है? –Loksabha election update2024
क्या होगा लोकसभा चुनाव का परिणाम ?
4 जून को आएंगे चुनाव के नतीजे
कांग्रेस को इस बार जीता का भरोसा
साउथ के साथ ही नॉर्थ में अच्छे रिजल्ट की आस
क्या इंडिया गठबंधन करेगा कमाल ?-Loksabha election update2024
लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को आने हैं.. ऐसे में देश की जनता के साथ ही सियासी पार्टियों को इंतजार हैं कि आखिर किसकी सरकार बनेगी… हालांकि जो सियासी पंडित हैं वो बीजेपी और एनडीए की सरकार बनना तय बता रहे हैं.. लेकिन इंडिय़ा गठबंधन में पूरे कॉन्फिडेंस में है कि इसबार उनकी ही सरकार बनेगी.. इस बीच कांग्रेस को कुछ ज्यादा ही उम्मीद हैं.. नमस्कार आप देख रहे हैं AIRR NEWS…. कांग्रेस को उम्मीद है कि वो इस बार बेहतर प्रदर्शन करने जा रही है.. इसमें एक तरफ जहां वो उन राज्यों में अपना प्रदर्शन दोहराने की उम्मीद कर रही है, जहां पिछली बार उसका प्रदर्शन बेहतर रहा था..-Loksabha election update2024
तो वहीं वो साउथ के अलावा नॉर्थ के कुछ राज्यों में अपने लिए बेहतर नतीजे की उम्मीद लगाए बैठी है, जहां उसका खाता ही नहीं खुला था या फिर एक दो सीटों तक सिमटकर रह गया था.. कांग्रेस के इस आत्मविश्वास के पीछे जहां एक ओर पार्टी राहुल गांधी की यात्रा का असर मान रही है, वहीं इसके पीछे बड़ा कारण विपक्षी खेमे में बेहतर समन्वय और चुनाव के चरण दर चरण उनका इंडिया गठबंधन के सहयोगियों के साथ किए गए प्रचार को मिला रिस्पॉन्स है...-Loksabha election update2024
हालांकि कांग्रेस इस बार सबसे कम सीटों 327 सीटों पर लड़ रही है.. कांग्रेस को साउथ में अपनी मजबूती का आधार नजर आता है… गौरतलब है कि 2014 में जब कांग्रेस और यूपीए सरकार को देश में ज्यादातर जगहों पर नकार दिया गया था, जब दक्षिण के राज्यों ने ही उसकी लाज रखी थी। तब 464 सीटों पर लड़ने वाली कांग्रेस को कुल 44 सीटें आई थीं, जिसमें से उसे कर्नाटक से 9 और केरल से 8 सीटें मिली थीं,
जबकि नए बने रहे राज्य तेलंगाना में दो सीटें आई थीं, जबकि तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में उसका खाता ही नहीं खुला था.. दूसरी ओर 2019 में कांग्रेस 421 सीटों पर लड़ी और उसे 52 सीटें आई थीं। जबकि पार्टी को जहां कर्नाटक से एक सीट आई थीं तो केरल से 15 सीटें मिली थीं..वहीं आंध्र प्रदेश ने उसे पिछली बार भी निराश किया तो तमिलनाडु में 8 और तेलंगाना में एक सीट मिली थीं। इस बार कांग्रेस को जहां केरल और तमिलनाडु में अपने प्रदर्शन को दोहराने की उम्मीद है तो वहीं दूसरी ओर उसकी निगाहें तेलंगाना और कर्नाटक पर लगी हैं, जहां दोनों ही जगह उसकी सरकार है..
कांग्रेस का मानना है कि उसकी सरकार जनता से किए गए वादों को जमीन पर उतारने के आधार पर उसे इस बार बेहतर नतीजे मिलेंगे.. वो अपनी सीटों को यहां से बढ़ने की आशा लगाए है.. वहीं इस बर उत्तर भारत में भी कांग्रेस बेहतर परिणाम की उम्मीद कर रही है.. इस बार कांग्रेस की निगाहें ऐसे राज्यों से ज्यादा है, जहां पिछली बार उसका खाता भी नहीं खुला था या उसकी मौजूदगी एक या दो सीटों तक थी। गुजरात, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में पिछली दो बार से कांग्रेस लगातार सूखे का सामना कर रही थी..
जबकि छत्तीसगढ़, हरियाणा, मध्य प्रदेश, यूपी, महाराष्ट्र में वह एक दो सीटों तक सिमट चुकी थी.. हरियाणा में पिछली बार उसे एक भी सीट नहीं मिली थी.. कांग्रेस को इस बार जहां से खासी उम्मीदें हैं, उनमें महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार, हरियाणा और छत्तीसगढ़ मानी जा रही हैं.. महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी के बैनर तले लड़ रही कांग्रेस को लगता है कि वो इस बार अच्छा करने जा रही है.. दरअसल, 2014 में उसे यहां से दो और पिछली बार एक सीट मिली थी। इसी तरह गुजरात, हरियाणा व राजस्थान में पार्टी अपना खाता खोलने की उम्मीद लगाए हुए है..
हरियाणा में किसानों की नाराजगी, महिला पहलवान का असंतोष और जाटों के गुस्से को पार्टी अपने पक्ष में माहौल मान रही है.. कांग्रेस मान रही है कि डबल इंजन की सरकार के प्रति लोगों का असंतोष उसकी नैया पार लगाएगा.. हालांकि कांग्रेस को उम्मीद तो यूपी और मध्य प्रदेश से भी है, जहां पिछली बार उसे एक-एक सीट मिली थी। यूपी में वो समाजवादी पार्टी के साथ मुकाबले में है। बिहार में कांग्रेस आरजेडी के साथ लड़ रही है, उसे लगता है कि जिस तरह नीतीश कुमार ने चुनाव से ऐन पहले पाला बदलकर वहां सरकार को अस्थिर किया, इससे जमीन पर लोगों की सहानुभूति आरजेडी-कांग्रेस महागठबंधन के साथ है.. कुछ ऐसी ही उम्मीद झारखंड से है, जहां इंडिया गठबंधन को लगता है कि सीएम हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से उपजी सहानुभूति उन्हें फायदा देगी…
इस बार कांग्रेस को बेहतर रिजल्ट मिलने की उम्मीद है और इसके लिए वो अपनी रणनीति पर भरोसा कर रही है.. कांग्रेस को इस बार अपने लिए बेहतर नतीजों की उम्मीद अगर बनी है तो उसके पीछे उसके अपनी रणनीति भी है.. पार्टी को लगता है कि उसने पूरी रणनीति तैयारियों के साथ चुनाव लड़ा है..पार्टी का मानना है कि इस बार वह महंगाई, बेरोजगारी, संविधान बचाने जैसे बड़े मुद्दों को लेकर न सिर्फ जनता के बीच गई, बल्कि उसने पूरे चुनाव में लोगों से जुड़े असली मुद्दों को केंद्र में रखकर चुनाव लड़ने की कोशिश की, वह मुद्दों से भटकी नहीं। पार्टी मानती है कि पिछले दो बार में कांग्रेस बीजेपी व पीएम मोदी द्वारा सेट किए अजेंडे के बीच झूलती रही और प्रतिरक्षात्मक मोड में दिखी, जबकि इस बार उसे अजेंडे सेट किए और पीएम मोदी व सत्तारूढ़ दल को जवाब देना पड़ा।
कांग्रेस अपने इस आत्मविश्वास के पीछे एक बड़ी वजह उसका अपना मेनिफेस्टो भी माना जा रहा है, जहां पांच सामाजिक न्याय और 25 गारंटियों के भरोसे वह लोगों के बीच गई.. इस बार के परिणाम जो भी होंगे वो काफी चौंकाने वाले होंगे.. हालांकि अकेली कांग्रेस नहीं पूरी इंडिया गठबंधन को लगता है कि इस बार उनकी ही सरकार बनने वाली है…लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम को लेकर तरह-तरह के दावे राजनीतिक दल कर रहे हैं. एक्सपर्ट्स की आम राय ये है कि इस बार जनता के मूड को समझना कठिन है.
हालांकि, बीजेपी को बहुमत मिलना भी लगभग तय है. इसके पीछे एक्सपर्ट्स का तर्क है कि उत्तर के कुछ गढ़ों में बीजेपी को कड़ी लड़ाई लड़नी पड़ी है, लेकिन उसे तेलंगाना, ओडिशा और बंगाल सहित गैर-बीजेपी शासित राज्यों में फायदा होगा.. अब फाइनल रिजल्ट 4 जून को आने वाले हैं.. जिसके बाद तस्वीर साफ हो जाएगी कि देश में किसकी सरकार बनेगी.. ऐसी ही खबरों के लिए आज जुड़े रहिए AIRR NEWS के साथ…
TAGS
bjp vs congress, Loksabha election result 2024, congress party, india allinace ,amit shah telangana,bjp vs congress today news, pm modi vs rahul,narendra modi vs rahul gandhi,2024 election