Guarding the Parliament: The Mysterious Unraveling of the Unprecedented Incident of December 13, 2023

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इसने संसद की कार्यवाही में बाधा डाली और सदन को स्थगित करने को मजबूर किया। इसके अलावा, संसद के बाहर भी दो और व्यक्तियों ने इसी तरह की हरकत की और उन्हें भी Arrested किया गया। इस घटना ने संसद की सुरक्षा को चुनौती दी और राजनीतिक उथल-पुथल मचाई। इस वीडियो में हम इस मामले के पीछे के व्यक्तियों, घटनाओं, तथ्यों और परिणामों का विश्लेषण करेंगे। नमस्कार आप देख रहे है AIRR न्यूज़-Incident -Guarding the Parliament

इस मामले में अब तक पांच व्यक्तियों को Arrested किया गया है, जिनके नाम हैं मनोरंजन डी, सागर शर्मा, नीलम आजाद, अमोल शिंदे और ललित झा। इनमें से मनोरंजन और सागर ने संसद के कक्ष में घुसकर धुआं फैलाया और नारे लगाए, जबकि नीलम और अमोल ने संसद के बाहर रंगीन गैस छिड़की और नारे लगाए। ललित झा को इस मामले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है, जिसने इस घटना को महीनों पहले से ही योजना बनाकर किया। इन पांचों को अवैध गतिविधियों रोकने के अधिनियम UAPA के तहत आतंकवाद से जुड़े आरोपों में Arrested किया गया है। 

इन व्यक्तियों के बारे में हुई जांच में यह पता चला है कि वे सरकार की नीतियों से असंतुष्ट हैं। उन्होंने अपने आप को ‘आवाज ऑफ इंडिया’ के नाम से बताया है और उनका कहना है कि उन्होंने इस तरह की कार्रवाई करके जनता की भावनाओं को दर्शाना चाहते थे। उन्होंने यह भी कहा है कि उन्होंने किसी को नुकसान पहुंचाने का इरादा नहीं था और उन्होंने जो धुआं फैलाया था वह कोई जहरीला नहीं था। 

इस मामले में एक और राजनीतिक आयाम है, जो संसद के एक सांसद प्रताप सिंहा से जुड़ा है। प्रताप सिंहा भारतीय जनता पार्टी BJP के सांसद हैं और उनका आरोप है कि उन्होंने अपने हस्ताक्षर किए हुए पास को इस घटना में शामिल होने वाले व्यक्तियों को देने का दोषी है। इस पास के जरिए मनोरंजन डी ने संसद में प्रवेश किया था। प्रताप सिंहा का कहना है कि उन्होंने इस पास को अपने चुनाव क्षेत्र के एक विद्यार्थी को दिया था, जो उन्हें संसद का दौरा करने के लिए आग्रह कर रहा था। उन्होंने यह भी कहा है कि उन्हें इस बात का पता नहीं था कि उस विद्यार्थी ने अपना पास किसी और को दे दिया था। 

इस मामले को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर जमकर हमला किया है और कहा है कि यह संसद की गरिमा और सुरक्षा का अपमान है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से इस मामले पर बयान देने और जिम्मेदारों को सजा देने की मांग की है। उन्होंने यह भी मांगा है कि प्रताप सिंहा को उनके पास के दुरुपयोग के लिए निलंबित किया जाए।  

इसके विपरीत, सत्ताधारी दल ने इस मामले को बगावत का मामला बताया है और कहा है कि यह एक षड्यंत्र है, जिसका उद्देश्य संसद को बदनाम करना और सरकार को घेरना है। उन्होंने विपक्ष को इस घटना की निंदा करने और संसद की कार्यवाही में भाग लेने की अपील की है।  

इस तरह ये घटना महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दे की तरफ इशारा दे रही है। हमें उम्मीद है कि हमने आपको इस मामले के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि सुरक्षा, न्याय और लोकतंत्र के मूल्यों का सम्मान करना हम सभी की जिम्मेदारी है। 

अगर आपके पास इस विषय पर और कोई प्रश्न हैं, तो कृपया हमें बताएं। हम आपकी मदद करने के लिए यहां हैं। नमस्कार आप देख रहे थे AIRR न्यूज़।

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