभग तीन करोड़ रुपये की ठगी का शिकार बना लिया। महिला डॉक्टर ने इस मामले की शिकायत साइबर क्राइम थाने में दर्ज कराई है।-Lucknow crime case
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीजीआई की एक महिला चिकित्सक को उसके मोबाइल नंबर पर एक फोन आया, जिसमें ठग ने स्वयं को ट्राई (TRAI) अधिकारी बताया। उसने कहा कि आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर 22 शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिन्हें जल्द ही बंद किया जाएगा। इसके बाद ठग ने कहा कि आपसे सीबीआई अधिकारी राहुल गुप्ता बात करेंगे और इसके लिए स्काइप ऐप डाउनलोड करने का निर्देश दिया। इस डर के कारण महिला ने तुरंत स्काइप ऐप डाउनलोड कर लिया।-Lucknow crime case
CBI अफसर बनकर किया डिजिटल अरेस्ट
इसके पश्चात राहुल गुप्ता ने सीबीआई अधिकारी के रूप में महिला से कहा कि आपका नाम नरेश गोयल मनी लांड्रिंग मामले में शामिल है। इसके अतिरिक्त, आपका बैंक खाता भी उपयोग में लाया गया है, जिसका धन महिलाओं और बच्चों की तस्करी के लिए प्रयोग किया गया है। अदालत के पास आपके खिलाफ सबूत भी हैं, जिसमें यह दर्शाया गया है कि आपने अपने फोन पर उनसे बातचीत की है। इस बातचीत की रिकॉर्डिंग भी अदालत के पास उपलब्ध है। यह सुनते ही महिला डॉक्टर भयभीत हो गई।-Lucknow crime case
फॉर्म भराकर ली प्रॉपर्टी की पूरी डिटेल
ठग ने महिला डॉक्टर के इसी भय का लाभ उठाते हुए उनसे एक फॉर्म भरने के लिए कहा। इस फॉर्म में डॉक्टर को बताया गया कि इसे कोर्ट द्वारा भरने के लिए कहा गया है, जिसे मैंने आपको भेजा है। इसमें आपको अपनी व्यक्तिगत जानकारी प्रदान करनी होगी। हमें आपको गिरफ्तार करने का आदेश मिला है, लेकिन मेरी विनती पर आपको केवल डिजिटल गिरफ्तारी के माध्यम से पूछताछ की जा रही है।
5 अकाउंट से ट्रांसफर किए 2.81 करोड़ रुपये
इसके परिणामस्वरूप ठग ने महिला डॉक्टर को विभिन्न सात बैंक खाता नंबर प्रदान किए, जिनमें से महिला डॉक्टर ने पांच अलग-अलग खातों से दो करोड़ 81 लाख रुपये का ट्रांसफर किया। इसके अलावा, जब महिला डॉक्टर को छह दिनों तक डिजिटल गिरफ्तारी में रखा गया, तब उसे ठगी का एहसास हुआ, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। वर्तमान में साइबर क्राइम थाने में मामला दर्ज किया गया है और जांच प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है।
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