Lalu Yadav targets BJP-RSS For Caste Census , Know What Say Rahul Gandhi ?

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पिछड़े वर्ग के नेताओं का कहना है कि जातिगत जनगणना से यह पता चलेगा कि किसकी संख्या कितनी है और सरकारी नौकरियों में किसकी संख्या अधिक है? सरकारी नौकरियों में हमारी भागीदारी हमारी संख्या के हिसाब तय होनी चाहिए।


राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने जातिगत जनगणना को लेकर संघ और भाजपा पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि देश में जाति जनगणना हो और इसके लिए वह केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा और उसके वैचारिक संगठन आरएसएस के कान पकड़कर उनसे यह काम करवाएंगे।

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने यह टिप्पणी अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के दिग्गज नेता बाबू जगदेव प्रसाद की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में की।

बता दें, बाबू जगदेव प्रसाद की राजनीतिक लामबंदी की आक्रामक शैली ने उन्हें बिहार के लेनिन की उपाधि दिलाई थी।

लालू यादव बोले, कान पकड़कर करवाएंगे जातिगत जनगणना

लालू प्रसाद ने अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS)-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि कान पकड़कर जातीय जनगणना करवाएंगे, तो वहां मौजूद लोगों ने लालू की इस टिप्पणी पर तालियां बजाईं और ठहाके लगाए।

स्वास्थ्य की समस्याओं से जूझ रहे लालू यादव

इससे पहले, लालू के राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाने वाले उनके छोटे बेटे और बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने लंबा भाषण दिया, जिसमें उन्होंने पिछड़े वर्ग के हितों की रक्षा के लिए राजद द्वारा किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला।

पिछड़े वर्ग के हितों के लिए सबसे आगे RJD

राजद सुप्रीमो ने पांच मिनट से भी कम समय तक और लड़खड़ाती हुई आवाज में कार्यक्रम को संबोधित किया। लालू पिछले कुछ वर्षों से वृद्धावस्था और किडनी ट्रांसप्लांट के कारण होने वाली स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना कर रहे हैं।

वंचितों के जातियों के लिए कोटा बढ़ाये जाने की मांग

तेजस्वी ने बताया कि उनके पिता ने बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में राज्य में मंडल आयोग को पूरी तरह लागू किया था, जबकि उन्होंने तत्कालीन उपमुख्यमंत्री के रूप में यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी कि जाति आधारित सर्वे हो और संशोधित जनसंख्या अनुमानों के अनुसार वंचित जातियों के लिए कोटा बढ़ाया जाए।

नए आरक्षण कानून को खत्म करने पर ठहराया नीतीश कुमार को जिम्मेदार

उन्होंने राज्य के नए आरक्षण कानूनों को पटना उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने के लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि मैं पहले दिन से ही कह रहा था कि हमें इन कानूनों को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करवाना चाहिए। लेकिन, नीतीश कुमार समय रहते इस दिशा में कदम उठाने में विफल रहे। आज भी, वे जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख के रूप में अपनी स्थिति का लाभ उठाने में असमर्थ हैं। उनकी पार्टी पर भाजपा केंद्र में सत्ता में बने रहने के लिए निर्भर है।

तेजस्वी ने किया पीएम मोदी पर कटाक्ष

तेजस्वी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ नीतीश कुमार के ‘खराब समीकरणों’ पर भी कटाक्ष किया और कहा कि मुख्यमंत्री अब उसी व्यक्ति के पैरों पर गिर रहे हैं, जिसकी खाने की थाली उन्होंने छीन ली थी।

RJD लीडर ने लैटरल एंट्री को बताया आरक्षण खत्म करने प्रयास

राजद नेता का इशारा एक दशक पहले नीतीश कुमार द्वारा भाजपा नेताओं के लिए आयोजित रात्रिभोज को अचानक कैंसिल कर दिये जाने की घटना की ओर था, जिनमें गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल थे। जद नेता ने नौकरशाही में लैटरल एंट्री को आरक्षण को खत्म करने का एक अप्रत्यक्ष प्रयास बताया।

राजद नेता ने कहा कि मैं बाबू जगदेव प्रसाद के लिए भारत रत्न की मांग करता हूं।

तेजस्वी ने कहा, कुशवाहा समाज को सबसे अधिक अवसर RJD ने दिया

तेजस्वी यादव ने कहा कि कुशवाहा समाज को जनप्रतिनिधित्व का सबसे अधिक अवसर राष्ट्रीय जनता दल दे रही है। जैसे-जैसे दलित, पिछड़े और आदिवासी अपने उत्थान के लिए सजग हो रहे हैं, अपने अधिकारों के लिए मुखर हो रहे हैं, वैसे-वैसे आपस में जुड़ते जा रहे हैं, एक दूसरे का साथ दे रहे हैं और यही बात भाजपा को परेशान कर रही है।

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से उठने लगी जातिगत जनगणना की मांग

राहुल गांधी जब भारत जोड़ो यात्रा पर निकले, तो उन्होंने अपने एजेंडे में इसको शामिल किया। यात्रा के दौरान दिए गए अपने भाषणों में उन्होंने इसका जिक्र करना शुरू किया। जिसके बाद से ही यह मुद्दा छाने लगा। 

लोकसभा चुनावों में इंडिया गठबंधन ने जोरशोर से उठाया जातिगत जनगणना का मुद्दा

लोकसभा चुनाव 2024 में जातिगत जनगणना का मुद्दा काफी बड़ा रूप ले लिया। इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियों के नेताओं ने अपनी रैलियों में इसका जिक्र करना शुरू किया। आरक्षण और संविधान के मुद्दे के साथ हक और अधिकार की बातें होने लगीं। राहुल के समर्थन में अखिलेश यादव भी उतर आए। जिसका नतीजा यह हुआ कि भाजपा की सीटें काफी कम हो गईं और भाजपा को अकेले बहुमत नहीं मिल पाया।  

RSS ने भी कुछ शर्तों के साथ किया समर्थन

अब संघ भी जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग को जायज ठहराने लगा है। केरल में हुई संघ की बैठक में यह बात सामने आई कि संघ जातिगत जनगणना का विरोधी नहीं है। देश को यह जरूर पता होना चाहिए कि देश में जितनी जातियां उनकी गिनती जरूर होनी चाहिए, लेकिन इसका राजनीतिक तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। 

क्या कहते हैं पिछड़े वर्ग के नेता?

पिछड़े वर्ग के नेताओं का कहना है कि देश में जिस जाति की जितनी संख्या है, आरक्षण के उसके हिसाब से तय किया जाना चाहिए। उनका कहना है कि देश में सवर्णों की संख्या कम है लेकिन सरकारी नौकरियों में उनकी संख्या अधिक है। सवर्ण हमारा हक मार रहे हैं। इसलिए सरकार को जातिगत जनगणना कराकर हमारा हक हमें देना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर हमारी आर्थिक स्थिति हमेशा कमजोर बनी रहेगी और हम कभी बराबरी नहीं कर पाएंगे। इससे समाज में हमेशा भेदभाव बना रहेगा। साथ ही वो यह कहते हैं कि इससे हमारी भागीदारी बढ़ेगी, जिससे हम मजबूत होंगे। हमारी मजबूती में देश की मजबूती है। जब तक हमको हमारा हक नहीं दिया जाएगा, तब तक हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। वहीं, राहुल गांधी कहते हैं कि अगर वर्तमान सरकार हमारी मांग को नहीं मानेगी तो हमारी सरकार बनने पर हम सबसे पहले जातिगत जनगणना कराएंगे।

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