Uncovering the mystery of the defrauded Father of the War Martyr

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Kargil War Martyr news

Lower 01 – Uncovering the truth behind the defrauded Father of the War MartyrKargil War Martyr news

Lower 02 – Justice Served: Five arrested for defrauding Kargil War Martyr’s Father

नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR NEWS….इन दिनों देश में स्कैमर्स का इतना बोलबाला हो गया है कि वो किसी को भी अपनी गिरफ्त में ले रहे हैं…साइबर क्राइम की घटनाओं ने देश की आर्थिक और पुलिस व्यवस्था के नाक में दम कर रखा है….ऐसा ही एक मामला उत्तराखंड से भी आया है….दरअसल इस केस में साइबर ठगों से तो सारी हदें पार कर दी हैं….अब उनके निशाने पर देश के दुश्मनों से लड़कर वीरगति प्राप्त हुए कारगिल शहीद के पिता थे….उत्तराखंड एसटीएफ ने दिल्ली-एनसीआर में छापा मारकर साइबर ठगों के एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है….आरोपियों ने कारगिल युद्ध में कीर्ति चक्र से सम्मानित शहीद के परिजनों से लाखों रुपए की धोखाधड़ी की है….आरोपियों ने शहीद के परिजनों को कॉल करके खुद को चीफ विजीलेंस ऑफिसर और सैनिक कल्याण बोर्ड का अधिकारी बताकर 44 लाख रुपए ठग लिए….-Kargil War Martyr news

दरअसल शिकायत में बताया गया कि पीड़ित को फरवरी 2024 में अज्ञात व्यक्ति ने मोबाइल पर कॉल करके खुद को सैनिक कल्याण बोर्ड का अधिकारी और मुख्य सतर्कता अधिकारी बताया और कहा कि उनके बेटे के कीर्ति चक्र की ग्रांट के साथ अतिरिक्त धनराशि प्रदान की जानी थी….लेकिन इस काम के लिए उनकी तरफ से जो फार्म जमा होना था, वो नहीं हो पाया, जिस वजह से उनको मिलने वाला कीर्ति चक्र का ग्रांट निरस्त हो गया है….अब इस ग्रांट को दोबारा एक्टिवेट करने के लिए 1 लाख 98 हजार रुपए की रकम बताए खाते में आरटीजीएस से जमा करानी पड़ेगी…

साथ ही साइबर ठगों ने एनओसी और अन्य फाइल प्रोसेस चार्ज के नाम पर पीड़ित से अलग-अलग बैंक खातों में अलग-अलग किस्तों में करीब 44 लाख रुपए ठग लिए….इतना सब होने के बाद भी जब पीड़ित के खाते में रकम जमा नहीं हुई तब ठगी का शक हुआ और इसकी सूचना सैनिक कल्याण बोर्ड और साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को दी गई….पुलिस ने इंवेस्टिगेशन करके खातों की जानकारी ली और क्राइम में शामिल सभी 5 आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार किया….एसटीएफ ने इनके कब्जे से 20 मोबाइल, 2 लैपटॉप, 42 सिम कार्ड, 42 डेबिट कार्ड, 15 फर्जी आधार कार्ड, पेन कार्ड और 1 लाख 7 हजार 500 रुपए नकद बरामद किए….

इस साइबर क्राइम का तरीका बेहद unique  और सनसनीखेज निकला…इन ठगों के टारगेट फिक्स थे…पुलिस की सूचना के अनुसार, आरोपियों ने कारगिल युद्ध में शहीदों की सूची और उनके मोबाइल नंबरों की जानकारी गूगल से प्राप्त की थी…साइबर ठगों की टीम शहीदों के परिजनों से संपर्क कर शहीदों को मिलने वाली ग्रांट के नाम पर धोखाधड़ी करती थी….ये ठग देशभर में सरकारी रिटायर्ड वरिष्ठ नागरिकों की जानकारी गूगल और बाकी सरकारी माध्यमों से प्राप्त करते थे….उनकी पेंशन, फंड, ग्रेच्युटी बंद और चालू करने या बढ़ाने का झांसा देकर लाखों रुपए की ठगी करते थे…ये गिरोह दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में पिछले 7-8 महीनों से एक्टिव है…

देश में हाल के वर्षों में साइबर अपराधों में तेजी से वृद्धि देखी गई है…राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, भारत में 2017 में 21,796 मामले सामने आए थे, वहीं 2022 में ये बढ़कर 65,893 मामले हो गए…वहीं 2022 में, पूरे भारत में साइबर अपराध के लिए 27,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें यूपी में सबसे अधिक गिरफ्तारियां हुईं…कुल मिलाकर, भारत देश साइबर अपराध की एक महत्वपूर्ण चुनौती का सामना कर रहा है…लेकिन सार्वजनिक जागरूकता इस बढ़ते खतरे से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है…क्राइम से जुड़ी ऐसी ही खास खबरों के लिए देखते रहिए AIRR NEWS….

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