अमेरिका के राष्ट्रपति Joe Biden जल्द ही अपने देश में उन्नत सेमीकंडक्टर चिप बनाने के लिए सैमसंग, इंटेल, टीएसएमसी और अन्य बड़ी कंपनियों को करोड़ों डॉलर की सब्सिडी देने का ऐलान करने वाले हैं। इसका उद्देश्य अमेरिका और उसके मित्रों को चीन जैसे प्रतिद्वंद्वियों से आगे रहने के लिए अपनी तकनीक को बेहतर बनाना है।-Joe Biden
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वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, Joe Biden अगले कुछ हफ्तों में इन कंपनियों को नए कारखाने बनाने के लिए सब्सिडी देने का ऐलान करेंगे। ये ऐलान उनके स्टेट ऑफ द यूनियन एड्रेस से पहले होने की उम्मीद है, जो 7 मार्च को होगा। इन सब्सिडियों का उद्देश्य स्मार्टफोन, कृत्रिम बुद्धि और हथियार प्रणालियों को संचालित करने वाले उन्नत सेमीकंडक्टर चिप के उत्पादन को बढ़ावा देना है।
आपको बता दे कि,इन सब्सिडियों का लाभ उठाने वाली कंपनियों में से एक इंटेल भी है, जिसके पास अरिजोना, ओहायो, न्यू मेक्सिको और ओरेगन में 43.5 अरब डॉलर से अधिक की लागत वाले प्रोजेक्ट हैं। ताइवान की टीएसएमसी के पास फीनिक्स के पास दो कारखाने बनाने का प्रोजेक्ट है, जिसमें 40 अरब डॉलर का निवेश होगा। साउथ कोरिया की सैमसंग के पास टेक्सास में 17.3 अरब डॉलर का प्रोजेक्ट है। माइक्रॉन टेक्नोलॉजी, टेक्सास इंस्ट्रुमेंट्स और ग्लोबलफाउंड्रीज भी इनमें शामिल हैं।
हाल ही में अमेरिका के वाणिज्य मंत्री जीना रेमॉंडो ने दिसंबर 2023 में कहा था कि वह अगले एक साल में सेमीकंडक्टर चिप के लिए लगभग बारह फंडिंग अवॉर्ड्स करेंगी, जिनमें से कुछ अरबों डॉलर के ऐलान अमेरिका के चिप उत्पादन को पूरी तरह से बदल सकते हैं। पहला अवॉर्ड दिसंबर में ही किया गया था, जिसमें बीएई सिस्टम्स को हैम्पशायर में लड़ाकू विमानों के लिए चिप बनाने के लिए 35 मिलियन डॉलर से अधिक की राशि दी गई थी। यह अमेरिका के कांग्रेस द्वारा 2022 में मंजूर किए गए 39 अरब डॉलर के “चिप्स फॉर अमेरिका” सब्सिडी कार्यक्रम का हिस्सा था।
इस मामले में जो बाइडेन का यह कदम अमेरिका को चिप बनाने के क्षेत्र में एक नया नेतृत्व दिलाने के लिए महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह उनकी आत्मनिर्भरता और सुरक्षा को बढ़ाएगा। अमेरिका चाहता है कि वह चीन और अन्य देशों पर चिप की आपूर्ति के लिए कम से कम निर्भर रहे, जो कि उनके लिए एक राजनीतिक और आर्थिक जोखिम है। अमेरिका ने पिछले कुछ सालों में चीन के खिलाफ चिप के निर्यात प्रतिबंधों का इस्तेमाल किया है, जिससे चीन को दिग्जज टेक्नोलॉजी कंपनियों को नुकसान पहुंचा है। अमेरिका यह भी चाहता है कि वह चिप के क्षेत्र में नवीनतम तकनीक का नेतृत्व करता रहे, जो कि उनके लिए एक रणनीतिक लाभ है।
इसके अलावा, अमेरिका अपने मित्र और सहयोगी देशों को भी चिप के क्षेत्र में सहायता देना चाहता है, जो कि उनके बीच के संबंधों को मजबूत करेगा। अमेरिका ने भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया के साथ चिप के क्षेत्र में साझेदारी की घोषणा की है, जो कि उनके आपसी व्यापार और सुरक्षा को बढ़ाएगा। अमेरिका ने ताइवान को भी चिप के क्षेत्र में समर्थन दिया है, जो कि चीन के दबाव से जूझ रहा है।
इस प्रकार, अमेरिका की यह पहल उनके लिए एक बहुमुखी लाभ है, जो कि उनके चिप उत्पादन को बढ़ाने, उनकी आत्मनिर्भरता और सुरक्षा को सुधारने, उनके तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने और उनके मित्रों के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए मदद करेगा।
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