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भारतीय राजनीति में विवाद और असहमति कोई नई बात नहीं है। हाल ही में वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तीन नए आपराधिक कानूनों पर पुनर्विचार की मांग की है, जो इस वर्ष 1 जुलाई से लागू होने वाले हैं। सिब्बल का यह बयान उस समय आया जब जनता दल यूनाइटेड ने अग्निपथ भर्ती योजना की समीक्षा की मांग की थी। सिब्बल ने अपने बयान में कहा कि जब आपके पास पूर्ण बहुमत हो, तो आप जो चाहें वह करते हैं और ऐसे कदम उठाते हैं जो नई सरकार के समय में सही नहीं बैठते। इस प्रकार के बयान भारतीय राजनीति में गहरे सवाल खड़े करते हैं: क्या वर्तमान कानून उचित हैं? क्या नई सरकार इन कानूनों पर पुनर्विचार करेगी? और सबसे महत्वपूर्ण, इन कानूनों का भारतीय समाज पर दीर्घकालिक प्रभाव क्या होगा?-Kapil Sibal latest news

नमस्कार आप देख रहे हैं AIRR न्यूज़। 

वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को एक विशेष बातचीत के दौरान तीन नए आपराधिक कानूनों के पुनर्विचार की मांग की। ये नए कानून 1 जुलाई से लागू होने वाले हैं। सिब्बल ने कहा कि नई सरकार को इन कानूनों पर पुनर्विचार करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ये कानून उचित हों।-Kapil Sibal latest news

सिब्बल का यह बयान जनता दल यूनाइटेड की अग्निपथ भर्ती योजना की समीक्षा की मांग के जवाब में आया। उन्होंने कहा, “जब आपके पास पूर्ण बहुमत हो, तो आप जो चाहें वह करते हैं, और आप ऐसे कदम उठाते हैं जो नई सरकार के समय में सही नहीं बैठते।”-Kapil Sibal latest news

सिब्बल ने अग्निवीर योजना को भी विवादास्पद बताया और कहा कि नई सरकार को इन सभी मुद्दों को नए सिरे से देखना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नए आपराधिक कानून औपनिवेशिक कानूनों से भी बदतर नहीं हों, जिनका वे विरोध कर रहे हैं।

सिब्बल ने कहा कि अगर ये कानून लागू होते हैं, तो ये औपनिवेशिक कानूनों से भी बदतर होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार को यह बयान देना चाहिए कि नए कानून 1 जुलाई को लागू नहीं होंगे।

आपको बता दे कि हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों और नरेंद्र मोदी के “भगवान ने मुझे भेजा” वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, सिब्बल ने कहा कि मोदी के पास जीत का दावा करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। मोदी ने एक समाचार चैनल के साथ एक हालिया साक्षात्कार में कहा था, “जब तक मेरी माँ जीवित थीं, मुझे लगता था कि मैं जैविक रूप से पैदा हुआ हूँ। उनके निधन के बाद, जब मैं अपने अनुभवों को देखता हूँ, तो मुझे यकीन हो गया कि मुझे भगवान ने भेजा है। यह ताकत मेरे शरीर से नहीं है। यह मुझे भगवान ने दी है। इसलिए भगवान ने मुझे यह क्षमता, शक्ति, निर्मलता और प्रेरणा दी है। मैं केवल एक साधन हूँ जिसे भगवान ने भेजा है।”

सिब्बल ने कहा, “प्रधानमंत्री ने चुनाव से पहले भाजपा के लिए ‘400 पार’ का दावा किया था। लेकिन सच्चाई यह है कि पार्टी ने लगभग 60 सीटें खो दी हैं।”

उन्होंने कहा, “इसलिए, मैंने ट्वीट किया कि मैं जानना चाहता था ‘क्या भगवान भी गठबंधन बना सकते हैं?’ हम उन्हें शुभकामनाएँ देते हैं, हम सभी प्रजा हैं। मुझे यकीन है कि वह हमें समय आने पर देखभाल करेंगे।”

वैसे कपिल सिब्बल का यह बयान भारतीय राजनीति में गहरे निहितार्थ रखता है। सबसे पहले, यह बयान भारतीय लोकतंत्र के महत्वपूर्ण पहलुओं को उजागर करता है, जैसे कि सत्ता में बहुमत का उपयोग और कानून बनाने की प्रक्रिया। 

हालाँकि ये कानून जुलाई 2024 से लागू होने वाले हैं और इनमें कई विवादास्पद प्रावधान हैं। सिब्बल ने इन्हें औपनिवेशिक कानूनों से भी बदतर बताया है।

वही अग्निपथ भर्ती योजना भी विवाद का विषय रही है और कई राजनीतिक दलों ने इसकी समीक्षा की मांग की है। बाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा था कि उन्हें भगवान ने भेजा है, जो सिब्बल और अन्य विपक्षी नेताओं के लिए विवाद का विषय बन गया है।

आपको बता दे की भारतीय राजनीति में कानूनों और नीतियों पर असहमति और विवाद का लंबा इतिहास रहा है। 1970 के दशक में आपातकाल के दौरान कई विवादास्पद कानून बनाए गए थे, जिन्हें बाद में बदला गया। इसी प्रकार, 1990 के दशक में मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने के निर्णय ने भी भारी विवाद उत्पन्न किया था।

ऐसे ही भारतीय राजनीति में इस प्रकार की घटनाएँ अक्सर देखने को मिलती हैं। 2005 में, जब सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) लागू किया गया, तो इसे भी कई विवादों का सामना करना पड़ा। इसी प्रकार, 2012 में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन ने भी कई विवादास्पद मुद्दों को उठाया और सरकार को नीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया।

ऐसे में कपिल सिब्बल के इस बयान का प्रभाव दूरगामी हो सकता है। सबसे पहले, यह सरकार पर दबाव डाल सकता है कि वह नए कानूनों और नीतियों पर पुनर्विचार करे। दूसरा, यह बयान विपक्षी दलों को एकजुट कर सकता है और आगामी चुनावों में सरकार के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा बना सकता है।

नमस्कार आप देख रहे थे AIRR न्यूज़। 

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