India का दृढ़ संकल्प: आतंकवाद के खिलाफ एक नया अध्याय और अरुणाचल पर चीन के दावों का प्रतिकार। -China’s Claims on Arunachal
क्या आप जानते हैं कि एक देश कैसे अपने पड़ोसी की आतंकवादी गतिविधियों का सामना करता है? और क्या आपने सुना है कि चीन के अरुणाचल प्रदेश पर दावे कितने सही या गलत हैं? आइए जानते हैं India की इन चुनौतियों पर बड़ी बात। नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज़।-China’s Claims on Arunachal
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में सिंगापुर के NUS इंस्टिट्यूट ऑफ साउथ एशियन स्टडीज में बोलते हुए पाकिस्तान के साथ संबंधों पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि हर देश एक स्थिर पड़ोस चाहता है, लेकिन एक ऐसे पड़ोसी के साथ कैसे निपटा जाए जो खुलेआम आतंकवाद को राज्य की नीति के रूप में इस्तेमाल करता है? उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से आतंकवाद की घटनाएं एक बार की घटना नहीं हैं, बल्कि एक उद्योग स्तर की लगातार घटनाएं हैं जिनका उद्देश्य पड़ोसी देश पर दबाव डालना है।-India’s Response
जयशंकर ने कहा कि India अब आतंकवाद को अनदेखा करने का मूड में नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें इस सीमा पार आतंकवाद का सामना करने का तरीका खोजना होगा, और इस मामले को टालने से कुछ नहीं होगा, बल्कि यह और अधिक समस्याएं आमंत्रित करेगा।
चीन के साथ संबंधों पर बोलते हुए, जयशंकर ने कहा कि बीजिंग के अरुणाचल प्रदेश पर बार-बार किए गए दावे “हास्यास्पद” हैं और उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सीमांत राज्य India का “स्वाभाविक हिस्सा” है।
चीन के अक्सर किए जाने वाले दावों पर उनकी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में, जयशंकर ने कहा कि यह एक नया मुद्दा नहीं है। उन्होंने कहा, “यह एक नया मुद्दा नहीं है। मेरा मतलब है कि चीन ने दावा किया है, उसने अपने दावे का विस्तार किया है। दावे शुरू से ही हास्यास्पद थे और आज भी हास्यास्पद हैं।”
विदेश मंत्रालय ने चीनी रक्षा मंत्रालय के दावों को खारिज करते हुए कहा, “इस संबंध में आधारहीन तर्कों को दोहराने से ऐसे दावों को कोई वैधता नहीं मिलती। अरुणाचल प्रदेश था, है और हमेशा India का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा रहेगा। इसके लोग हमारे विकास कार्यक्रमों और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से लाभान्वित होते रहेंगे।”
आपको बता दे की ऐसे में India की इस प्रतिक्रिया में एक स्पष्ट संदेश है – आतंकवाद को अनदेखा करने का समय अब समाप्त हो चुका है। जयशंकर के शब्दों में एक निश्चितता है जो India के दृढ़ संकल्प को दर्शाती है। यह न केवल पाकिस्तान के साथ संबंधों के संदर्भ में है, बल्कि चीन के साथ उत्पन्न होने वाले विवादों के संदर्भ में भी है। अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावे को खारिज करने का India का दृष्टिकोण उसकी संप्रभुता और अखंडता के प्रति समर्पण को दिखाता है।
वैसे इसी तरह की अन्य घटनाओं में, हम देखते हैं कि India ने हाल के वर्षों में अपनी सीमाओं और अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं। चाहे वह सीमा पर सुरक्षा बढ़ाना हो या आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ अधिक सख्त नीतियां अपनाना, India ने अपनी नीतियों में एक स्पष्ट बदलाव दिखाया है।
तो इस तरह India की इन प्रतिक्रियाओं से यह स्पष्ट होता है कि देश अब अपनी सुरक्षा और संप्रभुता के मामलों में किसी भी प्रकार की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है। यह एक नए युग की शुरुआत है, जहां India अपने पड़ोसियों के साथ संबंधों में स्पष्टता और दृढ़ता के साथ आगे बढ़ रहा है।
आने वाले समय में, हम इस विषय पर और अधिक गहराई से चर्चा करेंगे और यह जानने की कोशिश करेंगे कि India की इन नीतियों का अंतर्राष्ट्रीय मंच पर क्या प्रभाव पड़ेगा। नमस्कार, आप देख रहे थे AIRR न्यूज़।
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