Ladakh Border Dispute and Diplomatic Efforts: Shu Feihong Meets Jaishankar | AIRR News

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दो विशाल एशियाई पड़ोसी देशों, india और चीन के बीच संबंध हमेशा ही जटिल और संवेदनशील रहे हैं। इन संबंधों की जटिलता तब और बढ़ जाती है जब सीमा विवाद और अन्य द्विपक्षीय मुद्दे सामने आते हैं। हाल ही में, जब नए चीनी राजदूत, शू फेईहोंग, ने नई दिल्ली में india विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की, तो यह मुलाकात उन घटनाओं की पृष्ठभूमि में हुई जिसमें लद्दाख में सीमा पर तनाव बढ़ा हुआ है। इस मुलाकात ने कई सवाल खड़े किए हैं: क्या यह मुलाकात दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने की दिशा में एक कदम है? या फिर यह केवल औपचारिकता भर है? क्या यह मुलाकात सीमा विवाद को हल करने में कोई प्रगति ला पाएगी? –Jaishankar latest news

आज की हमारी विशेष रिपोर्ट में हम चर्चा करेंगे नए चीनी राजदूत शू फेईहोंग और india विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बीच हुई महत्वपूर्ण मुलाकात पर। इस मुलाकात के समय और उसके प्रभाव को समझने की कोशिश करेंगे और जानेंगे कि इससे india -चीन संबंधों में क्या बदलाव आ सकते हैं।

नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज़।-Jaishankar latest news

चीनी राजदूत शू फेईहोंग ने 31 मई को अपने पदभार संभाला, जो कि नई दिल्ली में चीनी दूतावास में 15 महीने की रिक्ति के बाद हुआ। यह अवधि 1962-1976 के बीच की अवधि के बाद सबसे लंबी है। शू फेईहोंग और india विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बीच मुलाकात में दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों और उनकी स्थिरता और प्रगति पर चर्चा हुई।

शू फेईहोंग ने कहा कि दोनों देशों ने india -चीन संबंधों और अन्य सामान्य मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने यह भी कहा कि वे india पक्ष के साथ मिलकर चीन-india संबंधों को सही दिशा में आगे बढ़ाने के लिए काम करने की उम्मीद करते हैं।-Jaishankar latest news

india और चीन के बीच लद्दाख में जारी सीमा विवाद ने दोनों देशों के संबंधों में तनाव पैदा कर दिया है। इस तनाव के कारण दोनों देशों के बीच आर्थिक और राजनीतिक संबंधों पर भी असर पड़ा है। ऐसे में नए चीनी राजदूत की नियुक्ति और उनकी सक्रियता को विशेष महत्व दिया जा रहा है।

बाकि नए चीनी राजदूत ने सोशल मीडिया पर भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर बधाई दी और ईद के मौके पर शिनजियांग में उत्सव मनाते हुए वीडियो पोस्ट किए। उन्होंने india समाचार पत्रों में india -चीन संबंधों पर हो रही कवरेज पर भी प्रतिक्रिया दी है।

हालांकि india ने हमेशा से चीन के साथ संतुलित और विवेकपूर्ण नीति अपनाई है। india प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 अक्टूबर को हुए हमलों की निंदा की, जो उस समय पश्चिमी देशों के साथ अधिक मेल खाता था। लेकिन इसके बाद विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि india सरकार फिलिस्तीन और इजरायल के बीच दो-राज्य समाधान की अपनी “लंबे समय से चली आ रही” स्थिति पर कायम है।-Jaishankar latest news

आपको बता दे कि शू फेईहोंग, एक अनुभवी राजनयिक हैं, जिन्होंने कई महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर काम किया है। उनके इस पद पर नियुक्ति से चीन ने स्पष्ट संकेत दिया है कि वह india के साथ अपने संबंधों को सुधारने और मजबूत बनाने के लिए गंभीर है। उनकी सोशल मीडिया पर सक्रियता और विभिन्न india नेताओं से मुलाकात इस बात का संकेत है कि वह india में एक सकारात्मक छवि बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

वैसे india -चीन सीमा विवाद का इतिहास 1962 के युद्ध तक जाता है। दोनों देशों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा यानि LAC को लेकर लगातार विवाद रहा है। लद्दाख में हालिया सीमा संघर्ष ने दोनों देशों के बीच विश्वास की कमी को और गहरा किया है। हालांकि दोनों पक्षों ने तनाव को कम करने के लिए कई दौर की बातचीत की है, लेकिन अभी तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है।

शू फेईहोंग की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। उनकी नियुक्ति से यह संकेत मिलता है कि चीन अपने राजनयिक प्रयासों को नए सिरे से शुरू करना चाहता है। शू की मुलाकातें और उनके बयान इस बात का संकेत हैं कि चीन, india के साथ अपने संबंधों को सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है।

बाकि ये भी सच है कि अमेरिका और चीन के बीच भी व्यापार और आर्थिक मुद्दों को लेकर लगातार विवाद चलता रहता है। हाल ही में, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीन के साथ संबंधों को सुधारने की कोशिश की है, लेकिन ताइवान और दक्षिण चीन सागर जैसे मुद्दों पर दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है।

ऐसे ही india और पाकिस्तान के बीच भी संबंध तनावपूर्ण रहे हैं, खासकर कश्मीर मुद्दे को लेकर। दोनों देशों के बीच कई बार बातचीत की कोशिशें हुई हैं, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है।

तो इस तरह शू फेईहोंग की नियुक्ति और उनकी सक्रियता ने india -चीन संबंधों में एक नई ऊर्जा का संचार किया है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि वे दोनों देशों के बीच के तनाव को कैसे कम कर पाते हैं और किस हद तक संबंधों को सुधारने में सफल होते हैं। 

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