INS Jatayu: India’s New Naval Base in Lakshadweep | Strategic Importance | AIRR News 

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क्या आप जानते हैं कि भारतीय नौसेना ने हाल ही में Lakshadweep समूह के मिनीकॉय द्वीप पर एक नया नौसेना अड्डा शुरू किया है? क्या आप जानते हैं कि इस नौसेना अड्डे का नाम “INS जटायु” है, जो रामायण के एक प्रसिद्ध पात्र के नाम पर रखा गया है? क्या आप जानते हैं कि इस नौसेना अड्डे का उद्देश्य क्या है, और इसका भारत के लिए क्या महत्व है?-India’s New Naval Base in Lakshadweep

अगर आप इन सवालों के जवाब जानना चाहते हैं, तो इस वीडियो को जरूर देखें, क्योंकि आज हम आपको बताएंगे कि भारतीय नौसेना ने कैसे एक नया नौसेना अड्डा बनाकर अपनी ऑपरेशनल क्षमता को बढ़ाया है, और लक्षद्वीप को एक रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण द्वीप समूह बनाया है।-India’s New Naval Base in Lakshadweep

नमस्कार, आप देख रहे हैं AIRR न्यूज़।

बुधवार को भारतीय नौसेना ने Lakshadweep समूह के मिनीकॉय द्वीप पर अपने नौसेना अड्डे  “INS जटायु” का उद्घाटन किया। इस नौसेना अड्डे का नेतृत्व कमांडेंट व्रत बाघेल कर रहे हैं। इस नौसेना अड्डे का मुख्य उद्देश्य भारतीय नौसेना की ऑपरेशनल क्षमता को बढ़ाना है, और पश्चिमी अरब सागर में अपनी उपस्थिति को मजबूत करना है।-India’s New Naval Base in Lakshadweep

इस नौसेना अड्डे के जरिए, भारतीय नौसेना लक्षद्वीप के अंदर और आसपास के क्षेत्र में अपनी निगरानी और सुरक्षा को बेहतर बनाएगी, और समुद्री आतंकवाद, अपराध, और समुद्री लुटेरों के खिलाफ कार्रवाई करने में मदद करेगा। 

इस नौसेना अड्डे का नाम “INS जटायु” रामायण के एक प्रसिद्ध पात्र के नाम पर रखा गया है, जो सीता जी के अपहरण को रोकने के लिए रावण से लड़ा था, और अपनी जान की परवाह किए बिना भगवान राम की सहायता करने का प्रयास किया था। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने इस नौसेना अड्डे के उद्घाटन समारोह में कहा कि जटायु रामायण में “पहला प्रतिक्रियाशील” था, जिसने सीता जी की सुरक्षा के लिए अपनी जान का बलिदान किया, और इस प्रकार आत्मनिष्ठा की मिसाल पेश की।

उन्होंने कहा कि जटायु ने भगवान राम को जो जानकारी दी, वह उन्हें पूरी स्थिति का अंदाजा लगाने में मदद करती थी, जोकी उनके बाद के सफल अभियान का आधार बनी थी।

“इसी तरह, हम उम्मीद करते हैं कि यह इकाई भारतीय नौसेना को पूरे क्षेत्र में अच्छी समुद्री क्षेत्र जागरूकता प्रदान करेगी, और हमारे राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने में सहायक होगी। INS बाज़ जो पूर्व अंडमान में है, और अब INS जटायु जो पश्चिम में है, दोनों नौसेना के लिए आँखें और कान होंगे, और हमारे राष्ट्रीय हितों की रक्षा करेंगे।” उन्होंने कहा।

Lakshadweep प्रशासक प्रफुल खोड़ा पटेल, जो इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे, ने कहा कि मिनीकॉय में एक हवाई पट्टी निर्माण के लिए अनुमति का अंतिम चरण है, और कवरत्ती में 24 घंटे कार्यरत चॉपर हैंगर जल्द ही शुरू होगा।

उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय वायु सेना के लिए लक्षद्वीप में एक राडार बेस के लिए जमीन आवंटित की गई है।

दक्षिणी नौसेना कमान के प्रमुख वाइस एडमिरल वी श्रीनिवास और पश्चिमी नौसेना कमान के प्रमुख वाइस एडमिरल संजय जे सिंह भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

नौसेना अधिकारी-इन-चार्ज (लक्षद्वीप) कैप्टन लवकेश ठाकुर ने कहा कि चूंकि द्वीप पारंपरिक व्यापारिक मार्गों पर स्थित है, इसलिए यह रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।

“रणनीतिक स्थिति के कारण, विशेष रूप से मिनीकॉय, यह जहाजों की गतिविधि पर जानकारी इकट्ठा करने का एक स्थान है,” ठाकुर ने कहा।

उन्होंने कहा कि चूंकि द्वीप एक महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग है, इसलिए इस पर एक नौसेना अड्डे का होना देश के लिए बहुत जरूरी है।

इस नौसेना अड्डे की वजह से, भारतीय नौसेना को लक्षद्वीप के अन्य द्वीपों जैसे कवरत्ती, अगत्ती, आमिनी, और कल्पेनी पर भी अपने नौसेना अड्डों को बढ़ाने का मौका मिलेगा।

इससे भारतीय नौसेना का लक्षद्वीप में अपना एक समृद्ध और सक्रिय नौसेना अड्डा नेटवर्क बनेगा, जो भारत के लिए एक रणनीतिक फायदा होगा।

Lakshadweep समूह भारत के दक्षिण-पश्चिमी तट से 200 से 400 किलोमीटर दूर है, और इसका कुल क्षेत्रफल 32 वर्ग किलोमीटर है। इसमें 36 द्वीप हैं, जिनमें से 10 ही में लोग बसे हुए हैं।

लक्षद्वीप का रणनीतिक महत्व इस बात से पता चलता है कि यह महासागर के विशेष अर्थिक क्षेत्र का हिस्सा है, और यहां से विश्व के 80 प्रतिशत तेल का व्यापार होता है।

इसके अलावा, लक्षद्वीप के पास एक विशाल मछली पालन क्षेत्र है, जो भारत के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक संसाधन है।

लक्षद्वीप को भारत के लिए एक पर्यटन और संस्कृतिक आकर्षण के रूप में भी जाना जाता है, जो देश की विविधता और सौंदर्य को दर्शाता है।

लेकिन लक्षद्वीप को अपनी सुरक्षा और स्थिरता के लिए भी जागरूक रहना होगा, क्योंकि यह एक ऐसे क्षेत्र में स्थित है, जहां अनेक चुनौतियां और खतरे मौजूद हैं।

जैसे महासागर क्षेत्र में कई आतंकवादी संगठनों की उपस्थिति, जो समुद्री यातायात, बंदरगाहों, और तेल पाइपलाइनों को निशाना बनाते हैं। इनमें से कुछ नाम हैं: अल-कायदा, इस्लामिक स्टेट, अल-शबाब, लश्कर-ए-तैयबा, और जैश-ए-मोहम्मद।

दूसरी तरफ इन्ही महासागर क्षेत्र में कई अवैध गतिविधियां होती हैं, जैसे स्मगलिंग, नशीले पदार्थों का तस्करी, मानव तस्करी, अवैध मछली पालन, और अस्त्र-शस्त्रों की तस्करी। इन गतिविधियों से भारत की आर्थिक, सामाजिक, और सुरक्षा हितों को नुकसान पहुंचता है।

इन सभी चुनौतियों और खतरों को देखते हुए, भारतीय नौसेना ने लक्षद्वीप में अपनी ऑपरेशनल क्षमता को बढ़ाने के लिए एक नया नौसेना अड्डा बनाया है, जो इस क्षेत्र में भारत के लिए एक रणनीतिक लाभ होगा।

ये थी हमारी आज की खास पेशकश। अगर आपको यह वीडियो पसंद आया, तो इसे लाइक, शेयर, और सब्सक्राइब करें।

नमस्कार आप देख रहे थे AIRR न्यूज़। 

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