जानिए Chhatrapati Shivaji की ‘सूरत’ लूट परक्या कहते हैं नरेन्द्र मोदी?–Chhatrapati Shivaji news
किसी जमाने में सूरत शहर दुनिया के अमीर शहरों में से एक था। इतना ही नहीं यह भारत का प्रमुख बंदरगाह था जहां दुनियाभर के जहाज रूकते थे। सूरत शहर पर मुगलों का आधिपत्य था, यहां का गर्वनर इनायत खान बेहद बईमान था, शहर की सुरक्षा के लिए जितने सिपाही रखने का वेतन मिलता है, उस कम सिपाही रखता था और सारा वेतन अपने पास रख लेता था। दूसरी तरफ शाइस्ता खां के अभियान में शिवाजी को विपुल धनहानि का सामना करना पड़ा था, इसलिए अपने धनहानि की भरपाई के लिए उन्होंने मुगलों के क्षेत्र को लूटने की योजना बनाई।
सूरत लूट से पहले दी थी यह चेतावनी
बता दें कि सूरत शहर को लूटने से पहले छत्रपति शिवाजी ने कहा था कि ‘मुगलों ने मेरे राज्य में साढ़े तीन साल भयंकर तबाही मचाई है, इसलिए हरजाने के तौर पर मुझे एक करोड़ रूपए दे दो। मैं सूरत की जरा भी हानि नहीं करूंगा।‘ शिवाजी चाहते थे कि सूरत के व्यापारी चंदा एकत्र करके उन्हें यह धनराशि दें क्योंकि यह धनराशि सूरत के व्यापारियों के लिए बहुत छोटी थी। लेकिन इनायत खान ने शिवाजी महाराज की सूचना का माखौल उड़ाया था।-Chhatrapati Shivaji news
सूरत की लूट के लिए इनायत खान दोषी था, क्योंकि उसने शिवाजी की सूचना पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया। शिवाजी महाराज ने सूरत केवल इसलिए लूटा क्योंकि इस पर मुगल बादशाह औरंगजेब का अधिकार था। बता दें कि छत्रपति शिवाजी द्वारा सूरत लूट के दौरान यह शहर करोड़पतियों से भरा हुआ था। सोने-चांदी के अम्बार लगे थे। बावजूद इसके शिवाजी महाराज को सूरत से तकरीबन 5 करोड़ से कम ही माल मिला। सूरत की अमीरी को देखते हुए यह काफी कम लूट थी। शिवाजी महाराज ने सूरत की आम जनता और गरीबों को तनिक भी परेशान नहीं किया था। शिवाजी ने सूरत से लूट में मिले महंगे कपड़े, बर्तन और अन्य सामग्री यहां की जनता में बांट दी। अपने साथ केवल सोने-चांदी लेकर गए।
इस बारे में क्या कहते हैं पीएम मोदी?–Chhatrapati Shivaji news
वहीं भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मुताबिक इस इतिहास को गलत बताया गया है कि शिवाजी महाराज ने गुजरात के सूरत शहर को लूटा था। साल 2014 में शिवाजी की राजधानी रहे रायगढ़ किले में एक समारोह को संबोधित करते उन्होंने कहा था कि छत्रपति शिवाजी ने सूरत शहर को लूटा यह गलत है।
अंग्रेजों ने गलत तरीके से इतिहास का प्रचार किया। सूरत में मुगल बादशाह आरंगजेब का खजाना था, जिसकी रखवाली शाइस्ता खान कर रहा था। इसी को लूटने शिवाजी महाराज सूरत गए थे। यह बिल्कुल गलत बताया जाता है कि शिवाजी सूरत को लूटने गए थे।
आगे पीएम मोदी कहते हैं कि सूरत का ही कोई व्यक्ति रहा होगा जिसने Chhatrapati Shivaji को खजाने की जानकारी दी होगी। छिपने का इंतजाम किया होगा और उनके रहने और खाने-पीने की व्यवस्था की होगी। सूरत के नागरिकों ने उनका साथ दिया होगा। नरेन्द्र मोदी कहते हैं कि रायगढ़ में देवी मां की मूर्ति के सामने बैठकर की शिवाजी के मन दिव्य और भव्य भारत के निर्माण का विचार आया होगा। भारत की स्वाधीनता की लड़ाई यहीं से शुरू हुई होगी।
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