गाजा में सब कुछ तो तबाह हो चुका है…इंसानी दुनिया के बीच मलबे का अंबार लगा है…लेकिन हमास के खिलाफ जंग का नतीजा क्या होगा ये कहना मुश्किल हो रहा है…वैसे दुनिया Israel की सैन्य शक्ति से वाकिफ है…लेकिन युद्ध के मैदान में तबाही मचाने के बाद भी Israel हमास को जड़ से खत्म करने का आज भी दावा नहीं कर पा रहा है…उसे अभी भी गाजा पट्टी में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है…-Israel Big Action on Iran
जहां एक ओर गाजा पट्टी के खिलाफ या यूं कहें कि हमास के आतंकियों के खिलाफ बेंजामिन नेतन्याहू का गु्स्सा दुनिया देख रही है वहीं दूसरी ओर Israel में नेतन्याहू के खिलाफ बढ़ते आक्रोश को शांत करने की कोशिश की जा रही है…हवाला दिया जा रहा है कि हमास अंतिम सांस ले रहा है और बंधकों को छुड़ाने के Israel बहुत करीब पहुंच चुका है…लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है…-Israel Big Action on Iran
पिछले 5 से 7 दशक के बीच जितनी भी जंग दुनिया के देशों के बीच छिड़ी…उनमें शायद बहुत कम अपने नतीजे तक पहुंची हैं…जिन देशों के बाहुबल का लोहा दुनिया मानती थी, उन देशों को छोटे-छोटे नाको चले चबाने के लिए मजबूर कर दिया…
चाहे वो रूस हो या Israel…-Israel Big Action on Iran
अगर 1970 की बात की जाए तो सुपर पावर अमेरिका जैसा देश वियतनाम में सबसे ज्यादा स्ट्रगल करता दिखाई दिया…बाद में अमेरिकी सेना को वहां से निकलना पड़ा…इसी तरह से अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ अमेरिका ने 7 अक्टूबर 2001 को ऑपरेशन लॉन्च किया…करीब 20 साल तक तालिबान के गढ़ में अमेरिकी सेना जंग लड़ती रही…लेकिन नतीजा नहीं निकला…आज का सच ये है कि अफगानिस्तान में ताबिलान की सरकार है और अमेरिकी ऑपरेशन का वहां कोई असर नहीं दिख रहा है…अगर रूस और यूक्रेन युद्ध की बात की जाए तो करीब 2 साल से ज्यादा रूस जैसा देश यूक्रेन जैसे छोटे से देश के खिलाफ जंग के मैदान में फंसा है लेकिन अब तक नतीजा नहीं निकला है…
ऐसे ना जाने कितने युद्ध हुए…जिनका कोई नतीजा नहीं निकला, तो फिर सवाल उठता है कि बेंजामिन नेतन्याहू की सेना क्या कमाल कर पाएगी? क्योंकि एक तरफ जब हमास के खिलाफ जंग चल रही है…तब Israel औरIran के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है…दोनों एक दूसरे पर किसी ना किसी बहाने से वार-पलटवार कर रहे हैं…ऐसे में सवाल है कि अगर Israel और Iran के बीच असल में जंग छिड़ी तो फिर क्या होगा? क्या Israel जंग के एक और मोर्चे पर उलझेगा या फिर नेतन्याहू इसका कोई उपाय निकालेंगे…क्योंकि किसी भी जंग से पहले दोनों देशों की सैन्य ताकत को देखना होगा…क्योंकि जंग के मैदान में सैन्य ताकत का महत्व बढ़ जाता है…भले ही Israel के सामने ईरान की सैन्य ताकत कुछ भी ना हो लेकिन बीते कई दशकों से दुनिया का जंगी इतिहास देखें तो बाहुबलियों की सैन्य ताकत कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई…कहीं यही डर Israel को ईरान के खिलाफ नया जंगी मोर्चा खोलने से रोक रहा है…
हमास की लगाई आग ने Israel को युद्ध के अखाड़े में लाकर खड़ा कर दिया…जो अब तक जल रही है
क्या बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ Israel में विरोध-प्रदर्शन तेज़ होगा?
अपने ऊपर लगे आरोपों को हटाने के लिए नेतन्याहू को क्या करना चाहिए?