आज हम भारत के रक्षा निर्यात की शानदार उपलब्धि के बारे में बात करेंगे। रक्षा मंत्री Rajnath Singh ने हाल ही में बताया है कि देश का रक्षा निर्यात अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर पहुँच गया है।-India’s Remarkable Achievement
लेकिन क्या आप जानते है कि भारत ने किस क्षेत्र के देशों को सबसे अधिक रक्षा उपकरणों का निर्यात किया है?
, रक्षा निर्यात में इस वृद्धि के पीछे क्या कारण हैं?, और सबसे महत्वपूर्ण कि क्या भारत आने वाले वर्षों में रक्षा निर्यात के क्षेत्र में इस गति को जारी रख पाएगा? नमस्कार आप देख रहे हैं AIRR न्यूज़।- India’s Remarkable Achievement
रक्षा मंत्री Rajnath Singh ने कहा है कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में “पहली बार” देश का रक्षा निर्यात “अभूतपूर्व ऊंचाइयों” पर पहुँच गया है और 21,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है।-India’s Remarkable Achievement
उन्होंने अपनी एक पोस्ट में कहा, “यह जानकारी देते हुए मुझे खुशी हो रही है कि भारतीय रक्षा निर्यात अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर पहुँच गया है और स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार 21,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है!”
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत का रक्षा निर्यात 21,083 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुँच गया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 32.5 प्रतिशत की “शानदार वृद्धि” है।
हाल ही में मई 2023 में नाइजीरिया में भारतीय प्रवासियों के सदस्यों के साथ बातचीत के दौरान, रक्षा मंत्री ने ‘आत्मनिर्भरता’ पर सरकार के ध्यान और “मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड” के उद्देश्य को प्राप्त करने की दिशा में हाल के वर्षों में रक्षा निर्यात में हुई “महत्वपूर्ण प्रगति” पर जोर दिया था।
हलांकि पिछले कुछ वर्षों में, भारत ने विभिन्न देशों को रक्षा उपकरणों का निर्यात किया है, जिनमें मिसाइल, रडार और हल्के लड़ाकू विमान शामिल हैं।
इस निर्यात में हुई वृद्धि भारत के रक्षा उत्पादन क्षेत्र के विकास और “मेक इन इंडिया” पहल के कारण हुई है।
जिससे रक्षा निर्यात में वृद्धि से भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला है और रक्षा क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। तथा भारत का रक्षा निर्यात देश के वैश्विक प्रभाव को भी बढ़ा रहा है।
इस तरह कह सकते है कि रक्षा निर्यात में भारत की उपलब्धि प्रशंसनीय है। यह सरकार के “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भरता” पर ध्यान की सफलता का प्रमाण है। हालाँकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि रक्षा निर्यात अभी भी अपेक्षाकृत छोटे स्तर पर है। भारत को इस गति को बनाए रखने और आने वाले वर्षों में रक्षा निर्यात को और बढ़ाने के तरीके खोजना होगा।
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