भारत में 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए राजनीतिक दलों की तैयारियां तेज हो रही हैं। विपक्षी गठबंधन “INDIA Block?” के सदस्य दलों ने अपने राज्यों में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए विभिन्न पहलें की हैं। लेकिन केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, और वस्त्र मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को यहां कहा है कि इन दलों को अपने राज्यों के बाहर एक भी वोट नहीं मिलेगा और वे अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
आज हम बात करेंगे भारत की राजनीतिक परिदृश्य के बारे में, जहां विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक का गठन हुआ है। इस ब्लॉक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, आम आदमी पार्टी और डीएमके शामिल हैं। इन दलों का कहना है कि वे भाजपा के विरोध में एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे और जनता को एक विकल्प प्रदान करेंगे। लेकिन क्या यह गठबंधन भाजपा को चुनौती दे पाएगा? क्या इन दलों के पास कोई सामंजस्य है? क्या इन दलों को अपने राज्यों के बाहर कोई समर्थन मिलेगा? आइए जानते हैं इन सवालों के जवाब। नमस्कार आप देख रहे हैं AIRR न्यूज।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को चेन्नई में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि “INDIA Block?”केवल यूपीए का नया रूप है। उन्होंने कहा कि इस ब्लॉक के सदस्य दलों को अपने राज्यों के बाहर एक भी वोट नहीं मिलेगा और वे अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, तृणमूल कांग्रेस जो अपने राज्य में ही संघर्ष कर रही है, पूर्व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जिनकी पार्टी दो अंक के आंकड़े तक नहीं पहुंचेगी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार, और आम आदमी पार्टी जो अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है, का उदाहरण देते हुए ,उन्होंने कहा कि वे इन दलों को भाजपा के सामने कोई खतरा नहीं मानते हैं। वे कहते हैं कि इन दलों का कोई राष्ट्रीय एजेंडा नहीं है और वे अपने राज्यीय हितों के लिए एक साथ आए हैं। वे यह भी कहते हैं कि इन दलों के बीच कोई नेतृत्व की कमी है और वे अपने आपस में मतभेदों से जूझ रहे हैं।
लेकिन “INDIA Block?” के समर्थक इस बात से असहमत हैं। वे कहते हैं कि इन दलों ने भारत की लोकतंत्र, सामाजिक न्याय और विकास के लिए एक साझा मंच बनाया है। वे कहते हैं कि इन दलों को अपने राज्यों में जनता का विश्वास है और वे अपने कार्यों के आधार पर देशभर में लोगों को आकर्षित करेंगे। वे यह भी कहते हैं कि इन दलों में अनेक योग्य नेताओं की भरमार है और वे भाजपा के एकल नेतृत्व के विरोध में एक सशक्त विकल्प बनाने के लिए तैयार हैं।
इस प्रकार, भारत की राजनीतिक परिदृश्य में एक नया मोड़ आया है, जिसमें भाजपा और “INDIA Block?” के बीच एक तकराव देखने को मिलेगा। यह तकराव न केवल चुनावी मैदान में, बल्कि विभिन्न मुद्दों पर भी होगा। इन मुद्दों में कोविड-19 का प्रबंधन, अर्थव्यवस्था की स्थिति, किसानों का आंदोलन, शिक्षा और स्वास्थ्य की नीतियां, राज्यों के अधिकार, धार्मिक सहिष्णुता, राष्ट्रवाद और अंतर्राष्ट्रीय संबंध शामिल हैं।
इसलिए, आने वाले दिनों में हमें देखना होगा कि इन दलों का आपसी समन्वय कैसा रहता है और वे भाजपा को कितनी चुनौती दे पाते हैं। यह भी देखना होगा कि जनता इन दलों के प्रति कितना सकारात्मक रुख अपनाती है और वे इनके विचारों और विजन को कितना समर्थन देती हैं। इस तरह, भारत की राजनीति में एक रोमांचक और रोचक दौर शुरू हो गया है, जिसका परिणाम 2024 के लोकसभा चुनावों में देखने को मिलेगा।
यह थी आज की खास वीडियो, आशा है कि आपको यह पसंद आई होगी।
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