लोकसभा चुनाव के बाद होगा फैसला-India and Iran – agreement
भारत-ईरान में होने वाला है बड़ा समझौता!
चाबहार बंदरगाह पर होगा अहम फैसला
बंदरगाह को दिया जा रहा अंतिम रूप
लोकसभा चुनाव के बाद ईरान का दौरा
जहाजरानी मंत्री के नेतृत्व में होगा दौरा
बंदरगाह पर 2003 से चल रहा है काम
India and Iran ने दो दशक से अधिक की धीमी गति से चल रही बातचीत के बाद चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए एक दीर्घकालिक कॉन्ट्रैक्ट को अंतिम रूप दे दिया है… मामले की जानकारी रखने वाले तीन सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है… भारत में हो रहे लोकसभा चुनाव के बाद जहाजरानी मंत्री के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ईरान का दौरा करेगा. 2024 की दूसरी छमाही में ये दौरा होगा और इस दौरान चाबहार बंदरगाह से जुड़े कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किया जाएगा. दक्षिणपूर्वी ईरान में स्थित इस बंदरगाह को भारत की मदद से बनाया गया है जिसके विकास से इसका अधिकाधिक लाभ उठाया जा सकेगा… -India and Iran – agreement
दोनों देशों के बीच होने वाले इस कॉन्ट्रैक्ट को लेकर नई दिल्ली स्थित ईरानी दूतावास ने अपनी पुष्टि कर दी है. एक बातचीत में ईरानी दूतावास के एक प्रवक्ता महदी एस्फांदियारी ने कहा, ‘यह कॉन्ट्रैक्ट अंतिम चरण में है. हम भारतीय प्रतिनिधिमंडल के ईरान जाने का इंतजार कर रहे हैं. यह दोनों पक्षों के लिए एक बहुत अच्छा और लाभ पहुंचाने वाला समझौता है.’.. आपको बता दें कि चाबहार में साल 2003 से काम चल रहा है..-India and Iran – agreement
भारत ने ईरान के चाबहार बंदरगाह पर 2003 से सहयोग करना शुरू किया था.. जब ईरान के राष्ट्रपति मोहम्मद खातमी भारत आए थे… इस दौरान भारत ईरान को बंदरगाह के साथ-साथ बुनियादी ढांचे के विकास में मदद करने के लिए सहमत हुआ था.. भारत को इस बंदरगाह में इसलिए दिलचस्पी है क्योंकि बंदरगाह भारतीय सामान को अफगानिस्तान और मध्य एशिया के बाजारों तक पहुंचने के लिए एक रणनीतिक प्रवेश द्वार प्रदान करता है..हालांकि, बंदरगाह के विकास का काम बेहद धीरे-धीरे आगे बढ़ा है. साल 2013 में, भारत ने चाबहार के विकास के लिए 10 करोड़ डॉलर देने का वादा किया...
साल 2016 में, भारत, ईरान और अफगानिस्तान ने एक इंटरनेशनल ट्रेड कॉरिडोर के विकास के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसमें चाबहार को सेंट्रल ट्रांजिट पॉइंट के रूप में शामिल किया गया… भारत चाबहार के Shahid Behesti टर्मिनल के विकास में 8.5 करोड़ डॉलर का निवेश करने पर भी सहमत हुआ… आपको बता दें कि ईरान का चाबहार बंदरगाह भारत के लिए बेहद अहम है लेकिन ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते इसके विकास में कभी तेजी नहीं आ पाई. अब भारत इस बंदरगाह पर तेजी से काम करना चाहता है.
चुनाव के बाद इसे लेकर ईरान के साथ दीर्घकालिक समझौता होने वाला है.. एक सवाल ये है कि चाबहार बंदरगाह का काम इतने सालों से क्यों लटका हुआ था… दरअसल ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से चाबहार बंदरगाह का काम प्रभावित हुआ था..हालांकि, ईरान पर उसके परमाणु कार्यक्रम के लिए पश्चिमी प्रतिबंधों के दोबारा लगाए जाने से बंदरगाह का काम बुरी तरह प्रभावित हुआ. अब तक, भारत बंदरगाह को विकसित करने के लिए केवल 2.5 करोड़ डॉलर के छह मोबाइल हार्बर क्रेन दे सका है…
India and Iran अब बंदरगाह के विकास को तेज करने के लिए आम चुनाव के बाद एक दीर्घकालिक कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हैं. कॉन्ट्रैक्ट 10 सालों के लिए वैध होगा. इससे पहले दोनों पक्ष एक साल के कॉन्ट्रैक्ट पर ही हस्ताक्षर करते आए हैं.. ऐसी ही खबरों को जानने के लिए आप जुड़े रहिए AIRR NEWS के साथ..