क्या आप जानते हैं कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बुधवार को एक जमीन घोटाले से जुड़े धन षड्यंत्र मामले में निर्वासन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया है? क्या आप जानते हैं कि उनसे पहले उनके पिता शिबू सोरेन और मधु कोड़ा भी गिरफ्तार हुए थे? क्या आप जानते हैं कि झारखंड के राजनीतिक इतिहास में ये तीसरा मामला है, जब एक मुख्यमंत्री ही नहीं, बल्कि एक आदिवासी जननेता भी गिरफ्तार हुआ है? अगर आप इन सवालों के जवाब नहीं जानते हैं, तो आज का हमारा खास वीडियो आपके लिए बहुत ही रोचक और जानकारीपूर्ण होगा। हम आपको बताएंगे कि हेमंत सोरेन को किस मामले में गिरफ्तार किया गया है, और इसके पीछे के कारण और प्रभाव क्या हैं। झारखंड के विकास और स्थिरता के लिए इस घटना का क्या महत्व है, और इसके आगे क्या हो सकता है। तो चलिए शुरू करते हैं।
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हेमंत सोरेन को एक जमीन घोटाले से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया गया है, जिसमें उन्हें 200 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है। इस मामले में अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें उनके भाई बसंत सोरेन, उनके साथी विधायक विनोद पांडे, उनके निजी सचिव अभिषेक चौबे, और उनके दोस्त राजेश गुप्ता शामिल हैं।
हेमंत सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने 2013 में झारखंड के रांची जिले के बिट्टी गांव में एक जमीन का अवैध रूप से मालिकाना हक हासिल किया था, जो कि एक आदिवासी के नाम पर थी। उन्होंने इस जमीन को बिना किसी अधिकार के एक बिल्डर को बेच दिया था, जिससे उन्हें 200 करोड़ रुपये की रिश्वत मिली थी। इस रिश्वत का पता उनके बैंक खातों, बिजनेस एंटिटीज, और प्रॉपर्टीज के जरिए लगाया गया है।
निर्वासन निदेशालय ने इस मामले में एक चार्जशीट भी दायर की है, जिसमें हेमंत सोरेन के अलावा उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों के नाम भी शामिल हैं।
ऐसे में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से उनकी सरकार पर भी खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि उनकी सरकार को कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल का समर्थन मिल रहा है। इन दोनों दलों ने अभी तक हेमंत सोरेन का साथ देने का ऐलान किया है, लेकिन उनके विधायकों के बीच असंतोष भी फैल रहा है। बीजेपी ने तो इस मौके का फायदा उठाते हुए हेमंत सोरेन की इस्तीफा की मांग कर दी थी, और उन्हें घोटालेबाज और बेईमान कहा है।
वैसे ये पहली बार नहीं है की किसी मुख्यमंत्री को ऐसे गिरफ्तार किया गया है , बल्कि हकीकत ये है की इससे पहले भी झारखंड के राजनीतिक इतिहास में दो बार मुख्यमंत्री गिरफ्तार हुए थे, जो कि राज्य की गरीबी, बेरोजगारी, और नक्सलवाद की समस्याओं को और बढ़ा देते थे।
इनमे पहला मामला था शिबू सोरेन का है, जो हेमंत सोरेन के पिता और झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक हैं। शिबू सोरेन को 2006 में अपने निजी सचिव शशि नाथ झा की हत्या के मामले में दिल्ली की एक अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। उस समय वे मनमोहन सिंह की केंद्र सरकार में कोयला मंत्री थे। उनपर यह आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अपने सचिव को मार डाला था, क्योंकि वह उनके रिश्वत लेने के राज को जानता था। साथ ही यह भी आरोप लगाया गया था कि उन्होंने पी.वी. नरसिंहा राव की सरकार को बचाने के लिए विश्वास मत मामले में रिश्वत ली थी। लेकिन 2007 में दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें रिहा कर दिया था, और 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने भी उनका बरी कर दिया था।
दूसरा मामला था मधु कोड़ा का, जो 2006 से 2008 तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे थे। उन्हें धन षड्यंत्र और अनुपातिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार किया गया था। उनपर यह आरोप भी लगाया गया था कि उन्होंने अपने कार्यकाल में कोयला और खनन ब्लॉकों का आवंटन करने के लिए रिश्वत ली थी। उनके और उनके सहयोगियों के द्वारा इस तरह से 4,000 करोड़ रुपये का लाभ हासिल किया गया था। उनकी 144 करोड़ रुपये की संपत्ति को धन षड्यंत्र के मामले में जब्त कर लिया गया था। उन्हें 2009 में गिरफ्तार किया गया था, और 2013 में जमानत मिली थी। 2017 में उन्हें तीन साल की सजा और 25 लाख रुपये का जुर्माना सुनाया गया था। उन्हें चार और मामलों में हवाला लेनदेन और अनुपातिक संपत्ति का दोषी पाया गया था।
आपको बता दे कि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से झारखंड की राजनीति में एक नया मोड़ आया है, जो कि राज्य के विकास और स्थिरता के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से उनकी सरकार का भविष्य अनिश्चित हो गया है, और उनके गठबंधन के साथी भी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। बीजेपी ने तो इस मौके का पूरा लाभ उठाने की कोशिश कर रही है, और उन्हें घेरने का प्रयास कर रही है। बीजेपी का दावा है कि हेमंत सोरेन की सरकार अब तकनीकी रूप से गिर चुकी है, और इसी बीच बीजेपी ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करके उन्हें इस मामले में कार्रवाई करने की अपील की है।
इसके अलावा, हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से झारखंड की जनता को भी एक संदेश मिला है, कि उनके चुने हुए नेताओं का चरित्र और ईमानदारी कितनी महत्वपूर्ण है। इस गिरफ्तारी से उनके समर्थकों को निराशा और आक्रोश का अनुभव हुआ है, जबकि उनके विरोधियों को खुशी और उत्साह का। बाकि इससे ये भी स्पष्ट हुआ है, कि राजनीतिक घोटालों के खिलाफ कानून का राज है, और कोई भी इससे बच नहीं सकता।
तो ये था आज का हमारा खास कार्यक्रम, जिसमें हमने आपको झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बारे में बताया। हमने आपको बताया कि उन्हें किस मामले में गिरफ्तार किया गया है, और इसके पीछे के कारण और प्रभाव क्या हैं। हमने आपको बताया कि झारखंड के राजनीतिक इतिहास में इससे पहले कौन-कौन से मुख्यमंत्री गिरफ्तार हुए थे, और उनके मामलों का क्या हुआ था। हमने आपको ये भी बताया कि झारखंड के विकास और स्थिरता के लिए इस घटना का क्या महत्व है, और इसके आगे क्या हो सकता है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह वीडियो पसंद आया होगा, और आपको इससे कुछ नया जानने को मिला होगा। अगर आपको हमारा यह प्रयास अच्छा लगा हो, तो कृपया हमें अपने विचार और सुझाव बताएं, और AIRR न्यूज़ को सब्सक्राइब जरूर करें।
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