आजकल की प्रतिस्पर्धात्मक Education प्रणाली में परीक्षाओं का महत्त्व अत्यधिक बढ़ गया है। छात्रों की योग्यता और उनकी मेहनत का मूल्यांकन परीक्षाओं के माध्यम से किया जाता है। हालांकि, पिछले कुछ समय से परीक्षाओं में अनियमितताओं और प्रश्न पत्र लीक की घटनाओं ने शिक्षा व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा आयोजित परीक्षाओं में हुई अनियमितताओं ने गंभीर प्रश्न उठाए हैं। क्या हमारी परीक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है? क्या हम परीक्षाओं को और अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बना सकते हैं? इसी संदर्भ में शिक्षा मंत्रालय ने एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है, जिसका उद्देश्य परीक्षाओं की प्रक्रिया को सुधारना और उसे सुरक्षित बनाना है। आइए, इस मुद्दे को विस्तार से समझते हैं।-Improvements Education update
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आज की हमारी खास रिपोर्ट में हम बात करेंगे Education मंत्रालय द्वारा गठित की गई उच्च स्तरीय समिति के बारे में, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी यानी NTA द्वारा आयोजित परीक्षाओं की प्रक्रिया में सुधार और सुरक्षा को बढ़ाना है।-Improvements Education update
Education मंत्रालय ने हाल ही में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है जिसका प्रमुख उद्देश्य परीक्षाओं के संचालन में पारदर्शिता, सुगमता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना है। इस सात सदस्यीय समिति का नेतृत्व पूर्व इसरो प्रमुख डॉ. के. राधाकृष्णन कर रहे हैं। यह कदम तब उठाया गया जब NTA द्वारा आयोजित UGC-NET परीक्षा का प्रश्न पत्र डार्कनेट पर लीक हो गया था। इसके अलावा, NEET परीक्षा में भी अनियमितताओं के आरोप लगे हैं, जिससे परीक्षा प्रक्रिया पर गंभीर बहस छिड़ गई है।
आइये अब बात करते है समिति के अन्य सदस्य की तो इस समिति में शामिल अन्य सदस्य इस प्रकार हैं।-Improvements Education update
– डॉ. रांदीप गुलेरिया, पूर्व निदेशक, AIIMS दिल्ली
– प्रोफेसर बी. जे. राव, कुलपति, केंद्रीय विश्वविद्यालय हैदराबाद-Improvements Education update
– प्रोफेसर राममूर्ति के, प्रोफेसर एमेरिटस, सिविल इंजीनियरिंग विभाग, IIT मद्रास
– पंकज बंसल, सह-संस्थापक, पीपल स्ट्रॉंग और बोर्ड सदस्य, कर्मयोगी भारत
– प्रोफेसर आदित्य मित्तल, डीन ऑफ स्टूडेंट अफेयर्स, IIT दिल्ली
– गोविंद जयसवाल, संयुक्त सचिव, Education मंत्रालय-सदस्य सचिव
समिति का मुख्य कार्य परीक्षा प्रक्रिया में सुधार करना है। इसमें पूरी परीक्षा प्रक्रिया का विश्लेषण करना और प्रणाली की दक्षता को बढ़ाने के उपाय सुझाना शामिल है। इसके साथ ही, समिति NTA की मौजूदा मानक संचालन प्रक्रियाओं और प्रोटोकॉल की समीक्षा करेगी और इन्हें मजबूत करने के उपाय सुझाएगी। इस प्रक्रिया में कागज तैयार करने और अन्य परीक्षा प्रक्रियाओं से संबंधित मौजूदा सुरक्षा प्रोटोकॉल की जांच शामिल होगी, जिससे प्रणाली को और अधिक मजबूत और सुरक्षित बनाया जा सके।
इसके अलावा, समिति NTA के संगठनात्मक ढांचे और कार्यप्रणाली की भी समीक्षा करेगी।
आपको बता दे कि समिति का गठन एक महत्वपूर्ण कदम है जो Education प्रणाली में आवश्यक सुधार लाने की दिशा में उठाया गया है। आइए, इसके विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण करते हैं।
परीक्षाओं में प्रश्न पत्र लीक और अन्य अनियमितताओं का इतिहास पुराना है। इसने छात्रों के भविष्य पर गहरा प्रभाव डाला है। पिछले कुछ सालों में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जिनमें उच्च स्तरीय परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक हुए और इसके परिणामस्वरूप परीक्षाओं को रद्द करना पड़ा।
ऐसे में Educationप्रणाली में सुधार की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही है। परीक्षाओं की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, निष्पक्ष और सुरक्षित बनाना आवश्यक है ताकि छात्रों का भविष्य सुरक्षित रहे और वे बिना किसी दबाव के अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर सकें।
वही समिति द्वारा किए गए सुधारों का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह सीधे छात्रों के भविष्य से जुड़ा हुआ है। परीक्षाओं की प्रक्रिया में सुधार और सुरक्षा को बढ़ाने से न केवल परीक्षाओं की विश्वसनीयता बढ़ेगी, बल्कि छात्रों और अभिभावकों का विश्वास भी बहाल होगा।
समिति की सिफारिशों के आधार पर Education प्रणाली में किए गए सुधार भविष्य में परीक्षाओं को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाने में मदद करेंगे। यह कदम न केवल अनियमितताओं को रोकने में सहायक होगा, बल्कि इससे Education प्रणाली की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी।
हालाँकि परीक्षाओं में अनियमितताओं के मामले केवल भारत तक ही सीमित नहीं हैं। दुनिया भर में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिनमें उच्च स्तरीय परीक्षाओं में प्रश्न पत्र लीक और अन्य अनियमितताओं की घटनाएं सामने आई हैं।
जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका में SAT और ACT परीक्षाओं में भी प्रश्न पत्र लीक के मामले सामने आए हैं। इसके चलते परीक्षा बोर्ड को नई सुरक्षा नीतियां अपनानी पड़ीं। परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा बढ़ाने और ऑनलाइन परीक्षा प्रणाली को मजबूत करने के उपाय किए गए।
वही चीन में भी उच्च स्तरीय परीक्षाओं में अनियमितताओं के मामले सामने आए हैं। गाओकाओ, जो चीन की राष्ट्रीय कॉलेज प्रवेश परीक्षा है, में प्रश्न पत्र लीक और धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं। इसके चलते चीनी सरकार ने परीक्षा प्रणाली को सुधारने के लिए कड़े कदम उठाए।
बाकि दुनिया के अन्य देशों में भी परीक्षाओं में अनियमितताओं के मामले सामने आए हैं। इन घटनाओं ने वैश्विक स्तर पर परीक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
तो इस तरह हमने जाना कि समिति का गठन एक महत्वपूर्ण कदम है जो भारतीय Education प्रणाली में आवश्यक सुधार लाने की दिशा में उठाया गया है। यह कदम परीक्षाओं की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, निष्पक्ष और सुरक्षित बनाने में सहायक होगा। इससे न केवल छात्रों का भविष्य सुरक्षित रहेगा, बल्कि शिक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी।
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