India’s Economic Growth और डिजिटल क्रांति, जो कि देश के विकास और समृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है, में भारत ने पिछले कुछ वर्षों में डिजिटल क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल की हैं, जो उसे विश्व के अग्रणी डिजिटल अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना रही है। भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था का योगदान देश की कुल आय में 200 अरब डॉलर से बढ़कर 2025 तक एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। इसके साथ ही, डिजिटल तकनीकों का उपयोग करके कठिन उद्योगों में कार्बन उत्सर्जन को 20 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।
ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि भारत कैसे डिजिटल सुपरपावर बन गया? कैसे एक देश ने अपनी पारंपराओं और संस्कृति को संगठित करके एक नया डिजिटल युग शुरू किया? आज हम जानेगे भारत की डिजिटल क्रांति के बारे। साथ ही हम डिजिटल इंडिया अभियान, आधार, जीएसटी, भारत स्टैक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, और ब्लॉकचेन जैसे महत्वपूर्ण पहलों और तकनीकों के बारे में जानेंगे, जिन्होंने भारत को इस मुकाम पे बनाने में मदद की है। नमस्कार आप देख रहे है AIRR न्यूज़।
भारत की डिजिटल क्रांति या डिजिटल इंडिया अभियान, जिसने देश को एक डिजिटल सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए एक मजबूत डिजिटल ढांचा और विस्तृत डिजिटल पहुंच प्रदान की है। भारत का डिजिटल उपभोक्ता आधार विश्व का दूसरा सबसे बड़ा है, और भारत तेजी से दूसरी स्थान पर अपनी पहुंच बना रहा है। भारत में लगभग 55 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं, जिनकी संख्या देश के हर हिस्से में तेजी से बढ़ रही है। यह डिजिटल सेवाओं, प्लेटफॉर्मों, अनुप्रयोगों, सामग्री और समाधानों के लिए एक विशाल बाजार पैदा कर रहा है।
भारत के उद्यमी और नवाचारको ने डिजिटल तकनीकों का उपयोग करके अनेक समस्याओं का समाधान करने और नए अवसरों का निर्माण करने में अग्रणी भूमिका निभाई है। भारत में 50,000 से अधिक स्टार्टअप हैं, जिनमें से 34 यूनिकॉर्न हैं, यानी वे स्टार्टअप जिनका मूल्यांकन एक अरब डॉलर से अधिक है।
वही भारत ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ब्लॉकचेन, डिजिटल तकनीकों को अपनाकर अपने आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों को बेहतर बनाने का प्रयास किया है। भारत ने अपनी नीति और नियमों को डिजिटल युग के अनुरूप बनाने के लिए एक राष्ट्रीय कृत्रिम बुद्धिमत्ता नीति तैयार की है, जिसका उद्देश्य भारत को एक वैश्विक कृत्रिम बुद्धिमत्ता केंद्र बनाना है। भारत ने ब्लॉकचेन को एक नवीन और विश्वसनीय तरीका मानते हुए, अपने वित्तीय, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, और अन्य क्षेत्रों में इसका उपयोग बढ़ाने के लिए एक राष्ट्रीय ब्लॉकचेन स्ट्रेटेजी बनाई है, जिससे देश की गरीबी, भ्रष्टाचार, और असमानता को कम किया जा सके।
वैसे भारत का ये मुकाम ऐसे ही नहीं मिला है बल्कि भारत की आर्थिक वृद्धि और डिजिटल परिवर्तन की कहानी 2014 में सुरु हुई, जब नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्होंने देश को एक नई दिशा देने के लिए डिजिटल इंडिया अभियान की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य था कि हर भारतीय को डिजिटल सुविधाओं और सेवाओं का लाभ मिल सके। इस अभियान के तहत, कई महत्वपूर्ण पहल की गईं, जिसमे आधार कार्ड भी शामिल है, जो दुनिया की सबसे बड़ी बायोमेट्रिक आधारित डिजिटल पहचान प्रणाली है, जिसमें 1.3 अरब से अधिक भारतीयों का डेटा शामिल है। आधार ने न केवल भारतीयों को एक विश्वसनीय और सुरक्षित पहचान प्रदान की है, बल्कि उन्हें विभिन्न सरकारी और निजी सेवाओं तक पहुंच भी दिलाई है। आधार ने डिजिटल पेमेंट, बैंकिंग, टैक्सेशन, स्वास्थ्य, शिक्षा, और अन्य क्षेत्रों में क्रांति ला दी है।
इसके अलावा जीएसटी भी भारत का सबसे बड़ा कर सुधार है, जिसने देश को एक एकीकृत और ट्रांसपेरेंट बाजार बनाया है। जीएसटी ने डिजिटल तकनीकों का उपयोग करके कर व्यवस्था को सरल, सुगम, और समान बनाया है। जीएसटी ने देश की आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया है, और देश की आय में वृद्धि लाई है।
भारत स्टैक, जो भारत का एक डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर है, जो विभिन्न डिजिटल सेवाओं और समाधानों को एक साथ जोड़ता है। भारत स्टैक में आधार, यूपीआई, ई-केवाला, डिजिलॉकर, ई-नाम, ई-साइन, और अन्य ऐसे घटक शामिल हैं, जो भारतीयों को डिजिटल पहचान, पेमेंट, स्टोरेज की सुविधा देते हैं।
इन पहलों के अलावा, भारत ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता और ब्लॉकचेन जैसी नवीन और उन्नत तकनीकों को भी अपनाने का प्रयास किया है, जो देश के विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सक्षम होंगी। जिसमे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) एक ऐसी तकनीक है, जो मशीनों को मानवीय बुद्धि के समान कार्य करने में सक्षम बनाती है। AI का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में जैसे कि स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, उद्योग, सुरक्षा, और मनोरंजन में किया जा सकता है। भारत ने अपनी राष्ट्रीय कृत्रिम बुद्धिमत्ता नीति (National AI Policy) की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य है कि भारत को AI के क्षेत्र में एक वैश्विक नेतृत्व का दायित्व लेने में मदद करे। इस नीति के अंतर्गत, भारत ने AI के लिए एक राष्ट्रीय पोर्टल (National AI Portal) बनाया है, जो AI के बारे में जानकारी, संसाधन, और समुदाय को एक साथ लाता है। इसके अलावा, भारत ने युवाओं के लिए जिम्मेदार AI (Responsible AI for Youth) का भी शुभारंभ किया है, जो छात्रों को AI के मूल तत्वों और अनुप्रयोगों को सीखने और उनका उपयोग करने का अवसर देता है।
ऐसे ही ब्लॉकचेन वो तकनीक है, जो डेटा को एक विश्वसनीय, सुरक्षित, और अपरिवर्तनीय तरीके से संग्रहीत और साझा करने में सक्षम बनाती है। ब्लॉकचेन का उपयोग वित्तीय लेनदेन, दस्तावेजों की प्रमाणीकरण, आवासीय पंजीकरण, वोटिंग, और अन्य क्षेत्रों में किया जा सकता है। ब्लॉकचेन के द्वारा भ्रष्टाचार, गबन, और अनियमितताओं को कम किया जा सकता है।
भारत ने अपनी राष्ट्रीय ब्लॉकचेन स्ट्रेटेजी (National Blockchain Strategy) की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य है कि भारत को ब्लॉकचेन के क्षेत्र में एक वैश्विक अग्रणी बनाये। इस स्ट्रेटेजी के अंतर्गत, भारत ने ब्लॉकचेन के लिए एक राष्ट्रीय फ्रेमवर्क (National Framework for Blockchain) बनाने का प्रयास किया है, जो ब्लॉकचेन के उपयोगकर्ताओं, विकासकर्ताओं, और नियामकों को एक साथ लाने का काम करेगा। इसके अलावा, भारत ने ब्लॉकचेन के विभिन्न क्षेत्रों में पायलट प्रोजेक्ट्स शुरू किए हैं, जैसे कि फार्मा ट्रेस, फर्टिलाइजर सब्सिडी, और लैंड रिकॉर्ड्स।
इस प्रकार, भारत ने डिजिटल तकनीकों को अपनाकर अपने आर्थिक और सामाजिक विकास को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का संकल्प लिया है। भारत को डिजिटल क्रांति की ओर बढ़ते हुए देखकर, हमें गर्व और उमंग का अनुभव होता है। आइए, हम सब मिलकर डिजिटल इंडिया का सपना साकार करने के लिए अपना योगदान दें। नमस्कार आप देख रहे थे AIRR न्यूज़।
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