Indian न्याय संहिता BNS बिल, जो Indian दण्ड संहिता को बदलने के लिए पारित किया गया है, देश में विवादों का केंद्र बना हुआ है। इस बिल के एक प्रावधान के तहत, जो चालक लापरवाही से गंभीर सड़क दुर्घटना का कारण बनते हैं और पुलिस या प्रशासन के किसी अधिकारी को सूचित किए बिना भाग जाते हैं, उन्हें 10 वर्ष तक की सजा या 7 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। पहले, ऐसे मामलों में दो वर्ष की सजा होती थी। Indian – Penal Code???
इस बिल के विरोध में, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर आरोप लगाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को “शहंशाह” कहा। गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक पोस्ट में लिखा, “प्रभावित वर्ग के साथ चर्चा किए बिना और विपक्ष के साथ संवाद किए बिना कानून बनाने की जिद लोकतंत्र की आत्मा पर लगातार हमला है। 150 से अधिक सांसदों को निलंबित करते हुए, संसद में शहंशाह ने चालकों, भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़, के खिलाफ एक कानून बनाया, जिसके घातक परिणाम हो सकते हैं।” राहुल गांधी ने आगे कहा कि सरकार ने एक शहंशाह के आदेश और न्याय में अंतर भूल गई है।
“सीमित आय वाले मेहनती वर्ग को कठोर कानूनी भट्ठी में फेंकना उनके जीवन पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। साथ ही, इस कानून के दुरुपयोग से ‘वसूली के तंत्र’ के साथ-साथ संगठित भ्रष्टाचार का भी रास्ता बन सकता है। जो सरकार चाबुक से लोकतंत्र चलाती है, उसने ‘शहंशाह के निर्देश’ और ‘न्याय’ में अंतर भूल गया है,” राहुल गांधी ने कहा।
इस बिल के विरोध में, भारत भर में कई परिवहन और ऑटो-चालक संघ आंदोलन कर रहे थे। निजी परिवहन ऑपरेटरों का कहना है कि यह कानून चालकों को हतोत्साहित करता है और अन्यायपूर्ण सजाओं का सामना करना पड़ सकता है। उनका दावा हैं कि जब वे घायलों को अस्पताल ले जाने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें भीड़ के हमले का सामना करना पड़ता है और ऐसे हालत में जनता के हाथो चालक कि हत्या हो जाती है। ऐसे में इस कानून को लागु न करने की मांग करते हैं।
परिवहन संघों और चालकों के इस कानून के विरोध के बारे में, अखिल Indian मोटर और माल परिवहन संघ के अध्यक्ष, राजेंद्र कपूर ने कहा, “हमारी सरकार से एकमात्र मांग यह है कि इस निर्णय को हमारे हितधारकों के साथ परामर्श करके लिया जाना चाहिए था। इस पर किसी से भी चर्चा नहीं हुई, और किसी से भी पूछा नहीं गया। इससे पहले कुछ बैठकें और परामर्श तो होने ही चाहिए थे।”
साल के पहले दिन, सोमवार को नए हिट-एंड-रन कानून के विरोध में, मध्य प्रदेश के राज्य भर में निजी बस और ट्रक चालकों ने ‘चक्का जाम’ कर दिया था।
इसी तरह, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी बस चालकों ने नए केंद्रीय कानून के विरोध में एक प्रदर्शन किया था।
इस बिल के समर्थन में, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह कानून सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देगा और दुर्घटनाओं को कम करेगा। उन्होंने कहा कि यह कानून चालकों को जिम्मेदार बनाएगा और उन्हें घायलों की मदद करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने विपक्ष को इस कानून को राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया और कहा कि यह कानून देश के हित में है।
इस बिल के प्रभाव के बारे में, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह कानून एक दोहरे मापदंड का उदाहरण है, जो एक तरफ से सड़क दुर्घटनाओं के दोषियों को कड़ी सजा देता है, लेकिन दूसरी तरफ से सड़कों की गुणवत्ता और नियमों को सुधारने के लिए कुछ भी नहीं करता है। उन्होंने कहा कि यह कानून चालकों को डरा रहा है और उन्हें अपराधी के रूप में देखेगा, जबकि सरकार को उनकी समस्याओं को सुनना और समाधान करना चाहिए।
इस बिल के पीछे की प्रेरणा के बारे में, कुछ सूत्रों का कहना है कि यह कानून एक पुरानी घटना के बाद बनाया गया है, जिसमें एक विधायक का बेटा एक लड़की को ओवरस्पीडिंग करते हुए मारके भाग गया था। इस मामले में, विधायक का बेटा बाद में गिरफ्तार हुआ था, लेकिन उसे केवल दो वर्ष की सजा मिली थी। इस घटना ने देश में आक्रोश पैदा किया था और कई लोगों ने ऐसे अपराधियों के खिलाफ कड़ी सजा की मांग की थी।
इस प्रकार, Indian न्याय संहिता बिल एक ऐसा कानून है, जो देश में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और उनके पीड़ितों को न्याय दिलाने का दावा करता है, लेकिन वह भी चालकों के अधिकारों और हितों को चुनौती देता है। इस कानून का समर्थन या विरोध करने वाले लोगों के बीच एक गहरी असहमति है। इस कानून के प्रभाव और परिणाम को लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं। क्या यह कानून सच में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और उनके पीड़ितों को न्याय दिलाने में मदद करेगा? या फिर यह केवल चालकों को दबाने और उनके ऊपर अत्याचार करने का एक साधन है? क्या इस कानून को बनाने के पीछे कोई राजनीतिक उद्देश्य है? या फिर यह एक नैतिक जिम्मेदारी है? इन सवालों के जवाब जानने के लिए, हमें इस कानून को विस्तार से समझने और उसके पक्ष और विपक्ष को तर्कपूर्ण ढंग से मंथन करने की जरूरत है।
हमारी इस वीडियो का उद्देश्य यही था कि आपको Indian न्याय संहिता बिल के बारे में जानकारी दे सके। हमें आशा है कि आपको यह पसंद आया होगा और आप इस विषय पर और अधिक जानने के लिए प्रेरित होंगे। यदि आपके पास इस बिल के बारे में कोई सुझाव या टिप्पणी है, तो कृपया हमें बताएं। हम आपके विचारों को सुनने के लिए उत्सुक हैं।
नमस्कार,आप देख रहे थे AIRR न्यूज़। धन्यवाद।
Extra 👍
BNS बिल, Indian दण्ड संहिता, विवाद, राहुल गांधी, अमित शाह, सड़क सुरक्षा, चालक, दुर्घटना, सजा, जुर्माना, परिवहन संघ, आंदोलन, चक्का जाम, विपक्ष, समर्थन, प्रभाव, प्रेरणा,BNS Bill, Indian Penal Code, Controversy, Rahul Gandhi, Amit Shah, Road Safety, Driver, Accident, Punishment, Fine, Transport Union, Protest, Strike, Opposition, Support, Impact, Inspiration