भारत में शहरी बुनियादी ढांचा विकास के लिए एक नया निधि कोष बनाया गया है, जिसका नाम है शहरी बुनियादी ढांचा विकास निधि (Urban Infrastructure Development Fund – UIDF)। इस निधि का उद्देश्य है कि टियर-2 और टियर-3 शहरों में जल आपूर्ति, स्वच्छता, सड़क निर्माण, क्षेत्रीय विकास और अन्य ऐसी परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करके शहरी जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है। इस निधि को राष्ट्रीय आवास बैंक National Housing Bank – NHB द्वारा प्रबंधित किया जाएगा। इस निधि के बारे में आज हम आपको विस्तार से बताएंगे। नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज।-India’s Urban Infrastructure Development Fund
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में इस निधि की घोषणा की थी। इस निधि का प्रारंभिक निधि का आकार 10,000 करोड़ रुपये है, जो प्राथमिकता क्षेत्र ऋण Priority Sector Lending – PSL की कमी से उपलब्ध होगा। इस निधि का लाभ उन शहरों को मिलेगा, जिनकी आबादी 50,000 से 9,99,999 के बीच है, जो टियर-2 और टियर-3 शहरों में आते हैं। इन शहरों में लगभग 40 प्रतिशत शहरी आबादी रहती है।-India’s Urban Infrastructure Development Fund
आपको बता दे कि इस निधि के तहत, राज्य सरकारों, नगर निगमों, शहरी स्थानीय निकायों और अन्य सार्वजनिक एजेंसियों को शहरी ढांचा विकास के लिए परियोजनाओं को तैयार करने, लागू करने और प्रबंधित करने के लिए ऋण प्रदान किया जाएगा। इस निधि के तहत, प्रति परियोजना अधिकतम 100 करोड़ रुपये तक का ऋण दिया जा सकता है। इस ऋण की ब्याज दर बैंक दर से 1.50 प्रतिशत कम होगी। इस निधि का उद्देश्य है कि शहरी क्षेत्रों में जल आपूर्ति, स्वच्छता, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, जल प्रदूषण निवारण, क्षेत्रीय विकास और सड़क निर्माण जैसी बुनियादी सेवाओं को सुधारने में मदद करना है।
हालाँकि इस निधि की घोषणा के बाद, राष्ट्रीय आवास बैंक ने इसके लिए मॉडल दिशानिर्देश जारी किए, जिनमें योग्य गतिविधियों, ऋण की राशि, ब्याज दर, ऋण की अवधि, ऋण की वापसी, ऋण की निगरानी और अन्य विवरण शामिल हैं। इन दिशानिर्देशों के अनुसार, राज्य सरकारों को अपनी परियोजनाओं के लिए आवेदन करना होगा, जिन्हें राष्ट्रीय आवास बैंक द्वारा मूल्यांकन और स्वीकृति के बाद ऋण दिया जाएगा।
वैसे इस निधि के शुरू होने के एक साल से कम समय में, इसके तहत कई परियोजनाओं को ऋण प्रदान किया गया है। दिसंबर 2023 तक, आठ राज्यों के 35 शहरों में 42 परियोजनाओं को यूआईडीएफ के तहत 1,500 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया है। इन परियोजनाओं में जल आपूर्ति, सीवरेज, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, बस टर्मिनल, बस डिपो, बस शेल्टर, बस ट्रैकिंग सिस्टम, स्मार्ट सिटी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, रोड विकास, बाइक शेयरिंग, एवेन्यू वनोरमा, शहरी रेनॉवेशन, शहरी लैंडस्केपिंग और शहरी लाइवलीहुड शामिल हैं।
इन परियोजनाओं का लाभ शहरी आबादी को बेहतर जीवन शैली, बढ़ती रोजगार की संभावनाएं, बढ़ती आय की संभावनाएं, बढ़ती शहरी आयात्मकता, बढ़ती शहरी विकास दर, बढ़ती शहरी वातावरण चेतना और बढ़ती शहरी सुरक्षा प्रदान करेगा।
यूआईडीएफ के तहत ऋण प्रदान करने के लिए, राष्ट्रीय आवास बैंक ने एक ऑनलाइन पोर्टल भी शुरू किया है, जिसका नाम है यूआईडीएफ ऑनलाइन। इस पोर्टल के माध्यम से, राज्य सरकारें अपनी परियोजनाओं के लिए आवेदन कर सकती हैं, अपनी परियोजनाओं की स्थिति की जांच कर सकती हैं, अपनी परियोजनाओं की प्रगति की रिपोर्ट दे सकती हैं और अपनी परियोजनाओं के लिए ऋण की वापसी कर सकती हैं।
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