क्या आप जानते हैं कि भारत ने अपनी विद्युत उत्पादन क्षमता को पिछले दशक में लगभग दोगुना कर दिया है? क्या आप जानते हैं कि भारत की ट्रांसमिशन प्रणाली अब दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत ट्रांसमिशन प्रणाली है, जो देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में 116 जीडब्ल्यू का संचार करने में सक्षम है? क्या आप जानते हैं कि भारत ने पिछले नौ वर्षों में विद्युत क्षेत्र में लगभग 20 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है, और अगले पांच से सात वर्षों में अतिरिक्त 17 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना है?”India’s Power Sector”
अगर आप इन सवालों का जवाब नहीं जानते हैं, तो आप भारत के विद्युत और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री, श्री आर. के. सिंह के द्वारा दिल्ली में आयोजित द टाइम्स ग्रुप वर्ल्डवाइड मीडिया फेस्टिवल ऑफ मैन्युफैक्चरिंग 2024 के दूसरे संस्करण में दिए गए भाषण को जरूर देखना चाहिए। इस भाषण में उन्होंने भारत की वैश्विक निर्माण में चीन के विकल्प बनने की इच्छा को जताया है, कहा है, “दुनिया चीन प्लस वन की तलाश में है, और हम वह एक बनना चाहते हैं।””India’s Power Sector”
नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज़, और आज हम आपको लेकर जा रहे है। भारत के विद्युत और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री, श्री आर. के. सिंह के द्वारा दिए गए एक ऐतिहासिक भाषण की ओर, जिसमें उन्होंने भारत के विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के बारे में बात की है।”India’s Power Sector”
इस भाषण को सुनने से पहले, आइए जानते हैं कि भारत का विद्युत क्षेत्र कैसे इतना तेजी से बढ़ा है, और इसके पीछे कौन से कारक हैं।
भारत का विद्युत क्षेत्र तीन मुख्य घटकों पर आधारित है:
विद्युत उत्पादन,
विद्युत संचारण,
और विद्युत वितरण।
इन तीनों घटकों में से, विद्युत उत्पादन का घटक सबसे महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह देश की ऊर्जा की मांग को पूरा करने के लिए आवश्यक है।
विद्युत उत्पादन का घटक विभिन्न प्रकार के ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करके विद्युत बनाता है, जैसे कोयला, तेल, गैस, नाभिकीय, हाइड्रो, सौर, पवन, और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत। भारत में, कोयला विद्युत उत्पादन का प्रमुख स्रोत है, जो कुल विद्युत उत्पादन का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा देता है। कोयला के अलावा, नाभिकीय ऊर्जा का योगदान 3 प्रतिशत, हाइड्रो ऊर्जा का 13 प्रतिशत, और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का 14 प्रतिशत है। भारत ने पिछले कुछ वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में बढ़त की है, और अब दुनिया का चौथा सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादक देश है।”India’s Power Sector”
विद्युत उत्पादन के बाद, विद्युत को देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाने के लिए विद्युत संचारण का घटक आता है। विद्युत संचारण का घटक विद्युत को उच्च वोल्टेज में ट्रांसमिशन लाइनों के माध्यम से सबस्टेशनों तक पहुंचाता है, जहां वोल्टेज को कम करके विद्युत वितरण के घटक को दिया जाता है। विद्युत संचारण घटक भारत के विद्युत क्षेत्र की रीढ़ है, क्योंकि यह विद्युत की आपूर्ति और मांग को संतुलित करने में मदद करता है।”India’s Power Sector”
भारत ने अपनी ट्रांसमिशन प्रणाली को विशाल रूप से विस्तारित और उन्नत किया है, जिससे विद्युत की उपलब्धता और गुणवत्ता में सुधार हुआ है। पिछले दशक में, भारत ने ट्रांसमिशन लाइनों में 2,00,000 सर्किट किलोमीटर का विस्तार किया है, जिससे भारत की ट्रांसमिशन प्रणाली अब दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत ट्रांसमिशन प्रणाली है, जो देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में 116 जीडब्ल्यू का संचार करने में सक्षम है।”India’s Power Sector”
इसके साथ ही, भारत ने अपने सबस्टेशनों को भी विस्तारित और उन्नत किया है, जिससे विद्युत की वोल्टेज को नियंत्रित करने और वितरण के लिए तैयार करने में सुविधा हुई है। भारत ने पिछले कुछ वर्षों में 3,000 नए सबस्टेशन जोड़े, और लगभग 4,000 मौजूदा सबस्टेशनों को बेहतर बनाया है। इन सबस्टेशनों की कुल क्षमता अब 9,00,000 एमवीए है, जो 2014 के मुकाबले लगभग दोगुनी है।
विद्युत संचारण के बाद, विद्युत को अंतिम उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए विद्युत वितरण का घटक आता है। विद्युत वितरण का घटक विद्युत को निम्न वोल्टेज में लाकर उच्च वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइनों से जुड़े हाई-टेंशन (एचटी) और लो-टेंशन (एलटी) लाइनों के माध्यम से घरों, ऑफिसों, फैक्ट्रियों, और अन्य स्थानों पर वितरित करता है। विद्युत वितरण का घटक भारत के विद्युत क्षेत्र का सबसे महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण घटक है, क्योंकि यह विद्युत की उपयोगिता और लाभ को निर्धारित करता है।
भारत ने अपनी विद्युत वितरण प्रणाली को भी काफी सुधारा है, जिससे विद्युत की पहुंच और गुणवत्ता में बढ़ोतरी हुई है। भारत ने पिछले कुछ समय में लगभग 20 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है, जिसमें विद्युत वितरण के लिए भी एक बड़ा हिस्सा शामिल है। भारत ने अपने एचटी और एलटी लाइनों को भी विस्तारित और उन्नत किया है, जिससे विद्युत का नुकसान और चोरी को कम किया जा सका है। भारत ने पिछले कुछ वर्षों में 7.5 लाख ट्रांसफॉर्मर लगाए, जिससे विद्युत की वोल्टेज को समायोजित करने में सुविधा हुई है।
इसके अलावा, भारत ने विद्युत वितरण को अधिक सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए कई पहल की हैं, जैसे कि विद्युत के बिल का ऑनलाइन भुगतान, प्रीपेड और स्मार्ट मीटर का उपयोग, विद्युत आपूर्ति की अवस्था की ट्रैकिंग, और विद्युत की शिकायतों का त्वरित निपटारा। भारत ने अपने विद्युत वितरण को और भी बेहतर बनाने के लिए कई योजनाओं का शुभारंभ किया है, जैसे कि दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, सौभाग्य योजना, और इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम। इन योजनाओं के माध्यम से, भारत ने अपने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में विद्युत की पहुंच और गुणवत्ता को बढ़ाया है, और अब भारत का विद्युत वितरण क्षेत्र दुनिया के सबसे आधुनिक और प्रगतिशील क्षेत्रों में से एक है।
इस प्रकार, भारत ने अपने विद्युत क्षेत्र को एक नए स्तर पर ले जाने के लिए अपनी विद्युत उत्पादन, विद्युत संचारण, और विद्युत वितरण प्रणाली को विस्तारित और उन्नत किया है। इससे भारत को अपनी ऊर्जा की मांग को पूरा करने, अपने विकास को गति देने, और अपने वातावरण को सुरक्षित रखने में मदद मिली है। भारत ने अपने विद्युत क्षेत्र के माध्यम से दुनिया को यह दिखाया है कि वह वैश्विक निर्माण में चीन का विकल्प बनने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
आशा है कि आपको यह वीडियो पसंद आया होगा, और आपको भारत के विद्युत क्षेत्र के बारे में नई और रोचक जानकारी मिली होगी। अगर आप इस विषय पर और अधिक जानना चाहते हैं, तो आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब करें, और हमारी अगली वीडियो का इंतजार करें, जिसमें हम आपको भारत के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों के बारे में बताएंगे।
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