India’s New Submarine-Launched Missile: Technology, Purpose, and Impact |

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क्या आप जानते हैं कि भारत ने अपनी रक्षा क्षमता को और बढ़ाने के लिए एक नया और अद्भुत हथियार विकसित किया है? जी हां, हम बात कर रहे हैं पनडुब्बी से चलने वाली मिसाइल की, जो 500 किमी दूर तक किसी भी लक्ष्य को निशाना बना सकती है। यह मिसाइल भारत के खुद के डीआरडीओ द्वारा बनाई गई है और अगले महीने इसका परीक्षण किया जाएगा।

लेकिन इस मिसाइल का उद्देश्य क्या है? यह कैसे काम करती है? यह भारत के लिए कितना फायदेमंद है? और इसके पीछे कौन-कौन से Technology और रणनीतिक पहलू हैं? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए बने रहिए हमारे साथ, नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज़।

पनडुब्बी से चलने वाली मिसाइल, जिसे SLCM के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रकार की क्रूज मिसाइल है, जो पनडुब्बी से लॉन्च की जाती है और अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए वायुमंडल में उच्च गति से उड़ती है। यह मिसाइल दो प्रकार की हो सकती है एक भूमि से हमला करने वाली मिसाइल (LACM) और जहाज से हमला करने वाली मिसाइल (ASCM)। भारत ने इन दोनों प्रकार की मिसाइलों को अपने डीआरडीओ के अधीन विकसित किया है और इनका परीक्षण भी किया है।

इन मिसाइलों की खास बात यह है कि ये गुप्त रूप से लॉन्च की जा सकती हैं, जिससे दुश्मन को पता नहीं चल पाता है कि कहां से और कब हमला हो रहा है। इसके अलावा, ये मिसाइलें स्वचालित रूप से नेविगेट करती हैं, जिससे ये अपने लक्ष्य को बदलने वाली स्थितियों के अनुसार अपना मार्ग ढूंढ सकती हैं। ये मिसाइलें भारी से भारी विस्फोटक को ले जा सकती हैं, जिससे ये अपने लक्ष्य को तबाह करने में सक्षम हो जाती हैं।

भारत ने इन मिसाइलों को अपने स्वदेशी प्रोजेक्ट 75 इंडिया के तहत बनाया है।  स्वदेशी पनडुब्बियों के लिए इसे  तैयार किया है, जो भारतीय नौसेना के लिए एक महत्वपूर्ण शक्ति संशोधक होंगी। इन पनडुब्बियों को न्यूक्लियर प्रोपल्शन के साथ लैस किया जाएगा, जिससे ये लंबे समय तक पानी के अंदर रह सकेंगे। इन पनडुब्बियों को एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) की सुविधा भी मिलेगी, जिससे ये पानी के अंदर बिना वायु के भी चल सकेगी। इससे ये पनडुब्बियां अपनी स्थिति को और अधिक गुप्त रख सकेंगी और दुश्मन के रडार से बच सकेंगी।

इन पनडुब्बियों के साथ जुड़ी इन मिसाइलों का परीक्षण अगले महीने भारत के पूर्वी तट से किया जाएगा। इस परीक्षण का उद्देश्य इन मिसाइलों की दूरी, सटीकता, स्थिरता और विस्फोटक शक्ति को जांचना है। इस परीक्षण से पहले, भारत ने फरवरी 2023 में इन मिसाइलों का एक परीक्षण किया था, जिसमें ये मिसाइलें 402 किमी की दूरी तक पहुंची थीं और सभी मिशन उद्देश्यों को पूरा किया था।

इन मिसाइलों को बनाने में भारत के कई उद्योगों ने भी अहम भूमिका निभाई है। इनमें लार्सन एंड टूब्रो, गोदरेज और समीर जैसे नाम शामिल हैं, जो डीआरडीओ के साथी हैं और भविष्य में भी मिसाइल विकास परियोजनाओं में भाग लेने की उम्मीद है।

तो, यह थी हमारी खास पेशकश, आशा है कि इस वीडियो से आपको भारत कि स्वदेशी पनडुब्बी से चलने वाली मिसाइल, जिसे SLCM कहा जाता है, के बारे में विस्तार से जानकारी मिली होगी। हमें उम्मीद है कि आपको यह वीडियो पसंद आया होगा और आपने इससे कुछ नया सीखा होगा। अगर आपको यह वीडियो अच्छा लगा, तो कृपया इसे लाइक, शेयर, और सब्सक्राइब करें। अगली वीडियो में हम आपको दुनिया के कुछ और रोचक और महत्वपूर्ण विषयों के बारे में बताएंगे। तब तक के लिए, नमस्कार, आप देख रहे थे AIRR न्यूज।

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