भारत ने आर्थिक विकास और विनिर्माण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अपने भूमि बैंक को सक्रिय करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। हाल के वर्षों में, गोदाम और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों में विदेशी निवेशकों की रुचि में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है। Colliers India की एक ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, 2024 की दूसरी तिमाही में निवेश प्रवाह में तेज वृद्धि दर्ज की गई, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह क्षेत्र तेजी से निवेशकों का पसंदीदा बनता जा रहा है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि औद्योगिक और गोदाम क्षेत्रों में कुल निवेश का 61% यानी $2.5 Billion डॉलर का निवेश किया गया है। आज की इस खास वीडियो में हम इस घटना के पीछे के कारणों, प्रभावों और भविष्य के रुझानों पर विस्तृत चर्चा करेंगे।-India’s Real Estate news
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2024 की दूसरी तिमाही में, Colliers India की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कुल 2.5 बिलियन डॉलर का निवेश प्रवाहित हुआ, जो 2021 के बाद से सबसे उच्चतम तिमाही आंकड़ा है। इस निवेश में से 61% यानी$2.5 Billion डॉलर का निवेश औद्योगिक और गोदाम क्षेत्रों में हुआ है। इस निवेश प्रवाह का मुख्य कारण इस क्षेत्र में कई बड़े सौदों का होना है। इसके अलावा, आवासीय क्षेत्र में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जहां तिमाही निवेश 2023 की दूसरी तिमाही की तुलना में 7.5 गुना बढ़ा।
Colliers India के प्रबंध निदेशक, पूंजी बाजार एवं निवेश सेवाएं, पीयूष गुप्ता का कहना है, “विदेशी निवेशों के नेतृत्व में, 2024 की पहली छमाही में कुल निवेश का 73% हिस्सा विदेशी निवेशकों का था। इस मजबूत वृद्धि के कारण पूरे वर्ष के लिए सकारात्मक धारणा बने रहने की संभावना है।”-India’s Real Estate news
औद्योगिक और गोदाम क्षेत्रों में निवेश की तेज वृद्धि मुख्यतः उच्च गुणवत्ता वाले ग्रेड ए सप्लाई और उन्नत आपूर्ति श्रृंखला मॉडलों की बढ़ती मांग के कारण है। इस क्षेत्र में निवेशकों का विश्वास काफी बढ़ गया है और वे विभिन्न शहरों में एआई सक्षम गोदामों और माइक्रो-फुलफिलमेंट केंद्रों की मांग को पूरा करने के लिए सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।-India’s Real Estate news
आपको बता दे कि औद्योगिक और गोदाम क्षेत्रों में निवेश की इस बढ़ती प्रवृत्ति का भारतीय अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। यह न केवल विदेशी निवेश को आकर्षित करने में मदद करता है, बल्कि स्थानीय उद्योगों और रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा देता है।
ऐसे में साल 2024 की दूसरी तिमाही में औद्योगिक और गोदाम क्षेत्रों में $2.5 Billion डॉलर का निवेश हुआ, जो कुल निवेश का 61% है। जिसमे विदेशी निवेशकों का हिस्सा कुल निवेश का 73% था, जिसमें मुख्यतः अमेरिकी और यूएई निवेशक शामिल थे। वही ADIA और KKR ने Reliance Retail Ventures Ltd में $2.5 Billion डॉलर का निवेश किया, जो इस तिमाही का सबसे बड़ा निवेश था।-India’s Real Estate news
इसी तरह औद्योगिक और गोदाम क्षेत्रों में निवेश की इस वृद्धि को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखा जा सकता है, क्योंकि यह आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करता है और भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में मदद करता है। हालांकि, इस क्षेत्र में निवेश के बढ़ते रुझान के साथ कुछ चुनौतियाँ भी हैं। इनमें भूमि अधिग्रहण, पर्यावरणीय चिंताएँ और स्थानीय समुदायों के प्रतिरोध शामिल हैं।
वही इस क्षेत्र में निवेश के बढ़ते रुझान के पीछे मुख्य कारण उच्च गुणवत्ता वाले ग्रेड ए सप्लाई की मांग, उन्नत आपूर्ति श्रृंखला मॉडल, और ई-कॉमर्स और रिटेल उपभोग में वृद्धि है। इन कारकों ने निवेशकों के विश्वास को बढ़ाया है और वे विभिन्न शहरों में एआई सक्षम गोदामों और माइक्रो-फुलफिलमेंट केंद्रों की स्थापना के लिए सक्रिय हो रहे हैं।
बाकि औद्योगिक और गोदाम क्षेत्रों में निवेश का इतिहास पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बदल गया है। पहले यह क्षेत्र अधिकतर घरेलू निवेशकों तक सीमित था, लेकिन अब यह वैश्विक निवेशकों का आकर्षण केंद्र बन गया है। इस बदलाव का मुख्य कारण भारत में बुनियादी ढांचे में सुधार, सरकार की नीतियों में सुधार, और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की भूमिका का बढ़ना है।
इस निवेश का सबसे बड़ा प्रभाव रोजगार के अवसरों में वृद्धि, स्थानीय उद्योगों का विकास, और आर्थिक विकास की गति में तेजी है। इसके अलावा, यह निवेश भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में भी मदद करता है।
वैसे भारत में विदेशी निवेश की वृद्धि केवल औद्योगिक और गोदाम क्षेत्रों तक सीमित नहीं है। अन्य क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय निवेश हुआ है, जैसे 2024 की दूसरी तिमाही में आवासीय क्षेत्र में निवेश 7.5 गुना बढ़ा। इसके अलावा डेटा सेंटर्स, जीवन विज्ञान, वरिष्ठ आवास, छुट्टियों के घर, छात्र आवास, और स्कूलों में निवेश भी बढ़ा है।
इन क्षेत्रों में निवेश की वृद्धि का मुख्य कारण भारत में बढ़ती आर्थिक गतिविधियाँ और उपभोक्ता विश्वास है। इसके अलावा, भारत सरकार की नीतियाँ और योजनाएँ, जैसे कि राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति, ने भी निवेश को प्रोत्साहित किया है।
तो इस तरह औद्योगिक और गोदाम क्षेत्रों में विदेशी निवेश की वृद्धि भारत की आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है। यह न केवल विदेशी निवेश को आकर्षित करने में मदद करता है, बल्कि स्थानीय उद्योगों और रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा देता है। सरकार की नीतियाँ और योजनाएँ इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं और आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र में और भी अधिक निवेश की संभावना है।
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