रईसी की मौत के बाद Iran को मिला नया राष्ट्रपति, कुरान पढ़ाने वाले पजशकियान ने संभाली सत्ता

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उसने इराक से जंग लड़ी, हिजाब का विरोध किया, और अब कट्टरपंथी जलीली को 30 लाख वोट से हराकर ईरान का राष्ट्रपति बन गया है…जी हां…ईरान में मसूद पजशकियान देश के 9वें राष्ट्रपति बन गए हैं…पजशकियान डॉक्टर होने के साथ-साथ कुरान भी पढ़ाते हैं…ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की 19 मई को हेलिकॉप्टर क्रैश में मौत के बाद देश में राष्ट्रपति चुनाव की घोषणा की गई थी…iran-president-vote

पजशकियान ने कट्टरपंथी नेता सईद जलीली को हराकर ईरान की सत्ता संभाल ली है…Iran में शुक्रवार 5 जुलाई को दूसरे चरण की वोटिंग हुई थी…इसमें करीब 3 करोड़ लोगों ने मतदान किया था…जिसमें पजशकियान को 1 करोड़ 64 लाख वोट मिले, जबकि जलीली को 1 करोड़ 36 लाख वोट हासिल हुए…iran-president-vote

5 जुलाई को 16 घंटे तक चली वोटिंग में देश की करीब 50 फीसदी यानि 3 करोड़ से ज्यादा जनता ने वोट डाला था…आधिकारिक समय के मुताबिक, मतदान शाम 6 बजे खत्म होना था…हालांकि बाद में इसे रात 12 बजे तक बढ़ा दिया गया था…Iran में पहले चरण की वोटिंग 28 मई को हुई थी…इसमें कोई भी उम्मीदवार 50% वोट हासिल नहीं कर पाया था, जो चुनाव जीतने के लिए जरूरी है…हालांकि, पजशकियान 42.5% वोटों के साथ पहले और जलीली 38.8% वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे थे…iran-president-vote

ईरान के संविधान के मुताबिक, अगर पहले चरण में किसी भी उम्मीदवार को बहुमत नहीं मिलता है, तो टॉप 2 उम्मीदवारों के बीच अगले चरण की वोटिंग होती है…इसमें जिस कैंडिडेट को बहुमत मिलता है, वो देश का अगला राष्ट्रपति बनता है…देश के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई ने शुक्रवार सुबह वोट डालने के बाद कहा था कि पिछले चरण की तुलना में इस बार अधिक वोटिंग हो रही है…ये बेहद खुशी की बात है…दरअसल 28 मई को हुए पहले चरण के चुनाव में सिर्फ 40% ईरानियों ने वोट डाला था…यह आंकड़ा 1979 में हुई इस्लामिक क्रांति के बाद सबसे कम रहा था…iran-president-vote

1954 में पैदा हुए मसूद पजशकियान की मां कुर्द थीं…वे Iran के वेस्ट अजरबाइजान प्रोविंस में पैदा हुए…ये वही इलाका है जहां तैमूर के डर से बगदाद से भागे लोगों ने पनाह ली थी…मसूद ईरान के किंग रेजा शाह के दौर में सेना में भी रहे थे…1980 में जब इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन ने ईरान पर हमला किया तो मसूद ने जंग के दौरान घायलों का इलाज किया…जंग के बाद वे कार्डियक सर्जरी के एक्सपर्ट बने…

1994 में उनकी जिंदगी का सबसे बुरा दौरा आया…एक कार एक्सीडेंट में उनकी पत्नी और एक बेटी की मौत हो गई…परिवार के दबाव के बावजूद उन्होंने दोबारा शादी करने से इनकार कर दिया…उन्होंने अपने बच्चों की परवरिश अकेले की…सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी बायो में वो खुद को एक पति, पिता और दादा बताते हैं…पजशकियान ने पत्नी की मौत के 3 साल बाद ही राजनीति में एंट्री ली…वे Iran के तत्कालीन राष्ट्रपति मोहम्मद खतामी के कार्यकाल में हेल्थ मिनिस्टर बने…पजशकियान पर खतामी के विचारों का काफी असर है…खतामी भी मॉडरेट नेता थे…उन्होंने सलमान रुश्दी के खिलाफ जारी ईरान के फतवे को भी खत्म किया था…हालांकि 2019 में खामेनेई ने उस फतवे को फिर से एक्टिव किया था…

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